शिशु को मच्छरों से बचाने के तरीके व घरेलू उपचार | Shishu Ko Mosquito Bite Se Kaise Bachaye

शिशु बेजुबान होता है आसपास में होने वाली समस्या वह ना ही अपने माता-पिता को बता पाता है और ना ही अपने दर्द को समझा पाता है इसलिए शिशु के आसपास होने वाली चीजों का माता-पिता को भी ध्यान रखना होता है। बच्चा हो या बड़े रात को सबसे ज्यादा होने वाली समस्या मच्छरों की है। यदि व्यक्ति बिना मच्छरदानी के एक रात सोने का प्रयास करता है। ऐसा कभी नहीं हो सकता बच्चा पूरी रात व्यक्ति को काटकर परेशान  कर देते हैं। बड़ा व्यक्ति अपनी परेशानी को बोलकर समझा सकता है। परंतु छोटा बच्चा सिर्फ परेशानी को झेल सकता है इसलिए मच्छरों को बच्चे के आसपास नहीं भटकने देना चाहिए।

मच्छर गंदे पानी के जमा होने से पैदा होते हैं जिस जगह पर अधिक गंदगी होती है उस जगह पर मच्छरों का जमावड़ा अधिक होता है। मच्छरों के काटने से जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं मच्छर के काटने के कारण डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां होती हैं। मच्छरों के द्वारा प्लाज्मोडियम बाय वैक्स नामक जीवाणु को शरीर के अंदर छोड़ा जाता है। यह जीवाणु शरीर की सेल्स में जाकर डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां पैदा करता है।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको शिशु को मच्छरों से बचाने के घरेलू उपचारों के विषय में बात करेंगे। यदि आपके आसपास भी बहुत अधिक मच्छर हैं और आप भी शिशु को मच्छरों से बचाना चाहते हैं तो आप भी हमारे दिए हुए नुकसान को आजमा सकते हैं।

शिशु को मच्छरों से बचाने के तरीके व घरेलू उपचार Shishu Ko Mosquito Bite Se Kaise Bachaye

शिशु के शरीर पर मच्छर के काटने की पहचान कैसे कर सकते हैं ?(How to identify the mosquito bite)

शिशु के शरीर पर मच्छर के काटने की पहचान सामान्यता कर ली जाती है परंतु फिर भी यदि पहचान नहीं किया सकती तो नीचे दिए हुए कुछ तरीकों के द्वारा मच्छर काटने की पहचान हो सकती है।

  • मच्छर काटने के कुछ समय बाद ही शिशु के शरीर पर लाल दाने दिखाई देने लगते हैं।
  •  शरीर पर लाल, भूरे युक्त  चकत्ते खुजली के साथ दिखाई देने लगते हैं।
  • चकत्ते के स्थान पर शिशु के शरीर पर फफोले भी दिखाई दे सकते हैं। फफोले अधिक दुखदाई होते हैं और खुजली से शिशु को बहुत परेशान करते हैं।
  • अगर इन पर फफोले को खुजला लिया जाता है तो यह काले पड़ जाते हैं और यह नील की तरह दिखाई देने लगते हैं।

ऊपर दी गई स्थितियां सामान स्थितियां है। परंतु कुछ गंभीर लक्षण भी बच्चे के अंदर दिखाई दे सकते हैं वह गंभीर लक्षण निम्न है।

  • त्वचा के बड़े हिस्से पर सूजन और लालिमा होना।
  • हल्का बुखार।
  • पित्ती उछलना (हीव्स)।
  • लिम्फ नोड्स यानी गर्दन में सूजी हुई ग्रंथियां।

छोटे बच्चों को मच्छर काटने के क्या कारण हो सकते हैं ? | Chote Bache Ko Mosquito Ke Katne Ka Karan

छोटे बच्चे को मच्छर काटने के बहुत सारे कारण होते हैं उनमें से ही कुछ कारण हमने आपको निम्न बिंदुओं में स्पष्ट किए हैं। यदि आप सावधानी बरतें तो बच्चे को कभी भी अच्छा नहीं काटेगा और वह बीमार नहीं पड़ेगा।

