बच्चों को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं? | Bachho Ko Self Dependent Kaise Banaye

आत्मनिर्भरता एक ऐसा कौन है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ सकता है और नए नए मुकाम हासिल कर सकता है खुद पर निर्भर होना यह दिखाता है कि व्यक्ति कितना मेहनत करने वाला है क्योंकि यदि कोई दूसरों पर निर्भर रहता है। उससे अपनी जीवन भर परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इसलिए आत्मनिर्भर होना बहुत अधिक आवश्यक है। आत्मनिर्भरता का 1 बच्चों में बचपन से ही सिखाया जाता है छोटे छोटे कार्यों के माध्यम से उन्हें यह समझाया जाता है कि कैसे अपने कार्य को स्वयं करना चाहिए बच्चे की उम्र के हिसाब से जो कार्य वह कर सकते हैं उसे बच्चों को करवाना चाहिए जिससे वह बचपन से ही खुद पर निर्भर होने की आदत डाल लेंगे। उन्हें हर छोटी चीज के लिए किसी दूसरे के ऊपर रहने की आदत को छुड़वा कर खुद के काम स्वयं करने की आदत डलवाने चाहिए।

आत्मनिर्भर व्यक्ति अपने जीवन में मेहनत करके बहुत कुछ प्राप्त कर सकता है। यदि वह जीवन में कुछ भी नहीं है तब भी वह अपने जीवन में मेहनत करके बहुत कमा सकता है जिससे वह अपने जीवन को बिना किसी पर निर्भर हुए काट सकता है। व्यक्ति अपने मन का जीवन व्यतीत कर सकता है तथा उसे किसी के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होती।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चों को आत्मनिर्भर कैसे बनाया जाए इसके विषय में बताएंगे। यदि आपके घर में भी कोई ऐसा बच्चा है जिसे आप आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

आत्मनिर्भरता का अर्थ क्या है?(Meanning of self dependent?)

आत्मनिर्भरता का अर्थ होता है अपने कार्यों को स्वयं करना आत्मनिर्भरता के द्वारा व्यक्ति अपने ऊपर निर्भर होकर अपना जीवन यापन करता है। आत्म निर्भर व्यक्ति को अपने जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती तथा वह जीवन को किस प्रकार जीना है यह सीख जाता है। व्यक्ति का आत्मनिर्भर होना यह दिखाता है कि व्यक्ति कितना मेहनती है और वह अपने जीवन में क्या-क्या मुकाम हासिल कर सकता है।

आत्मनिर्भरता व्यक्ति को समाज में अपनी अलग पहचान बनाने का मौका देती है। यदि व्यक्ति दूसरों पर ही निर्भर रहता है। ऐसे व्यक्ति की समाज में कभी भी अलग पहचान नहीं बनती एक स्वस्थ व्यक्ति यदि दूसरों पर अपने कार्य के लिए निर्भर है। तब वह शारीरिक तथा मानसिक रूप से विकलांग माना जाता है। ऐसे व्यक्ति की समाज में कोई अहमियत नहीं होती तथा उसे अपने जीवन में भी बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।

क्यों बच्चों के लिए आत्मनिर्भर होना जरूरी है?

दुनिया का विकास बहुत तेजी से हो रहा है इस दुनिया में हर व्यक्ति अपने काम में उलझा हुआ है। किसी भी व्यक्ति को दूसरे का कार्य करने की ना तो कोई चाहत है और ना ही वह दूसरे का भला चाहता है इसलिए हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है।बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने से बच्चे अपने विचार अपने परिवार व अपने स्कूल में ठीक तरीके से व्यक्त कर पाएंगे।

यदि बच्चों के अंदर यह गुण होगा तब वह अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे और अपने कार्यों को ठीक ढंग से करने का प्रयास करेंगे। बच्चे के अंदर आत्मनिर्भरता का गुण होने से बच्चे बिना किसी के रोके रोके अपने कार्य को करने में सक्षम होंगे इससे परिवार को भी आसानी होगी। उन्हें अपने बच्चे के साथ शक्ति का व्यवहार नहीं करना होगा।

