रीड की हड्डी में फ्रैक्चर के लक्षण और ठीक करने के उपाय

व्यक्ति को अपने शरीर का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। यदि शरीर का कोई भी अंग टूट जाता है तो व्यक्ति को चलने उठने बैठने आदि में समस्या होने लगती है और उसे बहुत ज्यादा दर्द का भी सामना करना पड़ता है। हमारा एक बार यदि हाथ या पैर टूट जाता है तो वह जुड़ सकता है परंतु यदि रीड की हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है (Back bone me fracture) तो व्यक्ति को बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ता है। 

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको रीड की हड्डी में फ्रैक्चर के लक्षण (Back bone me fracture ke symptoms) और उसको ठीक करने के उपाय के विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े। 

रीड की हड्डी क्या है? 

रीड की हड्डी को कशे रुक (Back bone kya hai?)भी कहा जाता है। रीड की हड्डी कोल 33 हड्डियों से मिलकर बनी होती है यह व्यक्ति को झुकने में चलने में बॉडी को पाश्चर देने में मदद करती है। यह हमारी पीठ को सपोर्ट देने में भी मदद करता है। रीड की हड्डी के अंदर स्पाइनल कॉर्ड मौजूद होती है रीड की हड्डी हमारी स्पाइनल कॉर्ड को प्रोटेक्ट करने के लिए जरूरी होती है। रीड की हड्डी के माध्यम से हमारी पूरी बॉडी को सपोर्ट मिलती है। 

यदि हमारी रीड की हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है तो व्यक्ति को बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है। रीड की हड्डी में फ्रैक्चर का मतलब है कि व्यक्ति की स्पाइनल कॉर्ड को खराब होने का खतरा होता है। यदि रीड की हड्डी में फ्रैक्चर होता है। तो व्यक्ति को झुकने मुड़ने उठने बैठने हर तरीके की समस्या होने लगती है और इसमें बहुत ज्यादा दर्द का सामना भी करना पड़ता है। 

रीड की हड्डी में फ्रैक्चर एक्सीडेंट चोट से गोली लगने से या खेलने पर गिरने से हो सकता है। यदि रीड की हड्डी में फ्रैक्चर होता है तो इन कल 33 हड्डियों में से कोई भी हड्डी अपनी जगह से हट जाती है। जिसके कारण बहुत ज्यादा परेशानी होने लगती है। रीड की हड्डी का फ्रैक्चर विभिन्न तरीके का होता है इनमें से कुछ फ्रैक्चर सामान्य दवाइयां को खाकर ठीक हो सकते हैं। परंतु कुछ फ्रैक्चर ऐसे होते हैं जिनमें सर्जरी की आवश्यकता होती है। 

रीड फ्रैक्चर के प्रकार

रीड की हड्डी में कितने प्रकार के (Back bone me fracture ke types)फ्रैक्चर हो सकते हैं और उनके क्या-क्या कारण हो सकते हैं। उसके विषय में नीचे जानकारी दी गई है। 

1. दबाव के कारण फ्रैक्चर : इस प्रकार के फ्रैक्चर का कारण ज्यादा दबाव पड़ने के कारण भी हो सकता है। इसमें रीड का अगला हिस्सा फ्रैक्चर हो जाता है। जिसके कारण व्यक्ति की लंबाई कम दिखाई देने लगती है। इस प्रकार के फ्रैक्चर में रेड के पिछले हिस्से को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता आगे के हिस्से में फ्रैक्चर का कारण ट्यूमर या ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है। इस प्रकार के फ्रैक्चर में व्यक्ति को बहुत ज्यादा दर्द होता है। और इसका कोई लक्षण भी हमें साफ दिखाई नहीं देता दर्द से बचाव के लिए हम पेन कलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

2. धुरी से जुड़ा हुआ फ्रैक्चर :इस प्रकार का फ्रैक्चर तब होता है। जब व्यक्ति किसी ऊंचाई वाले स्थान से अपने पैरों केवल धरती पर गिरता है। इस प्रकार के फ्रैक्चर में व्यक्ति के रेड का ऑपरेशन और निचला हिस्सा दोनों ही प्रभावित होते हैं। जिसके कारण यदि इस प्रकार के फ्रैक्चर को ठीक करने की आवश्यकता होती है तो ऑपरेशन ही एक ऑप्शन होता है ऑपरेशन के अलावा इस प्रकार के फ्रैक्चर को हम ठीक नहीं कर सकते। यदि धुरी से जुड़ा हुआ फ्रैक्चर होता है तो इसमें व्यक्ति के रीड की अगली और पिछले हिस्से की लंबाई घट जाती है। 

