शिशु की आंख में सूजन का कारण व उपाय

शरीर का सबसे नाजुक अंग आंख होती है। यदि इसमें थोड़ी सी भी समस्या आने लगती है तो यह शरीर के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है। सबसे ज्यादा ध्यान शरीर में आंख रखना पड़ता है क्योंकि यह सबसे पहले प्रभावित होती है। कभी-कभी  शिशु की आंखों में सूजन (Sisu ki ankh me sujan ka Karan) देखने को मिलती है इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं ।

इस आर्टिकल में हम आपको शिशु की आंख में सूजन का कारण व उपाय के विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

शिशु की आंखों में सूजन के क्या कारण हैं?

शिशु की आंख में सूजन (sisu ki ankh me sujan) होने के कई कारण हो सकते हैं। कई बच्चों में सूजन की समस्या एक आंख में दिखाई देती है परंतु बहुत से बच्चों में आंखें लाल होने, सूजने व फूलने की समस्या दोनों आंखों में दिखाई देती है। इससे बच्चे को बहुत समस्या होती है। नीचे हमने शिशु की आंख में सूजन ( Sisu ki ankh me sujan) होने के कुछ कारणों के विषय में बताया है।

एक आंख में सूजन के कारण आंखें मलना (Rubbing)

अधिकतर मामलों में बच्चा अपनी आंखें तब मलता है जब उसकी आंख में कुछ चला जाता है। आंखों अधिकतर मलने से भी आंख में सूजन की समस्या आ सकती है। यदि बच्चे को आंख मलने की आदत है तब इसे मेडिकल परिस्थितियों में कीमोसिस (Chemosis) भी कहा जाता है।

एलर्जी होने पर (Allergic Contact Dermatitis)

यदि आंखें किसी ऐसी चीज की संपर्क में आ जाती हैं जिसके कारण एलर्जी हो सकती है तब भी आपको में सूजन आ सकती है। अधिकतर बार ऐसा देखा गया है की जानवरों के साथ खेलते समय उनके बाल आंखों में चले जाने से भी आंखों के नीचे की पुतली सूज जाती है और आंखों में सूजन का कारण बन जाती है।

कीड़े का काटना (Insect Bites)

आंख के पास पास किसी कीड़े जैसे चींटी के काटने के कारण भी सूजन की समस्या आ सकती है।

बिलनी या स्टाई (Stye)

आंख की पुतली में यदि बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं तो वह आंखों को नुकसान पहुंचा कर पलकों के पास एक फुंसी जैसी गांठ का निर्माण कर देते हैं जिसमें बहुत दर्द होता है। इससे बिलनी कहते हैं तथा अंग्रेजी में इसका नाम स्टाई (stye) होता है। इसे होर्डियोलम (Hordeolum) भी कहा जाता है इस समस्या के कारण आंखों में सूजन तथा तेज दर्द होता है।

डैरयॉयस्टाइटिस (Dacryocystitis)

यह एक समस्या है जो आंखों को ग्रसित करती है। यह समस्या 3 माह से लेकर 1 वर्ष के बच्चों में देखी जा सकती है। इस समस्या में बच्चे के आंख का भीतरी अंग प्रभावित होता है। इसमें आंख के भीतर नाक की ओर मौजूद आंसू की थैली प्रभावित होती है जिससे आंखों में सूजन आती है ब तेज दर्द होता है।

डेक्रिओस्टेनोसिस (Dacryostenosis)

यह समस्या शिशुओं के आंसू की नली ब्लॉक होने के कारण होती है। आंसू की नली ब्लॉक होने से बच्चे की आंखों में सूजन आ जाती है तथा तेज दर्द होने लगता है। 6 से 20% बच्चों में यह समस्या देखी जाती है शिशुओं में यह समस्या पहले हफ्ते या पहले महीने से ही दिखाई देने लगती है।

इस डिसऑर्डर को नासोलैक्रिमल डक्ट अब्सट्रक्सन (Nasolacrimal Duct Obstruction) या ब्लॉक्ड टीयर डक्ट्स (Blocked Tear Ducts) भी कहते हैं।

साइनसाइटिस (Sinusitis)

इस समस्या के कारण बच्चे की एक आंख में सूजन की दिक्कत हो सकती है। साइनस एक प्रकार का रोग होता है जिसमें नाक की हड्डी बढ़ने लगती है। साइनस बीमारी से पीड़ित होने वाले लोग हमेशा जुकाम से ग्रसित रहते हैं।

