छोटे बच्चों का मन बहुत ही कोमल होता है। उन्हें किस कहानी सुना बहुत ज्यादा पसंद होता है और वह उसमें बड़ा इंटरेस्ट लेकर सुनते हैं। कहानियों के द्वारा सुनी गई बातें बच्चों को खूब ध्यान रहती हैं। भारत में अक्सर घर के बड़े बुजुर्ग बच्चों को शाम को कहानी सुना कर सुनाते हैं। और बच्चे भी अपने दादा दादी से जिद करके कहानी सुनते हैं। परंतु कहानी सुनाने का क्या फायदा है (Bacho ko kahani ke kya fayde hai) उसके विषय में हमें जानकारी नहीं होती।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके बच्चों को कहानी सुनाने के 15 (Bacho me kahani ke fayde) फायदाओं के विषय में बताएंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी जानते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
बच्चों को कहानी सुनाने के क्या फायदे हैं? (Bacho Ko Kahani Sunane Ke Fayde)
बच्चों को कहानी सुनने से उनके मन पर (Bacho me kahani ke kya fayde hai? )बहुत फर्क पड़ता है। बच्चों को कहानी सुनाने के क्या प्रभाव है और क्या क्या फर्क बच्चों के अंदर दिखाई देते हैं। उसके विषय में नीचे विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई है।

1.बच्चों में नैतिकता का विकास:
बच्चे जिन बातों को कहानियों के माध्यम से सुनते हैं। उन्हें वह बातें बड़ी सटीकता के साथ समझ में आती हैं और हमेशा याद रहती हैं। यदि आप अपने बच्चों को नैतिकता सच्चाई और शिष्ट की कहानी सुनाते हैं।
तो बच्चे पर यह अनुकूल प्रभाव डालता है और बच्चा अपने अंदर भी नैतिकता लाने का प्रयास करता है। कहानियों के माध्यम से बच्चों के अंदर सच्चाई और नैतिकता का विकास होता है।
बच्चा एक अच्छा इंसान बनने का प्रयास करता है। कहानियों के माध्यम से बच्चे को यह समझ में आता है कि वह किस प्रकार अच्छे कार्य करके सबको खुश कर सकता है।
2.संस्कृति की समझ:
नए बच्चों को अक्सर हमारे समाज और संस्कृति के विषय में ज्ञान नहीं होता उन्हें नहीं पता होता कि हमारी संस्कृति किस प्रकार से पवित्र थी और कितनी पूजनीय थी।
पुरानी कहानियों के माध्यम से हम उन्हें बताते हैं कि किस प्रकार हमारे पूर्वज रहा करते थे। किस प्रकार उनका शिष्टाचार था कहानियों को सुनने से बच्चे को अपनी संस्कृति की समझ होती है।
मैं अपनी संस्कृति के विषय में जानकारी प्राप्त करता है और उसे अपनी संस्कृति के प्रति प्यार जागृत होता है वह उससे आगे बढ़ने का भी प्रयास करता है।
3.सुनने की क्षमता का विकास:
आज के इस व्यस्त समय में किसी को भी किसी की बात सुनने या समझने का वक्त नहीं है। सभी अपने कार्यों में लीन रहते हैं इसलिए बहुत कम लोग होते हैं जो अच्छे लिस्नर होते हैं।
यदि आप अपने बच्चों को रोज कहानी सुनाते हैं तो बच्चे के अंदर सुनने की क्षमता का विकास होता है। दूसरे की बात को सुनने वाला व्यक्ति अपने जीवन में बहुत आगे जाता है।
बच्चों के अंदर यदि सुनने की क्षमता का विकास हो जाता है तो उनके अंदर अच्छे भाव प्रकट होने लगते हैं। इसलिए यदि आप अपने बच्चों को एक गुड लिस्नर बनाना चाहते हैं। तो बचपन से ही उन्हें कहानी अवश्य सुननी चाहिए।
3.जिज्ञासा को बढ़ावा:
कहानियां बच्चों के मन में हमेशा जिज्ञासा उत्पन्न करती हैं। यदि एक कहानी को बीच में ही छोड़ दिया गया है और उसे अगले दिन पूरे करने की बात की गई है तो बच्चे के मन में हमेशा ही है।
जिज्ञासा रहती है कि आगे उसे कहानी में क्या होने वाला है इसलिए लगातार कहानी सुनने से बच्चे जिज्ञासु होते हैं। उनके मन में नई-नई चीजों को जानने की इच्छा उत्पन्न होती है। इससे बच्चे का दिमाग की विकास भी तेजी से होता है।