वह अपनी पढ़ाई में तथा अपने दैनिक कार्यों में हमेशा आगे रहेगा आत्मनिर्भर बच्चा अपने कार्य को स्वयं करना पसंद करता है इसी कारण सभी की इच्छा होती है कि बच्चे हमेशा आत्मनिर्भर बने। नीचे कुछ पॉइंट्स के माध्यम से हमने आपको बताया है कि बच्चों को आत्मनिर्भर कैसे बनाया जा सकता है। यदि आप भी अपने बच्चे को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं तो निम्न पॉइंट्स को फॉलो कर सकते हैं।

अपने बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 12 तरीके | Bachho Ko Self Dependent Kaise Kare

1. धैर्य रखना सिखाएं

माता पिता को बच्चे के अंदर धैर्य रखने की भावना विकसित करनी चाहिए। धैर्य रखने से बच्चा अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ सकता है कई बार ऐसा होता है कि बच्चे किसी खेल में हार जाने से या कक्षा में अच्छे नंबर लाने से अपना आपा खो बैठते हैं तथा परेशान होने लगते हैं।

यदि बच्चे को यह समझाया जाए कि खेलकूद मैं हार जीत किसी की भी संभव है या फिर कक्षा में अच्छे अंक ज्यादा मेहनत करने से लाए जा सकते हैं। तब बच्चा पूरे जोश के साथ अगली बार उस कार्य को संपन्न करेगा और उसमें अच्छा प्रदर्शन कर पाएगा। इसलिए धैर्य की भावना होने पर आत्मनिर्भरता का गुण बच्चे के अंदर अपने आप विकसित हो जाता है और वह किसी भी कार्य को पूरे जोश के साथ करने का प्रयास करता है।

2. अपना काम स्वयं करने दें

बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उससे कुछ कार्य स्वयं करने देना चाहिए जिससे उसे अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा और उसे यह ज्ञान होगा कि उसके क्या कार्य हैं और वह क्या कर सकता है। छोटे बच्चों को उनके स्तर के काम देने चाहिए जैसे उन्हें खाना खुद खाने देना चाहिए या जूते चप्पल को सही से रखने की जिम्मेदारी देनी चाहिए। बच्चे को अपना होमवर्क स्वयं करने को कहना चाहिए इन छोटी चीजों के माध्यम से बच्चे को यह समझ आ जाएगा कि वह किन कार्यों को कर सकता है और मैं बिना किसी के टोके के किसी भी कार्य को कर सकेगा।

3. फैसले लेने की आजादी

बच्चे को फैसले लेने की आजादी देनी चाहिए इसके बच्चे के अंदर आत्मनिर्भरता का भाव पैदा होगा बच्चे के लिए उनके खिलौनों खाने पढ़ाई आदि चीजों का चुनाव खुद करने देना चाहिए। जब बच्चे इन चीजों का चुनाव कर ले तब आपको उनकी तारीफ करनी चाहिए कि उन्होंने जो चुनाव किया है वह ठीक है इससे बच्चों के अंदर अपनी चीजों को स्वयं समझने का स्तर विकसित होगा और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

उदाहरण के लिए यदि आप अपने बच्चों को मेले में लेकर गए हैं और वह खिलौने लेने की जिद कर रहा है आप खिलौने की दुकान पर जाकर बच्चे से कहें कि वह खुद अपने मनपसंद का खिलौने खरीद सकता हैं। बच्चा दुकान पर बहुत सारे खिलौनों को देखेगा परंतु किसी एक को पसंद करेगा। ऐसे बच्चे के अंदर फैसले लेने की क्षमता विकसित होगी और चीजों को समझने का प्रयास करने लगेगा इससे बच्चा आत्मनिर्भर बनेगा।

4. घर के काम में अपने साथ शामिल करें

माता-पिता की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को एक जिम्मेदार इंसान बनाएं बच्चे को माता-पिता को अपने साथ घर के कामों में लगाना चाहिए। माता को अपने साथ किचन में काम करते समय बच्चे को पानी लाने सब्जी धुलने बर्तन रखने आदि जैसे काम देने चाहिए या बच्चे को अपने साथ साफ सफाई करने में लगाना चाहिए।