साइनस नाक और गले की हड्डी के बीच खाली जगह में उपस्थित एक गुहा होता है। इसी बीमारी के कारण एक आंख हमेशा सूजी हुई रहती है।

पेरिऑरबिटल सेल्युलाइटिस (Periorbital Cellulitis)

आंखों में यह समस्या संक्रमण के कारण होती है। इस संक्रमण में आंखों के आसपास उपस्थित कोमल त्वचा संक्रमित हो जाती है जिसके कारण आंखों में सूजन आने लगती है। इस समस्या को शिशुओं में आम समस्या माना गया है यह समस्या साइनोसाइटिस बीमारी के कारण भी हो सकती है।

इस डिसऑर्डर को प्रीसेप्टल सेल्युलाइटिस (Preseptal Cellulitis) भी कहा जाता है।

दोनों आंखों में सूजन के कारण

कई बार ऐसा होता है कि बच्चों की दोनों आंखें सो जाती हैं लेकिन आंखे सूजने का कारण मुख्य रूप से पता नहीं चल पाता है। लेकिन नीचे हमने दोनों आंखों में सूजन क्यों आ जाती है उसके सही कारण के बारे में जानकारी साझा की है आपको इसे जरूर पढ़ लेना चाहिए।

कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई (Conjunctivitis Or Pink Eye)

यह संक्रमण अफसर बड़े लोगों में देखने को मिल जाता है। इस संक्रमण में बैक्टीरिया या वायरस के कारण दोनों आंखें प्रभावित हो जाती हैं। इस संक्रमण के कारण आंखें लाल हो जाती हैं तथा उन्हें दर्द महसूस होता है। आम भाषा में इससे आंख आना भी कहा जाता है।

 बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण के अलावा किसी पदार्थ के आंख में चले जाने के कारण भी यह समस्या हो सकती है।

नेफ्रोटिक सिंड्रोम (Nephrotic Syndrome)

यह बीमारी किडनी से संबंधित है। यदि किडनी के द्वारा फिल्ट्रेशन ठीक प्रकार से नहीं किया जा रहा है तब आंखों के आसपास सूजन आने की समस्या होती है।

किडनी के द्वारा ठीक फिल्ट्रेशन ना करने के कारण पूरे शरीर में एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन की अधिकता हो जाती है जिसके कारण आंखों के आसपास का कोमल भाग प्रभावित होने लगता है और शूज जाता है।

एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis)

यह समस्या एलर्जी के कारण होती है। यदि आंखों को किसी चीज से एलर्जी है तथा वह पदार्थ के संपर्क में आ जाता है तब आंखों में सूजन तुरंत आ जाती है। आंखे सूजने के अलावा एलर्जी के कारण और तथा त्वचा भी प्रभावित हो सकती है इसलिए इस समस्या का तुरंत निदान पाने के लिए डॉक्टर से अवश्य परामर्श करना चाहिए।

आंखों में चोट लगना (Eye Injuries)

बच्चे की आंख में सूजन आने का कारण किसी तरीके की चोट या कोई केमिकल भी हो सकता है जो बच्चे के आंख की सेल्स को प्रभावित करता है। जिसके कारण सूजन आ सकती है यदि बच्चे की आंख में सूजन किसी चोट के कारण आई है ऐसी अवस्था में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

छोटे बच्चे की आंखों की सूजन का स्तर

बच्चे की आंख में सूजन बहुत (Baccho ke ankh me sujan) सारे कारणों से हो सकती है। यह कारण सामान्य भी हो सकते हैं तथा गंभीर भी हो सकते हैं। नीचे कुछ पॉइंट के माध्यम से हमने आपको आंखों में सूजन का स्तर जानने के विषय में जानकारी प्रदान की है

हल्की सूजन : जब सूजन आंखों पर पलकों तक ही रहती है तब उसे हल्की सूजन कहते हैं। हल्की सूजन में बच्चे को आंख खोलने में किसी तरीके की कोई समस्या नहीं होती।

मध्यम सूजन : जब शिशु के आंखों के साथ-साथ उसके पलकों के पास भी हल्की सूजन होती है। परंतु उसकी आंख यदि पूरी खोल रही होती है तो उसे मध्यम सूजन कहते हैं।

