कभी नहीं भरा ITR तो बैंक से कैसे मिलेगा होम लोन, ये रहा सबसे आसान उपाय
कभी नहीं भरा ITR तो बैंक से कैसे मिलेगा होम लोन, ये रहा सबसे आसान उपाय
होम लोन का आवेदन देने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना जरूरी होता है. इसके बिना बैंक या फाइनेंस कंपनी लोन हीं देंगे.
होम लोन का आवेदन देने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना जरूरी होता है. इसके बिना बैंक या फाइनेंस कंपनी लोन हीं देंगे.
आवेदन के लिए यही उपाय है कि पहले किसी भी तरह से आईटीआर भर दें, उसके बाद होम लोन के लिए अप्लाई करें. चूंकि आपने इससे पहले कभी आईटीआर नहीं भरा, तो आपके पास लेटेस्ट रिटर्न भरने का मौका है.
आवेदन के लिए यही उपाय है कि पहले किसी भी तरह से आईटीआर भर दें, उसके बाद होम लोन के लिए अप्लाई करें. चूंकि आपने इससे पहले कभी आईटीआर नहीं भरा, तो आपके पास लेटेस्ट रिटर्न भरने का मौका है.
लेट फाइन के साथ बिलेटेड या अपडेडेट आईटीआर भरा जा सकता है. अगर टैक्सेबल इनकम बेसिक एक्जेम्पशन लिमिट 2.50 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 लाख से कम हो तो 1,000 रुपये लेट फाइन देना होगा.
लेट फाइन के साथ बिलेटेड या अपडेडेट आईटीआर भरा जा सकता है. अगर टैक्सेबल इनकम बेसिक एक्जेम्पशन लिमिट 2.50 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 लाख से कम हो तो 1,000 रुपये लेट फाइन देना होगा.
अगर टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक हो तो लेट फाइलिंग फी 5,000 रुपये चुकानी होगी. होम लोन लेने के लिे तीन साल तक के लिए आईटीआर देना होता है. लेकिन एक साल से अधिक के लिए सामान्य आईटीआर नहीं भर सकते.
अगर टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक हो तो लेट फाइलिंग फी 5,000 रुपये चुकानी होगी. होम लोन लेने के लिे तीन साल तक के लिए आईटीआर देना होता है. लेकिन एक साल से अधिक के लिए सामान्य आईटीआर नहीं भर सकते.
अपडेटेड आईटीआर भरने के लिए कीमत चुकानी होती है. वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए आईटीआर भरना हो तो टैक्स का 25 परसेंट और साथ में ब्याज देना होगा.
अपडेटेड आईटीआर भरने के लिए कीमत चुकानी होती है. वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए आईटीआर भरना हो तो टैक्स का 25 परसेंट और साथ में ब्याज देना होगा.
वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए टैक्स और ब्याज की राशि 50 परसेंट तक जमा करनी होगी.
वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए टैक्स और ब्याज की राशि 50 परसेंट तक जमा करनी होगी.
एक बात ये भी ध्यान रखना होगा कि बिलेटेड आईटीआर या अपडेटेड आईटीआर दिया जाए तो बैंक या फाइनेंस कंपनियां संदेह की निगाह से देखती हैं.
एक बात ये भी ध्यान रखना होगा कि बिलेटेड आईटीआर या अपडेटेड आईटीआर दिया जाए तो बैंक या फाइनेंस कंपनियां संदेह की निगाह से देखती हैं.
इसका एक उपाय ये है कि अगर सैलरी पर हमेशा टैक्स कटा हो या ग्राहक ने समय पर एडवांस टैक्स भरा हो, तो होम लोन मिलने में आसानी होगी.
इसका एक उपाय ये है कि अगर सैलरी पर हमेशा टैक्स कटा हो या ग्राहक ने समय पर एडवांस टैक्स भरा हो, तो होम लोन मिलने में आसानी होगी.