पिता को बच्चे को अपने साथ साथ ले जाना चाहिए तथा उससे छोटे-छोटे बच्चे के स्तर के काम करवाने चाहिए परंतु माता-पिता को बच्चे के कार्य करते हुए यह ध्यान देना चाहिए कि वह किसी भी कार्य को नुकसान ना पहुंचाएं या वह अपने को नुकसान न पहुंचा ले इसका ध्यान रखना बहुत अधिक आवश्यक है।

बच्चे को छोटे-छोटे कार्य करवाने से बच्चे की विभिन्न कार्यों में समझ विकसित होगी। उसे यह पता चलेगा कि घर के कार्य किस प्रकार किए जाते हैं यदि आप हमेशा अपने बच्चे को घरेलू कार्यों से दूर रखेंगे तब उसे कभी इस बात का एहसास नहीं होगा कि घरेलू कार्य किस प्रकार किए जाते हैं। या इसमे कितनी मेहनत लगती है इसलिए माता-पिता को हमेशा बच्चे को घर के काम में शामिल करना चाहिए।

5. गलतियों से सीखने के बारे में बताएं

बच्चों को उनके अंदर अपनी गलतियों से सीखने की समझ विकसित करने जाएंगे। यदि बच्चे किसी कार्य को करते हैं और वे उस कार्य में गलती करते हैं तब माता-पिता की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चे को बताएं किस प्रकार कार्य करके आपने गलती की है।

इस गलती को सुधार कर आप कैसे अगली बार इसी कार्य को अच्छे ढंग से कर सकते हैं यह आप अपनी गलती के माध्यम से ही सीख सकते हैं। इसके विषय में बताना चाहिए यदि बच्चे अपनी गलतियों से छूटने लगेंगे तब वह बार-बार एक ही गलती को दोहराने से बचेंगे और वह अपने जीवन को सरल बना लेंगे।

अक्सर ऐसा होता है कि बच्चे यदि किसी कार्य को करते समय गलती कर बैठते हैं। तब माता-पिता अपने बच्चे को डांटने लगते हैं और बच्चे दोबारा उस कार्य करने को प्रयास नहीं करते इसलिए बच्चे के गलती करने पर उसे समझाना चाहिए कि किस प्रकार बच्चे को अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और अपने कार्य को पूरे मन से करना चाहिए। इससे बच्चा आत्मनिर्भर बनेगा।

6. काम के लिए परिश्रम की सलाह

बच्चे को यह समझाना चाहिए कि वह परिश्रम के द्वारा अपने जीवन में किन-किन चीजों को हासिल कर सकता है। बच्चे को यदि यह समझ आ जाता है कि वह कद परिश्रम के द्वारा अपने जीवन में किन मुकाम को हासिल कर सकता है तब उसे अपने जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। परिश्रम के द्वारा किसी भी कठिन कार्य को आसानी से किया जा सकता है।

परिश्रम एक ऐसी कुंजी है जो सफलता का रास्ता दिखाती है हमेशा बच्चों को परिश्रमी व्यक्तियों के उदाहरण देनी चाहिए तथा उन्हें बताना चाहिए कि किस प्रकार उन व्यक्तियों ने अपने जीवन में बहुत अधिक परिश्रम करके इतने बड़े मुकाम हासिल किए हैं इसलिए बच्चे को हमेशा अधिक परिश्रम करने के सलाह दे।

7. अपने विचारों को व्यक्त करने के बारे में बताएं

बच्चे को बचपन से ही अपने विचारों को व्यक्त करने वाला बनाना चाहिए। यदि वह बेहिचक किसी के भी सामने अपने विचारों को व्यक्त कर देता है तब वह धीरे-धीरे आत्मनिर्भरता आत्मसम्मान बनता जाएगा। यदि बच्चा शुरुआत में किसी के पास को कहना चाहता है और उसके परिवार के द्वारा बच्चे को बांट दिया जाता है और बोला जाता है कि आप शांत रहें।