गंभीर सूजन : यदि शिशु की आंखों तथा पलकों में बहुत अधिक सूजन होती है। ब सूजन के कारण शिशु को आंख खोलने में समस्या होती है या उसकी आंखें नहीं खुलती तब उसे गंभीर सूजन कहा जाता है।

शिशुओं की सूजी हुई आंख का इलाज

शिशु की सूजी हुई आंख का इलाज (Sisu ki suji hui aankh) संक्रमण के स्तर के आधार पर किया जाता है। यदि संक्रमण अधिक है तब यह गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। नीचे पॉइंट के माध्यम से सूजी आंख के लिए कुछ इलाज बताए गए हैं।

एंटीबायोटिक आई ड्रॉप या दवा

एंटीबायोटिक आई ड्रॉप यादव के द्वारा आंखों की सूजन को ठीक किया जा सकता है। एंटीबायोटिक का इस्तेमाल छोटे शिशुओं पर करना बिल्कुल सेफ होता है। इससे बच्चे की आंख में किसी तरीके की कोई समस्या नहीं होती परंतु 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की आंखों में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आई ड्रॉप के अलावा दवा के द्वारा अथवा नसों के इलाज के द्वारा भी आंखों की सूजन को कम किया जा सकता है।

एंटीवायरल ड्रॉप या दवा

एंटीवायरस ड्रॉप का इस्तेमाल हरपीज वायरस के कारण आंखों में होने वाली सूजन में इस्तेमाल किया जाता है। एंटीवायरस ड्राप का इस्तेमाल पूरी तरीके से सुरक्षित है तथा इससे शिशुओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।

एंटीहिस्टामाइन ड्रॉप या दवा

यदि शिशुओं में आंख सोचने की समस्या किसी एलर्जी के कारण हुई है तब उसे एंटीहिस्टामाइन ड्रॉप या दवा का इस्तेमाल करके संक्रमण को कम किया जा सकता है। एलर्जी के कारण होने वाली समस्याओं का यह सबसे कारगर उपाय है।

 एंटीहिस्टामाइन ड्रॉप का इस्तेमाल करने के बाद नींद से जुड़ी कुछ समस्याएं आ सकती हैं परंतु यह बिल्कुल सामान्य बात है।

बीमारी का इलाज

यदि शिशु की आंखों में सूजन किडनी से संबंधित समस्या के कारण है तो डॉक्टर से परामर्श लेकर तथा किडनी की समस्या का ठीक इलाज करा कर भी आंखों में सूजन की समस्या को समाप्त किया जा सकता है।

शिशु की आंखों में स्वेलिंग को दूर करने के घरेलू उपचार

शिशुओं के आंखों में सूजन की (Sisu ki aankh me sujan) समस्या को कम करने के लिए घरेलू उपाय कारगर साबित हो सकते हैं। घरेलू उपायों का इस्तेमाल करके शिशुओं के आंखों की सूजन को कम किया जा सकता है। यह ध्यान रखना चाहिए कि घरेलू उपायों का असर धीरे-धीरे होता है। इसलिए थोड़ा इंतजार करने के पश्चात ही यदि आराम नहीं मिलता तब डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। नीचे पॉइंट के माध्यम से हमने आपको कुछ घरेलू उपायों के विषय में बताया है जिसके माध्यम से आंखों में स्वेलिंग दूर हो सकती है।

गुनगुनी सेक

बच्चे की आंखों को गुनगुने पानी से  सेकना बिल्कुल सुरक्षित हो सकता है इससे बच्चे को बहुत आराम मिलता है। मां उसकी आंखों का दर्द भी कम होता है बच्चे की आंख को आप गुनगुने पानी से भी सेक सकते हैं।

गुनगुने पानी से सीखने के लिए सबसे पहले आपको एक कटोरी में गुनगुना पानी लेना होगा। एक कपड़े को गुनगुने पानी में भिगोकर व उसे निचोड़ कर आंखों के आसपास के एरिया को अच्छे से साफ करना होगा। इससे बच्चे की आंखों को बहुत आराम मिलता है और आंखों की सूजन भी कम होती है। ऐसा आप दो से तीन बार कर सकते हैं।