गंदगी-

गंदगी मच्छर के पनपने का मुख्य कारण है। गंदे जलजमाव के कारण मच्छर वहीं पर इकट्ठे होते हैं और आसपास के इलाके को गंदा करते हैं। मच्छरों के पनपने का सही स्थान पानी और गंदगी है। यदि अपने घर के आसपास पानी को नहीं जाने दिया जाएगा और गंदगी को हमेशा साफ किया जाएगा तो मच्छर के पनपने का कोई स्थान नहीं रहेगा और बच्चे मच्छरों से बचे रहेंगे। इसलिए यह खास ध्यान देना चाहिए कि घर के आसपास गंदगी नहीं रखनी चाहिए।

पसीने की गंध-

बच्चों के शरीर से जो पसीना निकलता है। उस पसीने में लैक्टिक एसिड पाया जाता है एक शोध के अनुसार यह पाया गया है की लैक्टिक एसिड से मच्छर आकर्षित होते हैं और जहां पर भी उन्हें लैक्टिक एसिड की गंध आती है वह उस चीज के पास पहुंच जाते हैं। इसलिए बच्चे के शरीर को पसीना आने पर तुरंत साफ करना चाहिए जिससे मच्छर बच्चे के पास ना आए यदि मच्छर बच्चे के पास आते हैं तो वह उसे अवश्य काटेंगे इसलिए बच्चे की साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखना चाहिए.।

पूरे कपड़े न पहनना-

बच्चों को पूरे कपड़े ना पहने आने पर मच्छरों के काटने का खतरा अधिक रहता है क्योंकि आधी बाजू या बिना बाजू के कपड़े पहनाने से मच्छरों को शरीर पर काटने का स्थान अधिक मिल जाता है। जिसके कारण मच्छर कहीं भी काट सकते हैं इसलिए जब आसपास अधिक मच्छर हो तो बच्चे को पूरे कपड़े पहनाने चाहिए या पूरे शरीर को कपड़े से डरना चाहिए जिससे मच्छर को काटने का कोई भी स्थान ना मिले।

खुला खाना-

कभी-कभी लापरवाही के कारण खाने को खुले में रख दिया जाता है। खुला खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है क्योंकि उस पर मच्छर और मक्खी दोनों ही आकर बैठते हैं। खुले खाने य बासी खाने की ओर मच्छर बहुत अधिक आकर्षित होते हैं। यह खाने को तो गंदा करते ही हैं साथ में व्यक्ति के स्वास्थ्य को भी खराब करते हैं इसलिए खाने को कभी भी खुले में नहीं रखना चाहिए। जीव जंतु अनेक गंदे स्थानों पर बैठकर जब खाने पर बैठते हैं तो वह गंदगी अपने साथ ले आते हैं और खाने को पलूट कर देते हैं इसलिए आने को हमेशा ढक कर रखना चाहिए।

कमरे में नमी होना-

एक शोध से यह पता चलता है कि यदि कमरे में नमी होती है उस स्थान पर मलेरिया के होने का डर अधिक रहता है। नमी होने के कारण मच्छर भी बहुत तेजी से समझते हैं और मलेरिया जैसी बीमारियां भी तेज होती हैं इसलिए जहां पर भी नमी है उस स्थान को तुरंत ठीक कराना चाहिए। और यह ध्यान रखना चाहिए की नमी वाले स्थानों पर बच्चों को ना लेट आया जाए बच्चे को हमेशा सुखी स्थान पर सुलाना चाहिए जिससे वह मच्छरों से बचा रहे।

सुगंधित तेल या क्रीम का उपयोग-

एक कारण यह भी माना जाता है कि बच्चों पर सुगंधित तेल और क्रीम का उपयोग किया जाता है। जिसके कारण मच्छर उन पर और अधिक आकर्षित होते हैं इस पर शोध तो नहीं किया गया परंतु यह बात कुछ हद तक सकते हैं। जब भी माता-पिता के द्वारा बच्चों को तैयार किया जाता है। तब मच्छर हम पर आना शुरू कर देते हैं और बच्चे को नुकसान पहुंचाने लगते हैं इसलिए बच्चे को तैयार करते समय बहुत अधिक सुगंधित तेल या क्रीम का उपयोग ना करें और अपने बच्चे को मच्छरों के द्वारा होने वाली बहुत सारी बीमारियों से बचाएं।

