गर्भावस्था में उड़द दाल खाने के फायदे व रेसिपी | Urad Dal During Pregnancy

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत सारी चीजें खाने का मन करता है तथा यह जरूरी भी है की गर्भावस्था के दौरान महिलाएं हमेशा स्वस्थ भोजन करें जिससे उनके शिशु को भी स्वस्थ आहार प्राप्त हो सके ब माता बस शिशु दोनों ही सुरक्षित रह सकें। परंतु गर्भावस्था के दौरान उड़द दाल खाना (Urad dal during pregnancy) स्वस्थ होता है या नहीं इसके विषय में जानकारी नहीं होती

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान उड़द दाल खाने के क्या फायदे हैं तथा इसके बनाने की क्या रेसिपी (Urad dal ke fayde, recipe during pregnancy) है। यदि आप भी इसके विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तुम हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

क्या प्रेगनेंसी में उड़द की दाल खाना सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान उड़द दाल खाना फायदेमंद  होता है तथा इसे खाना सुरक्षित (Pregnancy me urad dal ke sevan ki suraksha) होता है। उड़द दाल में आयरन पाया जाता है जो बच्चे की स्वास्थ रखता है तथा खून की कमी होने से बचाता है। उड़द की दाल नाश्ते के साथ-साथ दोपहर के खाने तथा शाम के खाने में भी इस्तेमाल की जा सकती है।

गर्भावस्था में उड़द दाल खाने के फायदे व रेसिपी  Urad Dal During Pregnancy

 गर्भवती महिला को 1 दिन में 2 से ढाई कप दाल ही लेनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे बच्चा स्वस्थ तथा पौष्टिक आहार से परिपूर्ण हो जिसकी कमी उड़द दाल पूरी करता है।

प्रेगनेंसी में उड़द दाल खाने के फायदे ( Pregnancy Me Urad Dal Ke Fayde)

उड़द दाल पौष्टिक आहार से युक्त होती है जिसके कारण इसके अनेकों फायदे हैं। (Pregnancy me urad dal ke fayde) उड़द दाल के फायदों को निम्न पॉइंट के द्वारा स्पष्ट किया गया है।

भ्रूण का बेहतर विकास

उड़द की दाल में प्रोटीन पाया जाता है जो भ्रूण के विकास में मदद करता है। डॉक्टर के अनुसार भ्रूण को सबसे ज्यादा विकास में प्रोटीन की आवश्यकता होती है जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को प्रोटीन अवश्य लेना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को काली उड़द की दाल का सेवन करना एक बेहतर विकल्प है।

पाचन के लिए

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कब्ज जैसी समस्याएं आने लगती हैं इसलिए महिलाओं को आहार में फाइबर युक्त भोजन लेना चाहिए। उड़द की दाल में फाइबर पाया जाता है जो पेट के पाचन में मदद करता है तथा कब्ज जैसी समस्याओं से गर्भवती महिलाओं को दूर रखता है।

कैल्शियम की पूर्ति के लिए

गर्भवती महिला तथा उसके अंदर पल रहे शिशु दोनों को ही कैल्शियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम की सहायता से लो बर्थ बेट जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। तथा गर्भवती महिला की हड्डियों को मजबूत किया जा सकता है इसलिए गर्भवती महिला को दूसरी या तीसरी तिमाही पर कैल्शियम लेना बहुत आवश्यक है। कैल्शियम की पूर्ति करने के लिए उड़द दाल एक बहुत अच्छा विकल्प है।

एनीमिया से बचाव

शिशुओं में यदि आयरन की कमी हो जाती है तब होने एनीमिया की समस्या आने लगती है जिसमें शिशु के शरीर में खून की कमी होती है।आयरन की कमी पूरी करने के लिए उड़द की दाल एक बहुत अच्छा विकल्प है। आयरन की मदद से भ्रूण का शारीरिक तथा मानसिक विकास होता है। उड़द की दाल में आयरन भारी मात्रा में पाया जाता है। जो गर्भवती महिला तथा उनके अंदर पल रहे शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

शरीर को ऊर्जावान बनाए

गर्भवती महिला के भीतर प्लेसेंटा के विकास के लिए शिशु की ग्रोथ के लिए माता के शरीर में उर्जा बनाए रखने के लिए अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। यदि इनकी कमी पूरी नहीं होती तब शिशु का विकास ठीक प्रकार से नहीं हो पाता। उड़द की दाल में आयरन लिपट कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो गर्भवती महिला के शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करते हैं।

दर्द से राहत दिलाना

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण शरीर में भारी दर्द महसूस होता है।गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं में बहुत सारी दिक्कतें आती हैं। उड़द की दाल में एनाल्जेसिक का यानी दर्द नाशक तत्व पाए जाते हैं जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं इसलिए गर्भवती महिला को अपने आहार में उड़द दाल का सेवन अवश्य करना चाहिए।

