बच्चों में डरावने सपने आने के कारण, लक्षण व उपाय || Bache Ko Bure Sapne Kyun Aate Hain

बच्चों के विकास के लिए अच्छे स्वास्थ्य तथा पर्याप्त नींद की आवश्यकता होती है परंतु कई ऐसे कारण होते हैं जिसकी वजह से बच्चे पर्याप्त नींद लेने में सक्षम नहीं हो पाते और उनके दिमाग में विभिन्न विकार उत्पन्न होने लगते हैं। जिसमें एक समस्या डरावने सपने आने की है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको यह बताएंगे कि बच्चों में डरावने सपने आने का क्या कारण है। (Baccho me daravne sapne aane ka karad) इसके क्या लक्षण हो सकते हैं, (Daravne sapne aane ke lakshan) तथा क्या उपाय (Daravne sapne na aane ke upay) करके आप अपने बच्चे को ऐसे सपनों से बचा सकते हैं।

यदि आप भी डरावने सपनों के कारण, लक्षण व उपाय (Daravne sapne aane ka kard, lakshan,upay)के विषय में जानना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

डरावने सपने क्या हैं?

डरावने सपने में होते हैं जिनके कारण व्यक्ति डर जाता है डरावने सपने देखने पर बच्चे या बड़े गहरी नींद से उठ कर रोने लगते हैं या चिल्लाने लगते हैं। डरावने सपने देखने के कारण बच्चे डरने लगता है और उसे घबराहट होने लगती है डरावने सपने दैनिक दिनचर्या से य बच्चे की कल्पनाओं से जुड़े होते हैं इनमें किसी भूत प्रेत या किसी जंगली जानवर को सपने मैं देखना डरावना सपनों में आता है।

बच्चों को डरावने सपने क्यों आते हैं?

बच्चों को डरावने सपने आने का क्या कारण है इसके विषय में कोई ठोस जानकारी नहीं है परंतु फिर भी इस विषय पर शोध किए गए हैं। शोध के अनुसार यह पाया गया है कि मस्तिष्क का एक भाग एमिग्डाला (Amygdala)  डर तथा जनता के लिए उत्तरदाई होता है। बच्चों के सोते समय यह भाग अधिक सक्रिय हो जाता है जिस कारण बच्चे को डरावने सपने आने लगते हैं। बच्चे को डरावने सपने आने का एक कारण बच्चों की दैनिक क्रियाओं से जुड़ी यादें उसके दिमाग में रह जाते हैं जो उसे रात में सपनों के माध्यम से दिखाई देती हैं।

बच्चों को किस उम्र से डरावने सपने आना शुरू होते हैं?

इस विषय में कोई ठोस जानकारी नहीं है कि बच्चों को किस उम्र से डरावने सपने आते हैं। छोटे बच्चे भी डरावने सपनों का शिकार होते हैं और कुछ बड़े बच्चे भी ऐसी समस्या से ग्रसित होते हैं परंतु ज्यादातर बच्चों में यह पाया गया है कि 2 साल से ऊपर के बच्चों में डरावने सपने आते हैं। ज्यादातर सपने सुबह 4:00 से 6:00 के समय डरावने सपनों की शिकायत होती है सबसे अधिक डरावने सपनों की शिकायत 3 से 6 वर्ष के बच्चों में पाई जाती है।

बच्चों में डरावने सपने आने का कारण

हमने आप को बच्चों में डरावने सपने आने के कुछ कारण बताए हैं।

1. किसी दुर्घटना का शिकार होना

यदि बच्चे के सामने कोई दुर्घटना हुई है या बच्चा खुद ही किसी दुर्घटना का शिकार हुआ है तब बच्चे को डरावने सपने आने की शिकायत हो सकती है क्योंकि बच्चे के दिमाग में दुर्घटना की मेमोरी घूमती रहती है जो सपने आने का एक कारण बन सकती है।

2. कल्पना शक्ति का एक्टिव होना

कई बच्चे ऐसे होते हैं जो तरह-तरह की चीजों को लेकर कल्पना करते रहते हैं। ऐसे बच्चों का दिमाग एक्टिव होता है और वह हर चीज को नई तरह से समझने का प्रयास करते हैं अधिक कल्पना शक्ति का एक्टिव होना भी डरावने सपने आने का कारण हो सकता है।

3. डरावनी फिल्में देखना

बच्चों में अधिक समझना होने के कारण उन्हें टीवी तथा फिल्मों में होने वाले किरदार सच लगने लगते हैं। हॉरर फिल्में देखने के कारण बच्चे के मन में डरावने सपने आने लगते हैं बच्चे को ऐसा प्रतीत होने लगता है कि सच में कोई भूतिया किरदार होता है। बच्चा इसे अपने दिमाग में बसा लेता है जिसके कारण भी बच्चे को डरावने सपने आने लगते हैं।