बिना मच्छरदानी के सुलाना-

बच्चे को बिना मच्छरदानी के सुनाना मच्छर काटने का एक सबसे अहम कारण है। किसी भी तरीके के वजन को इस्तेमाल करने से बच्चे के शरीर को भी नुकसान पहुंच सकता है तथा उतनी ज्यादा प्रोटेक्शन भी बच्चे को मच्छरों से नहीं मिलती परंतु मच्छरदानी किसी भी प्रकार के हेल्थ की समस्या का कारण नहीं है। यह किसी भी प्रकार से बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाती और सबसे ज्यादा कारगर होती है इसलिए बच्चे को मच्छरों से बचाने के लिए मच्छरदानी से बेहतर कोई अन्य उपाय नहीं है। हमारी आपको सलाह है कि मच्छरों के लिए हमेशा मच्छरदानी का ही प्रयोग करें।

शिशु को मच्छर के काटने से होने वाले जोखिम

मच्छर के काटने से बहुत सारी गंभीर समस्याएं होती हैं। मच्छर के काटने से होने वाले रोग से जान भी जा सकती है इसलिए बहुत ही सतर्कता के साथ मच्छरों से अपने शिशु को बचाना चाहिए। बच्चे का देखभाल करके आपसे बहुत सारी बीमारियां होने से बचा सकते हैं। नीचे हमने आपको मच्छर के काटने से होने वाले जोखिम के विषय में जानकारी दी है।

चिकनगुनिया-

चिकनगुनिया मच्छर के काटने के कारण होता है। मच्छरों में हमेशा मादा मच्छर ही व्यक्ति के शरीर को काटती है। नर मच्छर सिर्फ आवाज करता है। मादा मच्छर के अंदर प्लाज्मोडियम बायोवेट नाम का वायरस पाया जाता है जब भी मादा मच्छर शरीर पर काटती है तब वह इस बाय रस को शरीर के अंदर इंजेक्ट कर देती है।

यह वायरस शरीर में जाकर शरीर की सेल्स को नुकसान पहुंचाने लगता है और चिकनगुनिया जैसे रोग पैदा करता है चिकनगुनिया में तेज बुखार और जोड़ों में दर्द होता है कवि कवि यह लक्षण 1 सप्ताह तक रहते हैं। और कभी-कभी जोड़ों का दर्द महीनों तक रह जाता है इसलिए ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि अगर यह समस्या बढ़ जाती है तो यह जानलेवा बीमारी का रूप ले सकती है।

डेंगू-

डेंगू सामान्यता सुनाई दे जाने वाला रोग है व्यक्ति की लापरवाही के कारण वह खुद भी बीमार पड़ते हैं। और शिशु को भी बीमार करते हैं। डेंगू होने पर शिशु के शरीर में तेज बुखार होता है सिर में दर्द होता है जोड़ो तथा मांसपेशियों में दर्द होता है, उल्टी और शरीर पर दाने हो सकते हैं यदि इस प्रकार के लक्षण शरीर पर दिखाई देते हैं तो यह समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति को डेंगू हुआ है।

यदि शिशु डेंगू से संक्रमित है तब माता-पिता को यह खास ध्यान रखना चाहिए कि बाहर से आने वाला एक मच्छर भी शिशु को ना काट पाए। यदि दोबारा कोई मच्छर बच्चे को काट जाता है तो यह उसके लिए और भी गंभीरता पूर्ण हो सकता है इसलिए डेंगू होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उसकी दी गई सलाह को ध्यान से फॉलो करना चाहिए।

मलेरिया-

मच्छर के काटने से सबसे अधिक होने वाला रोग मलेरिया है मलेरिया के लक्षण तेज बुखार कपकपी ठंड लगना आदि हो सकते हैं। यह एक परजीवी बीमारी है किसी व्यक्ति के शरीर में जाकर यह अधिक सक्रिय रूप ले लेती है। यदि ऐसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो हमेशा डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