उसे हर प्रकार के सवालों के उत्तर जानने की चाहत रहती है जिज्ञासा को बढ़ाने के लिए अपने बच्चों को लगातार कहानी अवश्य सुननी चाहिए।
4.कल्पना की क्षमता का विकास :
कहानियां सुनने से बच्चे उन कहानियों में आए किरदारों को अपनी कल्पना में परिवर्तित कर लेते हैं। बच्चों की कल्पना की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ने लगती है।
दादा दादी के द्वारा सुनाई गई परियों की कहानी को बच्चे अपनी कल्पना में परिवर्तित करके कल्पनाओं में परियों को देखने लगते हैं। इससे बच्चों के अंदर कल्पना की शक्ति का विकास होता है। और धीरे-धीरे उनकी क्षमता का भी विकास होता है। यदि बच्चे की कल्पना की क्षमता पॉजिटिव दृष्टिकोण की ओर है तो बच्चे के अंदर रचनात्मक का विकास तेजी से होता है।
5.एकाग्रता में सुधार:
बच्चों कहानियां को बहुत एकाग्र दिमाग से और बहुत ध्यान से सुनते हैं। क्योंकि उन्हें कहानियों में बहुत इंटरेस्ट आता है। कहानियों को सुनने से बच्चों के एकाग्रता का विकास होता है। एकाग्रता विकसित होने पर बच्चा यदि कुछ भी पड़ता है तो उसे तुरंत याद हो जाता है। इसलिए बच्चों को कहानी सुनने से आप बच्चे की मन को एकाग्र बनाते हैं।
6.नई शब्दावली का ज्ञान:
कहानी सुनाने के दौरान बच्चे कुछ नए-नए शब्दों को सुनते हैं। यह शब्द बच्चों के मन में बस जाते हैं क्योंकि कहानियों के माध्यम से बताएगी बात बच्चे को बहुत याद रहती है। बच्चा इन शब्दों के मतलब ढूंढने का प्रयास करता है।
इससे बच्चों की शब्दावली का भी विकास होता है यदि आप भारत में है तो बच्चे को हिंदी में कहानी सुनाते हैं। इससे बच्चों की हिंदी शब्दावली का विकास होता है। और उसे हिंदी के नए-नए शब्दों के विषय में जानकारी भी मिलती है। इसलिए कहानी सुनाते समय बच्चों को नई-नई शब्दावली का प्रयोग करना चाहिए।
7.सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा:
कहानी को सुनने से सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है। बच्चा इतनी आसानी से चीजों को सिखाने लगता है कि उसे अपने दिमाग पर प्रेशर लेने की आवश्यकता नहीं होती।
कहानी बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा करने में मदद करती है। कहानियों के माध्यम से हर कठिन कांसेप्ट को बिल्कुल आसानी से बच्चे को समझाया जा सकता है। क्योंकि वह उसकी कहानी के रूप में सुनता है और ग्रहण करता है।
यदि आप अपने बच्चों को शिष्टाचार सीखना चाहते हैं तो अपने बच्चों को ऐसी कहानी सुनाएं। जिसमें शिष्टाचार की भावना जागृत हो ऐसा करने से बच्चा धीरे-धीरे मूल्यों को सिखाने लगता है।
8.सहानुभूति को बढ़ावा:
कई कहानी ऐसी होती है जिसमें परोपकार की भावना जागृत होती है। ऐसी कहानियों को सुनने से बच्चा दयावान बनता है और उसमें परोपकार की भावना जागृत होती है। परोपकारी वाली कहानी सुनने से आप अपने बच्चों को दूसरे की मदद करने वाला और एक बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं।
इसलिए बच्चों को ऐसी कहानी सुनाई चाहिए। जिसमें कोई ना कोई मोरल हो और बच्चा उसे कुछ ना कुछ सीखे जिससे उसे हमारे सामाजिक तत्वों से जुड़ी कहां बातें भी समझ में आए।
और वह उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास भी करें। यदि बच्चा बचपन से ही दूसरों के प्रति प्रेम दिखाएगा तो उसका मन बहुत बेहतर होगा। और उसे दूसरे के प्रति प्रेम की भावना जागृत हो जाएगी।
9.संचार में सुधार:
कहानियों के माध्यम से बच्चे की आपस में बात करने की तरीका भी सुधारते हैं। आपस में संचार का माध्यम यदि बेहतर होता है तो आप अपनी बात को बिल्कुल सही प्रकार से दूसरों को समझ सकते हैं।
यदि आपकी सोच का विकास भी ठीक प्रकार नहीं होता तो आप अपनी बात को किसी को भी ठीक प्रकार से नहीं समझ सकते। इसलिए अपनी सोच को बेहतर करने के लिए कहानी एक बहुत महत्वपूर्ण साधन होता है।