4. तनाव और चिंता

कुछ बच्चों में अधिक तनाव और चिंता के कारण भी डरावने सपने आ सकते हैं। बच्चों में तनाव और चिंता का कारण नए स्कूल में दाखिला नई कक्षा में प्रवेश या कक्षा में अच्छा प्रदर्शन ना करें का डर होता है। बच्चों का मन नाजुक होता है इसके अन्य कारण यह भी हो सकते हैं कि उनके माता-पिता का अलग होना उनके घर में किसी नए मेहमान का आना या किसी ऐसे व्यक्ति का आना जिन्हें वह पसंद नहीं करते हैं। यह विभिन्न दिक्कतें हैं जिस की जनता बच्चे के दिमाग में घर कर लेती है बच्चा इन चीजों को सोचता रहता है और डरावने सपने आने लगते हैं।

5. नींद पूरी ना होना

3 से 5 वर्ष के बच्चों को 10 से 13 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। यदि किसी कारणवश बच्चे पर्याप्त में नहीं ले पाते तो उनका दिमाग कितने लगता है। धीरे धीरे बच्चे के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव करने लगता है दिमाग को पूरी तरीके से आराम ना मिल पाने के कारण बच्चे के दिमाग में विभिन्न प्रकार के ख्याल आने लगते हैं इसके कारण भी बच्चे को डरावने सपने आने लगते हैं।

6. आनुवंशिक कारण

इस शोध से यह प्रमाणित हुआ है कि जिन बच्चों के माता-पिता अपने बचपन में डरावने सपनों की समस्या से गुजरे हैं। उनके बच्चों में भी यह समस्या देखने को मिलती है इसलिए डरावने सपने आना एक अनुवांशिक कारण भी हो सकता है।

7. बुखार

बच्चों में बुखार होने के कारण भी डरावने सपने आने की शिकायत होती है। कुछ बच्चे बुखार के समय ही डरावने सपने के कारण चीखने चिल्लाने लगते हैं बुखार बच्चे के स्वास्थ्य तथा दिमाग को ग्रसित करता है जिसके कारण बच्चे को यह समस्या होने लगती है।

8. सोते समय सांस लेने में दिक्कत होना

सोते समय बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है जिसके कारण भी बच्चे को डरावने सपने आने की शिकायत होती है।

बच्चों में डरावने सपने आने के लक्षण

  • बेचैनी होना
  • भावनात्मक समस्याएं जैसे रोना, चिड़चिड़ापन, उदासी, डरा हुआ या अकेला महसूस करना
  • रात में तेजी से सांस लेना
  • नींद न आना व रात भर जागना
  • मुंह खोलकर सोना
  • बार-बार करवट बदलना
  • अत्यधिक पसीना आना
  • बच्चों में सिरदर्द
  • नींद में बोलना
  • नींद में चलना
  • सुबह-सुबह उठ जाना
  • दिल की धड़कनों का बढ़ना

बच्चे को डरावने सपने आए तो क्या करें?

बच्चे को डरावने सपने आने पर आप क्या उपाय कर सकते हैं। इसके विषय में हमने आपको नीचे जानकारी प्रदान की है।

  • यदि आपके बच्चे को डरावना सपना आया है और वह डर रहा है तो आप अपने बच्चे के पास तब तक रहे जब तक वह दोबारा ना सो जाए।
  • यदि डरावना सपना देखने के कारण बच्चा चिल्ला रहा है तो आप उसके पास जाएं और उसे यह विश्वास दीलाएं कि कुछ नहीं हुआ है उसके सुलाने ने का प्रयास करें और उसे शांत करें।
  • डरावना सपना आने पर मां को बच्चे के साथ सोना चाहिए मां के स्पर्श से बच्चे को हिम्मत मिलती है और उसे डर नहीं लगता।
  • बच्चे को यह समझाने का प्रयास करें कि सपनों का असल जिंदगी पर कोई प्रभाव नहीं होता।
  • यह भी डरावने सपने के कारण बचा डर रहा है तब माता को उसे अपने सीने से लगाना चाहिए उसे विश्वास दिलाना चाहिए की डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। उसे प्यारी सी लोरी सुना कर भी  सुलाया जा सकता है।
  • यदि डरावना सपना आने पर बच्चा आपसे बात करना चाहता है तो आप बच्चे की बात को ध्यान से सुने और उसके डरावने सपने के बारे में बात करें।
  • बच्चे को अच्छी कहानियां सुनाने का प्रयास करें बच्चे को यह विश्वास दिलाएं कि बुरी शक्तियां कुछ नहीं होती। ईश्वर के पास बुरी शक्तियां भगाने की ताकत होती है हमें हमेशा ईश्वर पर विश्वास रखना चाहिए।
  • सोते समय बच्चे के कमरे में अंधेरा नहीं करना चाहिए अंधेरे कमरे में बच्चे को अधिक डर लगता है।

क्या बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए?