3. गर्दन झुकाने से फ्रैक्चर : इस प्रकार का फ्रैक्चर व्यक्ति को एक्सीडेंट के कारण होता हैं। यह बहुत तेज झटका लगता है तब इस प्रकार का फ्रैक्चर होता है। यदि तेज झटका लगने से व्यक्ति की गर्दन आगे की तरफ झुकती है तो व्यक्ति की रीड का पिछला हिस्सा भी आगे की ओर खिसक आता है। और उसका कुल्हा अपने स्थान पर रहता है जिसके कारण व्यक्ति के पिछले भाग का डिस्प्लेसमेंट हो जाता है और फ्रैक्चर होने का खतरा हो जाता हैं। इस प्रकार के फ्रैक्चर में बच्चों की पीठ या किसी वयस्क की पीठ आगे की ओर झुक जाती है। 

रीड की हड्डी में फ्रैक्चर होने के लक्षण

रीड की हड्डी में फ्रैक्चर होने के (Back bone me fracture ke symptoms)क्या-क्या लक्षण होते हैं और आप इसे कैसे पहचान सकते हैं। उसके विषय में नीचे बताया गया है। 

  • यदि आपकी रीड की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ है तो आपको बहुत तेज दर्द महसूस होता हैं। यह दर्द आपका सबसे निचले हिस्से में या बीच के हिस्से में हो सकता हैं। आपको झुकना में ज्यादा तेज चलने में उठना और बैठने में लेटने में इन सभी कामों में बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है।  इस प्रकार का दर्द हड्डी के अगले और पिछले दोनों हिस्सों में हो सकता है। ऐसे दर्द को ठीक होने में कुछ हफ्ते से लेकर महीने भी लगा सकते हैं। 
  • जैसे-जैसे समय बढ़ता है व्यक्ति की लंबाई घटती चली जाती है और उसका वजन बढ़ता चला जाता है। 
  • आपके पेट का दर्द जो आराम करने पर आपको ज्यादा महसूस नहीं होता परंतु जवाब चलते हैं। तो यह आपको ज्यादा महसूस होने लगता है। 

रीड की हड्डी पर दबाव पड़ने से दिक्कतें

रीड की हड्डी पर दबाव पड़ने से क्या-क्या दिक्कतों का सामना करना पड़ता है उसके विषय में नीचे बताया गया है। 

  • कमजोरी होना 
  • सोते समय दर्द का बढ़ना 
  • सुनाता 
  • चलने में कठिनाई का सामना होना 
  • पीठ के अंदर झनझनी होना

रीड की हड्डी में फ्रैक्चर से कैसे बचे? 

रीड की हड्डी में फ्रैक्चर से कैसे बचा (Back bone me fracture se bachav)जा सकता हैं। उसे नीचे पॉइंट्स के माध्यम से बताया गया है। 

  • हड्डियों को मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यकता विटामिन और कैल्शियम की होती हैं। इसलिए अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में विटामिन और कैल्सियम को शामिल करना चाहिए। 
  • एक्सरसाइज हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है इसलिए हमें अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल करना चाहिए। और हमें ज्यादा से ज्यादा पैदल चलने की आदत डालनी चाहिए। 
  • ऑस्टियोपोरोसिस एक प्रकार की बीमारी होती है जो हड्डियों को कमजोर करती है इसलिए हमें ऑस्टियोपोरोसिस होने से बचना चाहिए।
  • यह हमारी हड्डियों को कमजोर करने के कारण उन्हें जल्दी टूटने का खतरा होता है। 
  • कोई भी दुर्घटना होने से बचना चाहिए। गाड़ी चलाते समय यह अन्य वाहनों का इस्तेमाल करते समय हमें सुरक्षा उपकरणों को जरूर अपने साथ रखना चाहिए। 
  • हमें नशीले पदार्थ जैसे कि तंबाकू या गुटके से दूर रखना चाहिए।
  • यह हड्डियों को कमजोर करने का एक कारण होता है। 