इससे आपके संचार में सुधार होता है और आप अपनी बात को दूसरे के सामने स्पष्ट रूप से व्यक्त कर पाते हैं। कहानी सुनाने के दौरान बच्चों से बात करने का प्रयास करें।
और उसे यह पूछे कि इस कहानी में आगे क्या होने वाला है इससे बच्चों की संचार की स्किल बहुत बेहतर होती हैं।
10.तनाव और चिंता में कमी:
कहानियां बच्चों के तनाव को कम करने में मदद करती हैं। कहानियां सुनने से बच्चे को बहुत इंटरेस्ट आता है और उसे खुशी मिलती है। बच्चा एक अलग ही कल्पना होगी दुनिया में पहुंच जाता है।
उसे हर चीज बेहतर दिखाई देती है और उसका मन खुश हो जाता है इससे बच्चे का तनाव कम होता है। और उसे चिंता भी कम लगती है। यदि आप रोजाना तौर पर बच्चों को कहानी सुनाते हैं तो उसके मन में उत्सुकता बढ़ती है।
तनाव या चिंता का कोई भी ख्याल उसके मन मे नहीं आता है। तनाव और चिंता में कमी लाने के लिए आप अपने बच्चों को लगातार कहानी सुना सकते हैं। और बच्चे को ऐसी कहानी सुननी चाहिए जो हमेशा उसे खुशी प्रदान करें और जिसका अंत बिल्कुल सही हो।
11.याददाश्त तेज होती है:
जिन बातों को किसी भी व्यक्ति के द्वारा इंटरेस्ट के साथ सुना जाता है। वह बातें उसे व्यक्ति को बहुत दिनों तक याद रहती हैं। यदि बच्चा किसी भी बात को बेमन से सुनता है।
तो वह उसे याद नहीं रख पाता उसी प्रकार से कहानियों का कांसेप्ट है। कहानी बच्चे बहुत मन लगाकर और ध्यानपूर्वक सुनते हैं। ऐसा करने से बच्चे की याददाश्त तेज होती है कितनी भी पुरानी कहानी को आप यदि बच्चे से पूछते हैं।
तो वह पूरी कहानी को आसानी से आपको सुना सकता है यह इस बात का प्रमाण होता है। कि बच्चे कहानियों को सुनने से याददाश्त तेज करने में मदद करते हैं। इसलिए बच्चों को कहानी अवश्य सुननी चाहिए।
12.इतिहास का ज्ञान:
बच्चों को इस प्रकार की कहानी सुननी चाहिए। जिससे बच्चों को अपने इतिहास के विषय में ज्ञान प्राप्त हो इतिहास का ज्ञान प्राप्त होने से बच्चे को अपने पूर्वजों के विषय में भी जानकारी मिलती है। और सही समय पर क्या करना चाहिए उसके विषय में भी पता चलता है।
इतिहास में ऐसी बहुत सारी घटनाएं हैं जिनसे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। और अपने जीवन में किस प्रकार से डिसीजन लेना चाहिए। उसके विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं इतिहास एक ऐसा माध्यम है।
जो सही गलत के विषय में बताता है कि जीवन में क्या सही हो सकता है। और क्या नहीं कहानियों के माध्यम से आप अपने बच्चों को इतिहास का पूर्ण ज्ञान कर सकते हैं इससे बच्चों की समझ सकती बढ़ती है।
13.कहानीकार का विकास:
कुछ बच्चे किसी विशेष स्केल को सुन सुनकर यह देखकर ही अपना यह मन बना लेते हैं कि उन्हें वही कार्य करना है। उसी प्रकार से कहानियों का कांसेप्ट है यदि बच्चे को कहानी में रुचि आने लगती है।
और वह अपना मन बना लेता है तो आगे चलकर वह कहानीकार बन सकता है। यदि कहानीकार के रूप में वह अपनी कला को विकसित करता है।
तो वह निश्चित ही एक बेहतर कहानीकार बनता है और अपने जीवन में नई-नई ऊंचाइयों को हासिल कर सकता है।
14.समझ शक्ति का विकास :
कहानियां बच्चों के अंदर समझ सकती का विकास करती हैं। कहानी एक बेहतर अंत तक पहुंच जाती हैं जिसमें जो सही होता है। कहानी का अंत उसी कड़ी के साथ होता है।
इससे बच्चों को यह समझ में आता है कि क्या सही चीज हैं और क्या गलत है। बच्चों के अंदर समझ सकती का विकास होता है। और किस प्रकार से वह एक बेहतर भविष्य प्राप्त कर सकता है उसके विषय में उसे दिशा निर्देश प्राप्त होते हैं।
बच्चों को सोने से पहले कहानी सुनाने के क्या कुछ विशेष लाभ हैं?