बच्चे को यदि अपने विचारों को व्यक्त करने की आजादी नहीं देंगे तब यह जीवन भर किसी के सामने कुछ भी नहीं बोल पाएंगे और अपने साथ होने वाले न्याय और अन्याय तो चुपचाप सहते रहे इसलिए बच्चे को बचपन से ही अपने विचारों को व्यक्त करने की पूरी आजादी देनी चाहिए।

8. दूसरे बच्चों से दोस्ती करने के बारे में बताएं

कई बार ऐसा होता है कि बच्चे अपने सहपाठियों के साथ या दूसरे बच्चों के साथ दोस्ती करने में हिचकिचाते  है वह किसी भी बच्चे से ज्यादा मिलजुल नहीं पाते। हमेशा अकेला रहना पसंद करते हैं इसलिए बच्चे को यह समझाना चाहिए कि दोस्त बनाना कितना आवश्यक है दोस्तों के द्वारा जीवन कितना सुखद रहता है। दोस्त वह होते हैं जिनसे आप किसी भी प्रकार की परेशानी या  कोई भी बात शेयर कर सकते हैं इसलिए बच्चे को सभी से घुलना मिलना सिखाना चाहिए।

9. पैसे की कीमत समझाएं

कुछ बच्चे कैसे होते हैं जिनको एक बार मांगने पर है सारी जरूरतें पूरी कर दी जाती है। बच्चे को जरूरत से अधिक सुख सुविधा प्रदान करने से बच्चा पैसे की कीमत नहीं समझता बच्चे को यह समझ नहीं आता कि यह पैसा कितना परिश्रम करके कमाया हुआ है। यदि बच्चे को सीमित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी तथा उसे पैसे की अहमियत समझाई जाएगी तभी उसे एहसास होगा कि पैसे को किस प्रकार खर्च करना है। यदि बच्चे को जरूरत से ज्यादा सुविधाएं दी जाएंगी तब वह कभी भी किसी चीज की कदर नहीं करेगा और आत्मनिर्भरता की भावना उसके अंदर विकसित नहीं होगी।

10. हमें है भरोसा

यदि बच्चे के द्वारा किया गया कोई प्रयास असफल होता है तब बच्चे को कभी भी माता-पिता को डालना फटकार ना नहीं चाहिए। इससे बच्चे के मन में डर बैठ सकता है कि वह यदि कार्य में सफल नहीं हुआ तो उसे घृणा का सामना करना पड़ेगा। इसके विपरीत बच्चे को यह भरोसा दिलाना चाहिए कि माता-पिता हमेशा बच्चे के साथ हैं बच्चा सफल हो या विफल वह हमेशा बच्चे को प्रोत्साहित करेंगे। बच्चे को आगे और प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे बच्चा दोबारा पूरे जोश के साथ प्रयास करें और उस कार्य में सफल हो।

12. परिश्रम के लिए करें प्रोत्साहित

बच्चे को हमेशा परिश्रम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जिससे बच्चा अपने जीवन में सारे कार्यों को ठीक ढंग से कर पाए बच्चे को यह समझाना चाहिए कि यदि किसी कार्य को अपने हाथ में लिया है तो उसे पूरे मन के साथ करना चाहिए जिससे उसमें सफलता प्राप्त हो सके तभी व्यक्ति जीवन में सफल बन सकता है। माता पिता के द्वारा बच्चे में डाली गई आदतें उसके जीवन पर्यंत उसके साथ चलती हैं इसलिए बच्चे को बचपन से ही एक सांचे में डालना चाहिए और सफल करने का प्रयास करना चाहिए।

निष्कर्ष

आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बताने का प्रयास किया है कि बच्चे को आत्मनिर्भर कैसे बनाया जा सकता है। यदि आप भी अपने बच्चे को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़कर आत्मनिर्भरता के गुणों को सीख सकते हैं।

आर्टिकल से संबंधित सभी जानकारी हमने आपको प्रदान करने का प्रयास किया है। हमारी साइट के द्वारा आपको विभिन्न टॉपिक की जानकारी प्रदान करते हैं। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आते हो आप हमारे आर्टिकल को शेयर करें हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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