वेस्ट नाइल वायरस (WNV)-

वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) सामान्यता मच्छरों के काटने के कारण होता है वेस्ट नाइल वायरस के लक्षण ठीक प्रकार से दिखाई नहीं देते परंतु यह बहुत ही गंभीर बीमारी है। वेस्ट नाइल वायरस के सामान्यता हल्के लक्षण होते हैं। जैसे बुखार, सिर में दर्द या मजली हो सकती है परंतु यह सबसे पहले व्यक्ति के दिमाग पर अटैक करता है। यदि इसने गंभीरतापूर्वक व्यक्ति के दिमाग को संक्रमित कर दिया तो शिशु को बचा पाना बहुत मुश्किल हो सकता है इसलिए शिशु को मच्छरों से हमेशा बचा कर रखना चाहिए।

जीका वायरस-

जीका वायरस मच्छरों के द्वारा होने वाला रोग है। जीका वायरस में भी सामान्य का लक्षण नहीं दिखाई पड़ते पांच में से एक व्यक्ति के अंदर  वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं। इसके लक्षण ना दिखने के कारण ही यह बहुत भयंकर बीमारी होती है।

शिशु में मच्छर के काटने को ठीक करने के घरेलू उपाय (Home remedies of mosquito bite)

जब भी किसी मां का बच्चा बीमार होता है तब मैं उसे ठीक करने के लिए अपनी पूरी जी जान लगा देती है। उसके लिए अपने बच्चे को ठीक करना उसकी सबसे बड़ी जरूरत होती है ।अपने बच्चे के आगे एक मां कभी भी किसी और चीज को नहीं देखते नीचे हमने आपको शिशु क्यों मच्छर के काटने से ठीक करने की कुछ घरेलू उपाय के विषय में जानकारी प्रदान की है।

त्वचा को साफ करें-

मच्छर जैसे स्थान पर काटता है उसी स्थान पर लाल धब्बे पड़ जाते हैं और तेज खुजली होती है। बच्चे को तेज खुल जाने से रोके उसे स्थान को डेटॉल आदि से और साफ पानी से साफ करें यदि बच्चा स्थान को खुजला लेता है तो यह और भी विकराल रूप धारण कर सकता है इसलिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

आइस पैक-

जलन है खुजली को कम करने का सबसे कारगर उपाय आइस पैक होता है। जिस स्थान पर मच्छर ने काटा है उस स्थान को आइस पैक से सिकाई करनी चाहिए 10 मिनट की सिकाई से खुजली कम हो सकती है। यदि दोबारा जरूरत पड़े तो दोबारा भी आइस पैक से सिकाई की जा सकती है।

बेकिंग सोडा-

मच्छर के द्वारा काटे गए स्थान को बेकिंग सोडा से साफ करना एक कारगर इलाज हो सकता है। एक चम्मच बेकिंग सोडा में थोड़ा पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लेना चाहिए। इस पेस्ट को मच्छर द्वारा काटे गए स्थान पर लगाना चाहिए देश को 10 मिनट लगाने से उस स्थान पर होने वाली खुजली कम हो सकती है तथा जलन भी कम होगी एक शोध के द्वारा भी यह माना गया है। कि बच्चे की त्वचा पर बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करना बिल्कुल सुरक्षित होता है बेकिंग सोडा के द्वारा शिशु के त्वचा को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता।

छोटे बच्चों को मच्छरों के काटने से कैसे बचाएं | Shishu Ko Mosquito Bite Se Kaise Bachaye

नीचे बिंदुओं के माध्यम से हम आपको छोटे बच्चों को मच्छरों के काटने से कैसे बचाया जा सकता है। इसके विषय में बात करेंगे यदि आप भी अपने शिशु को मच्छरों से बचाना चाहते हैं तो आप निम्न बिंदुओं को फॉलो कर सकते हैं।