ठंडी सिकाई

यदि बच्चे की आंख में सूजन एलर्जी के कारण आई है तब बच्चे की आंख को ठंडी सिकाई करने से उसकी आंख की सूजन कम हो सकती है। और उसे आराम मिल सकता है। ठंडी सिखाइए एलर्जी के लिए बहुत कारगर उपाय हैं। एक रिसर्च के माध्यम से यह पता लगा है कि ठंडी सिकाई करने से कंजेक्टिवाइटिस के लक्षणों को रोका जा सकता है।

आंखों को साफ रखें

बच्चों की आंख में इंफेक्शन या सूजन को रोकने के लिए बच्चे की आंखों को हमेशा साफ रखना चाहिए। बच्चे के चेहरे को रोज पानी से साफ करना चाहिए और आंख के आसपास साफ करने के बाद नाक के पास के भाग को साफ करना चाहिए। जिससे किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन बच्चे की आंखों के आसपास ना फैले।

बिस्तर को साफ रखें

बच्चों के बिस्तर को हमेशा साफ करते रहना चाहिए हफ्ते में कम से कम दो बार बच्चे के बिस्तर को साफ करना चाहिए। बच्चे के बिस्तर को साफ रखने से वह बैक्टीरिया तथा वायरस के संपर्क में आने से बचता है।

आंखों में सूजन की मुख्य समस्या बैक्टीरिया तथा वायरस के संक्रमण के कारण ही फैलती है। बच्चे के बिस्तर को साफ रखने से उसे स्वस्थ रखा जा सकता है। बहुत सारी बीमारियों से बचाया जा सकता है।

मां का दूध

एक रिसर्च के माध्यम से यह पुष्टि होती है कि मां का दूध एंटीबैक्टीरियल होता है। बच्चे के अंदर इस प्रकार की संक्रमण देखने पर मां स्तनपान में अधिक ध्यान दे सकती है। इसके अलावा मां के दूध की एक बूंद बच्चे की आंख में डालकर बच्चे की आंख की सूजन को कम किया जा सकता है।

बच्चे की आंख में मां का दूध डालने से पहले डॉक्टर से अवश्य परामर्श ले लेना चाहिए परंतु आंखों की सूजन की समस्या के दौरान माता को बच्चे को स्तनपान नियमित रूप से करवाना चाहिए।

ग्रीन टी

यदि बच्चा 6 वर्ष का है तब ग्रीन टी बच्चे की आंख की सूजन को कम करने का एक बहुत अच्छा उपाय हो सकता है। ग्रीन टी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो बच्चे की आंख की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं इसलिए बच्चे को ग्रीन टी का सेवन अवश्य कराना चाहिए।

नोट

ऊपर दिए गए सारे घरेलू उपाय हल्की तथा मध्यम सूजन के लिए कारगर उपाय हो सकते हैं। परंतु इन्हें देने से पहले डॉक्टर से अवश्य परामर्श करना चाहिए। यदि इन उपायों के बावजूद भी बच्चे की आंख की सूजन कम नहीं हो रही है तब तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. शिशु की आंख में सूजन की समस्या क्यों होती है?

शिशु की आंख में सूजन की समस्या एलर्जी होने के कारण या आंखों को मलने के कारण जैसी बहुत सारे कारणों की वजह से हो सकती है।

Q. क्या शिशु की आंख में एंटीबैक्टीरियल दवा या ड्रॉप का इस्तेमाल किया जा सकता है?

रिसर्च के माध्यम से यह प्रोग्राम है कि शिशुओं पर एंटीबैक्टीरियल ड्रॉप का इस्तेमाल करना बिल्कुल सुरक्षित होता है परंतु इन ड्रॉप्स का इस्तेमाल 1 वर्ष से ऊपर के शिशुओं पर किया जा सकता है।

Q. आंखों की सूजन कम करने के लिए ग्रीन टी का इस्तेमाल किस उम्र के बच्चे कर सकते हैं?

सूजन कम करने के लिए ग्रीन टी का इस्तेमाल 6 वर्ष के बच्चे कर सकते हैं।

Q. कौन सा घरेलू उपाय आंख की सूजन कम करने का सबसे कारगर उपाय है?

आंख की सूजन कम करने के लिए सबसे कारगर उपाय गर्म सिखाई है जिससे आंखों का दर्द तथा सूजन कम होने में बहुत मदद मिलती है।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको शिशु के आंख में सूजन के कारण व उपाय (sisu ke ankh me sujan) के विषय में जानकारी दी है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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