बच्चों को सोने से पहले कहानी(Bacho ko sone se pehle kahani ke fayde) सुनने के क्या लाभ होते हैं। उसके विषय में नीचे जानकारी प्राप्त की गई है जिसके माध्यम से आप उसके बेहतर लाभों के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
1.पारिवारिक संबंध मजबूत होना –
कहानी सुनाते समय बच्चों का अपने परिवार के साथ समय व्यतीत होता है। वह अपने परिवार के लोगों के साथ बातें करते हैं।इससे बच्चों का उनके परिवार के साथ बंद मजबूत होता है और उनके पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं। कहानी दोनों के बीच में प्रेम बढ़ाने का एक बेहतर कार्य करती है।
2.मन की शांति :
बच्चों की मनपसंद कहानियां सुनने पर बच्चों के दिमाग को आराम मिलता है। और इस खुशी महसूस होती है। बच्चों का दिमाग शांत होता है और उसे आरामदायक नींद आने में भी मदद मिलती है। इसलिए शाम को कहानी सुनना बहुत बेहतर होता है बच्चा अच्छी बातें सोच कर सोता है। और अच्छी ही बातें सोच कर उठना है।
3.प्रेरणा का स्रोत-
कहानियां बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत होती हैं। कहानियों से बच्चे को प्रेरणा मिलती है कि क्या बातें सही है। और क्या बातें गलत कहानियों के बीच में कुछ ऐसी प्रेरणादायक बातें आती हैं।
जो बच्चे के मन में उत्साह जागृत कर देती हैं इसलिए बच्चों को ऐसी कहानी सुननी चाहिए। जो बच्चे के मन में हमेशा उत्साह उत्पन्न करें और उसे अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करें।
बच्चों को कहानियां कैसे सुनाएं? अभिभावकों के लिए बच्चों को कहानी सुनाने के टिप्स
- यदि बहुत सारे बच्चे हैं तो आप उन्हें एक गले में बैठ कर कहानी सुना सकते हैं।
- जिससे किसी भी बच्चे को यह महसूस ना हो कि वह आपसे दूर है वह आपसे सीधा संबंध महसूस करें उसे दिशा में बच्चों को बैठना चाहिए।
- बच्चों को कहानी सुनाते समय इस बात के लिए भी प्रेरित करना चाहिए कि वह बताएं कि आगे कहानी में क्या होने वाला है।
- कहानी का अंत होने के बाद बच्चे से इस बात के विषय में पूछे कि उसे कहानी से उन्होंने क्या सीखा। इससे बच्चों को कहानी किसी के विषय में भी अच्छी जानकारी प्राप्त होती है।
- कहानी सुनाते समय आप बीच-बीच में कहानी से संबंधित बच्चों को चित्र भी दिखा सकते हैं। और उससे संबंधित बच्चों से सवाल भी पूछ सकते हैं।
- यदि आप एक साथ कई बच्चों को कहानी सुना रहे हैं। तो यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए। कि आपकी आवाज सभी बच्चों को बराबर पहुंचे जिससे सभी बच्चों को कहानी ठीक प्रकार से सुनाई दे।
- अभिभावकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की कहानी इस प्रकार हो कि बच्चा उसमें आनंद महसूस करें ना कि वह सुनते-सुनते बोर हो जाए।
- कहानी के बारे में बच्चों को विचार लिखने के लिए कहना चाहिए जिससे बच्चे की बौद्धिक और रचनात्मक दृष्टिकोण का विकास हो।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. बच्चों को कहानी कौन सुनाता है?
बच्चों को कहानी नाना नानी दादी दादी या घर के बड़े बुजुर्ग सुनते हैं।
Q. बच्चों को कहानी सुनाने का सही समय क्या है?
बच्चों को कहानी सुनाने का सही समय शाम का होता है जिससे बच्चों के मन में अच्छे विचार उत्पन्न हो।
Q. कहानियों से बच्चों के अंदर क्या प्रभाव पड़ते हैं?
कहानियों से बच्चों के अंदर नैतिकता रचनात्मक एकाग्रता समझ शक्ति आदि अनुभवों का विकास होता है।
Q. ज्यादा बच्चों को कहानी किस प्रकार सुननी चाहिए?
ज्यादा बच्चों को कहानी गोलाकार में बिठाकर तेज आवाज में सुननी चाहिए जिससे सभी बच्चे आपसे कनेक्ट महसूस करें।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों को कहानी सुनाने के 15 फायदे (Chote Bacho Ko Kahani Sunane Ke Fayde) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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