स्वस्थ वजन के लिए

गर्भवती महिला का वजन पर्याप्त होना बहुत अधिक आवश्यक है तभी शिशु का विकास ठीक प्रकार से हो पाता है। यदि गर्भवती महिला का वजन कम होगा तो शिशु के अंदर भी पोषक तत्वों की कमी होगी और शिशु स्वास्थ्य नहीं रह पाएगा।उड़द दाल के अंदर वजन को बढ़ाने के लिए पोषक तत्व पाए जाते हैं जो वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं तथा शरीर को पौष्टिक आहार प्रदान करते हैं।

पोषण से भरपूर

गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिससे शिशु तथा महिला का विकास अच्छे से हो तथा शिशु के शारीरिक तथा मानसिक विकास में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो। उड़द दाल में भारी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसकी मदद से शिशु का विकास गति के अनुसार होता है। और उसमें किसी भी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ता।

गर्भावस्था के दौरान काली उड़द का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

गर्भवती महिला के लिए उड़द दाल बहुत अधिक फायदेमंद होती है। परंतु इसके खाने से पहले कुछ सावधानियां (pregnancy me urad dal ke sevan me savdhaniya) बरतना आवश्यक है। जिसे निम्न पॉइंट्स में स्पष्ट किया गया है

  • उड़द दाल को पकाने से पहले अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। जिससे इसके अंदर मौजूद घुन या किसी भी प्रकार के कीड़े बाहर निकल जाएं और दाल साफ हो जाए
  • हमेशा गली तथा पकी हुई उड़द दाल का ही सेवन करना चाहिए जिससे पाचन में कोई समस्या ना आए।
  • घर की बजाय यदि रेस्टोरेंट में उड़द की दाल खा रहे हैं तब ध्यान रखना चाहिए कि उसमें अधिक मसाले ना हो। क्योंकि अधिक मसाले गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • उड़द दाल कभी भी बासी नहीं खानी चाहिए उड़द दाल को हमेशा ताजा खाना चाहिए।
  • बिना पॉलिश वाली उड़द दाल का सेवन करना चाहिए कोशिश करें कि उड़द की दाल खेत से निकली हुई ताजा दाल हो।
  • उड़द की दाल को कभी भी एक से डेढ़ कब से अधिक नहीं खानी चाहिए क्योंकि इसमें फाइबर पाया जाता है। अधिक फाइबर के कारण पेट में ऐठन कब्ज या गैस बनने की समस्या हो सकती है।
  • हमेशा दो टुकड़ों में टूटी हुई उड़द दाल ही खरीदनी चाहिए क्योंकि साबुत उड़द दाल में पकने में अधिक समय लगता है तथा पेट के पाचन में भी  समस्या आती है।
  • यदि उड़द की दाल में कीड़े हो जाएं तो उसे कभी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

प्रेगनेंसी में खाने के लिए काली उड़द दाल से बनी लड्डू की रेसिपी

प्रेगनेंसी के दौरान कोई स्वादिष्ट चीजें खाने का मन करता है परंतु सादा खाना खाने में स्वाद नहीं आता। इसलिए आप उड़द दाल को लड्डू बनाकर भी खा सकते हैं उड़द दाल से बने लड्डू (Urad dal recipe)की रेसिपी नीचे दी गई है।

सामग्री :

  • 1 कप काली उड़द दाल
  • 1 कप चीनी
  • आधा कप घी
  • 4 से 5 भूने हुए व बारीक कटे हुए काजू

बनाने की रेसिपी

  • पैन को गर्म करके काली उड़द दाल को अच्छी तरह से घी में भून लेना चाहिए।
  • अच्छी तरह बनने के पश्चात उड़द दाल को ब्लेंडर में डालकर अच्छे से पीसकर उसका पाउडर बनाना चाहिए।
  • पाउडर को कटोरी में करने के बाद उसमें काजू चीनी को अच्छी तरह से मिक्स कर लेना चाहिए।
  • सारी चीजों को अच्छे से मिलाने के बाद इस मिक्सचर के गोल गोल लड्डू बनाने चाहिए और उसे एयरटाइट कंटेनर में रख देना चाहिए।
  • दोपहर के बाद खाने में काली उड़द दाल से बने लड्डू का सेवन करना चाहिए।
  • खाने के बाद मीठा खाने की क्रेविंग होने पर उड़द दाल से बने लड्डू का सेवन कर सकते हैं।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. गर्भवती महिला को 1 दिन में कितनी उड़द दाल का सेवन करना चाहिए?

गर्भवती महिला को 1 दिन में एक से डेढ़ कप से अधिक उड़द दाल नहीं खानी चाहिए।

Q. उड़द दाल गर्भवती महिला तथा उनके शिशु के लिए किस प्रकार सहायक है?

उड़द दाल में आयरन तथा कैल्शियम पाया जाता है जो जच्चा एवं बच्चे के अंदर खून की कमी को रोकता है एवं शिशु के शारीरिक एवं मानसिक विकास में मदद करता है।

Q. उड़द दाल को बाकी किस माध्यम से खाया जा सकता है?

उड़द दाल को स्वादिष्ट मीठे लड्डू बनाकर भी खाया जा सकता है।

Q. उड़द दाल में कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?

उड़द दाल में आयरन कैल्शियम प्रोटीन फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको गर्भावस्था में उड़द दाल खाने के फायदे व रेसिपी  (Urad Dal During Pregnancy) के विषय में जानकारी प्रदान की है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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