  • बच्चे के शरीर को हमेशा ढक कर रखना चाहिए जिससे खाली स्थान देखकर मच्छर त्वचा को काटना पाए। बच्चे को हमेशा पूरे कपड़े पहना कर रखना चाहिए सबसे ज्यादा ध्यान तब रखना चाहिए जव आप बच्चे को कहीं बाहर लेकर जा रहे हैं। बच्चे को पूरी बाजू के कपड़े पहनाने चाहिए नीचे पेंट पहनाने चाहिए तथा उसके साथ मैं मौजे भी पहनाने चाहिए। बच्चे को थोड़ा मोटा कपड़ा पहना ना चाहिए क्योंकि पतले कपड़े में मच्छर आसानी से काट सकते हैं शिशु के शरीर को पूरी तरीके से कवर रखना चाहिए।
  • बच्चे को बिना मच्छरदानी के कभी भी नहीं सुनाना चाहिए मच्छरदानी मच्छरों से बचाने का सबसे कारगर उपाय उसने मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करना चाहिए।
  • मच्छरों से बचाने के लिए रेपेलेंट्स  का प्रयोग भी किया जा सकता है। जब रेपेलेंट्स का इस्तेमाल डायरेक्ट बच्चे के शरीर पर नहीं करना चाहिए। सबसे पहले उसे अपने हाथों पर लगाना चाहिए और उसके बाद उस पर को बच्चे के मुंह पर हल्के हाथ से मसाज कर देनी चाहिए। इसमें विभिन्न प्रकार के केमिकल पाए जाते हैं इसलिए राय प्लांट का इस्तेमाल करने से बचें।
  • अरे प्लांट को खरीदने से पहले ऊपर दिए गए निर्देशों को पढ़ना चाहिए यह ध्यान रखना चाहिए कि वे प्लांट नींबू नीलगिरी तेल या पेरा मेथेन डा से ना बना हो।
  • मच्छरों को भगाने के लिए प्राकृतिक  रेपेलेंट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। प्राकृतिक रेपेलेंट्स के रूप में एलोवेरा जेल को जैतून के तेल में मिलाकर लगाना चाहिए। यह एक प्राकृतिक  रेपेलेंट्स के रूप में कार्य करता है। और एक शोध से यह पाया गया है कि यह मच्छरों को भगाने में बहुत कारगर साबित होता है तथा इसके साथ ही एलोवेरा जेल और जैतून बच्चों की त्वचा पर इस्तेमाल करने से बच्चों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता।
  • अपने घर को मच्छरों से बचाने के लिए हमेशा घर के खिड़की तथा दरवाजे बंद रखनी चाहिए हमेशा खिड़कियों पर जाली लगवानी चाहिए। जाली महीन हो जिससे मच्छर जाली के द्वारा अंदर ना आ सके।
  • अपने घर की नालियों को हमेशा ढक कर रखना चाहिए एवं बच्चे की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

डॉक्टर से कब संपर्क करें (Contact with doctor)

यदि मच्छर के द्वारा शिशु को नुकसान पहुंचाया गया है तो घरेलू उपाय के द्वारा बच्चे को ठीक किया जा सकता है। परंतु यदि बच्चे के अंदर होने वाले लक्षण गंभीर हैं तब जरूर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जिससे बच्चे की हालत और ज्यादा खराब ना हो पाए बच्चे में गंभीर हालत में निम्न लक्षण हो सकता है।

  • अगर सांस लेने में तकलीफ या घरघराहट की समस्या हो।
  • चेहरे पर या मुंह में कहीं सूजन आ जाए।
  • गले में जकड़न महसूस हो या निगलने में कठिनाई हो।
  • कमजोरी महसूस हो रही हो।
  • मच्छर के काटे हुए स्थान पर नीला दाग हो जाना।

निष्कर्ष

मच्छरों की घुसपैठ हर घर में होती है इसलिए इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। आवश्यकता है तो सावधानी बरतने की अपने बच्चे के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चे को बिना मच्छरदानी के कभी भी नहीं चलाना चाहिए यह ध्यान रखना चाहिए कि जब भी बच्चे को मच्छर के द्वारा काटा जाए तो आप तुरंत उसका ख्याल करें और घरेलू उपचार के द्वारा उसका उपचार कर पाए।

ऊपर दिए गए आर्टिकल में हमने आपको मच्छरों से बचने के कुछ उपाय मच्छरों के काटने पर होने वाली बीमारियां तथा इसके लक्षण और डॉक्टर के संपर्क के विषय में बताया है। यदि आप भी मच्छरों से परेशान हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।

आर्टिकल से संबंधित हर प्रकार की जानकारी देने का हमने आपको पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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