  • यदि बच्चे के डरावने सपने लगातार आ रहे हैं और वह पहले से अधिक भयानक हैं तब बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
  • यदि आप बच्चे को डरावने सपने के विषय में नहीं समझा पा रहे हैं और उसके डर को कम नहीं कर पा रहे हैं तब तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
  • यदि डरावने सपनों के कारण बच्चा रात को सो नहीं पा रहा हो जिसका प्रभाव उसकी दैनिक दिनचर्या पर भी पड़ रहा हो तब डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।

बच्चों में डरावने सपने दूर करने के उपाय (Daravne sapne door karne ke upay)

  • बच्चे के सोने से पहले माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा कोई भी हॉरर फिल्म ना देखें  या कोई डरावनी कहानी ना सुने।
  • इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा किसी तनाव में तो नहीं है। बच्चे की तनाव का कारण घर में नए भाई-बहन का आना घर से दूसरी जगह शिफ्ट होना या नया स्कूल ज्वाइन करना हो सकता है।
  • बच्चे के डरावने सपनों के विषय में दिन में बच्चे से बात करनी चाहिए जिससे बच्चे के मन का डर एवं चिंताएं वह खुलकर  बता पाएगा।
  • यदि बच्चा डरावने सपनों से बहुत अधिक परेशान है तो आप गतिविधियों के द्वारा बच्चे के मन का डर निकाल सकते हैं। बच्चे को अपने सपने के विषय में ड्राइंग करने के लिए जाना चाहिए इससे बच्चे के मन को शांति मिलेगी।
  • बच्चे को पर्याप्त नींद लेना बहुत आवश्यक है यदि बच्चा पर्याप्त नहीं सो रहा है। तो धीरे-धीरे उसका दिमाग थकने लगेगा जिसके कारण बच्चे को डरावने सपने आने की समस्या हो सकती है इसलिए यह ध्यान रहे कि बच्चे को 10 से 13 घंटे के लिए नींद अवश्य दिलाएं।
  • बच्चे को कभी भी भूत-प्रेत आदि के विषय में ना बताएं या कभी उसके सामने ऐसी बातें ना करें।
  • बच्चे को हमेशा प्रेरक तथा मनमोहक कहानियां सुनाकर ही सुलाना चाहिए।
  • जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

क्या बच्चों में डरावने सपने आने से रोका जा सकता है?

बच्चों को डरावने सपने आने से रोका जा सकता है यदि बच्चों को पर्याप्त आराम दिया जाए 4 से 6 महीने के बच्चे को 13 से 16 घंटे की नींद की आवश्यकता है। वहीं 1 से 2 साल के बच्चे को 11 से 12 घंटे की नींद की आवश्यकता है। यदि बच्चे का दिमाग पर्याप्त नींद लेगा वह हमेशा शांत रहेगा और उसे डरावने सपने आने की समस्या नहीं होगी।

बच्चे को सोने में माता-पिता को उसकी मदद करनी चाहिए माता-पिता को एक बेड टाइम रूटीन बनाना चाहिए। यदि बच्चे को नींद आ रही है तो बच्चे को तुरंत सुनाना चाहिए उसके आसपास किसी भी प्रकार की हलचल ना हो जिससे बच्चे की नींद खराब हो बच्चे को लोरी सुना कर या प्यार दुलार करके भी चलाया जा सकता है। बच्चा ही पर्याप्त मिलेगा तो उसे डरावनी सपने आने की समस्या नहीं होगी।

क्या मेरे बच्चे को उम्र भर डरावने सपने आते रहेंगे?

कुछ माता-पिता का यह प्रश्न होता है कि उनका बच्चा क्या उम्र भर डरावने सपनों से ग्रसित रहेगा तो इसका जवाब ना आए जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता रहता है उसकी समझ सकती विकसित होती है और डरावने सपने आने की समस्या कम होने लगती है। इसके लिए माता-पिता को भी कुछ उपाय करने होते हैं। बच्चे का खास ख्याल रखना होता है उसे डरावने सपने आने के कारणों से दूर रखना होता है जिससे बच्चा जल्दी स्वस्थ हो जाता है और उसे जीवन में ऐसी समस्या दोबारा नहीं होती।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों में डरावने सपने आने का कारण, लक्षण व उपाय (Baccho me Bure sapne aane ka kard, lakshan,upaay)ओ के विषय में जानकारी प्रदान की है। यदि आप भी इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को पढ़कर इसके विषय में ज्ञान अर्जित कर सकते हैं।

टॉपिक से संबंधित सारी जानकारी प्रदान करने का हमने आपको प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। हमें आपका उत्तर देने में आभार व्यक्त होगा हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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