रीड की हड्डी में फ्रैक्चर के लिए टेस्ट

रीड की हड्डी में फ्रैक्चर के (Back bone me fracture ke test)लिए कौन-कौन से टेस्ट किए जाते हैं। उसके विषय में नीचे बताया गया है। 

1.एक्स-रे : यदि आपके शरीर में किसी भी प्रकार की कोई स्वास्थ्य समस्या हैं। आपकी हड्डी में कोई कमी है दर्द हो रहा है या आपको कैंसर है तो आप एक-रे के माध्यम से इन सभी चीजों की जांच कर सकते हैं। एक्स-रे 60 साल से ज्यादा उम्र की औरतें या व्यक्तियों का हो सकता हैं। यदि महिलाओं को हड्डियों से जुड़ी कोई भी समस्या नहीं है तो उन्हें एक-रे की आवश्यकता नहीं होती। 

2.सीटी स्कैन : सीटी स्कैन के माध्यम से व्यक्ति के अंदरूनी हिस्सों में क्या-क्या परेशानी हैं। उसकी साफ जानकारी हमें मिल जाती हैं। यदि व्यक्ति की रीड में दर्द हो रहा है तो डॉक्टर से सीटी स्कैन करने की सलाह दे सकते हैं। सिटी स्कैन में यह पता लग जाता है कि व्यक्ति की कौन सी हड्डी टूटी है और उसका उपचार कैसे कर सकते हैं। 

3.एमआरआई स्कैन : एमआरआई स्कैनिंग के माध्यम से शरीर के सभी हिस्सों की जानकारी मिल जाती हैं। शरीर के किस हिस्से में क्या बीमारी है और किस डिसऑर्डर के कारण व्यक्ति को वह बीमारी हो रही हैं। उसके विषय में पूरी जानकारी एमआई के माध्यम से हो जाती हैं। कई बार व्यक्ति को अपना मल मूत्र रोकने में समस्या होती है और उसे जल्दी-जल्दी वॉशरूम जाने की आवश्यकता होती हैं। ऐसे व्यक्तियों को डॉक्टर एमआरआई करने की सलाह देता है।

रीड की हड्डी में फ्रैक्चर का इलाज

यदि किसी व्यक्ति की रीड की (Back bone me fracture ka ilaj)हड्डी में फ्रैक्चर हो गया है तो वह उसका इलाज कैसे कर सकते हैं। उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। 

1.नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट : यदि व्यक्ति की रीड की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ हैं। तो वह ज्यादा जल्दी ठीक नहीं होता उसके लिए हमें कुछ महीने या कुछ हफ्तों का समय लग सकता हैं। तब तक हमें अपने आप से किस प्रकार के ट्रीटमेंट करने चाहिए। जिससे हमारा दर्द कम हो उसके कुछ उपाय नीचे बताए गए हैं। 

  • आराम करना : व्यक्ति की रीड की समस्या होने पर उन्हें आराम करने की सलाह दी जाती हैं। आराम करने से हमें कुछ समय के लिए आराम मिलता है परंतु हमें ज्यादा आराम नहीं करना चाहिए। इससे आपकी ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या बढ़ भी सकती हैं। हमें हमेशा हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह माननी चाहिए और उसके हिसाब से काम करना चाहिए। 
  • बेल्ट का उपयोग करना : बेल्ट सेट की हड्डी को सीधा रखने में और पीठ को सपोर्ट देने में बहुत मदद करती हैं। जब भी किसी व्यक्ति की रेट में फ्रैक्चर होता है तो डॉक्टर उसे बेल्ट बांधने की सजा देता हैं। बेल्ट की मदद से फ्रैक्चर भी जल्दी ठीक होता है पेट को सपोर्ट अच्छी मिलती हैं। जिस व्यक्ति सीधा बैठ सकता है और एक्सरसाइज भी कर सकता है। 

2.दर्द निवारक दाबाओ का उपयोग : जब भी हम अपने रीड की हड्डी का फ्रैक्चर होने पर डॉक्टर से संपर्क करते हैं और उसे एंटीबायोटिक लेने की सलाह लेते हैं। तो डॉक्टर हमें जरूर ही दर्द निवारक दवाइयां की सलाह देता हैं। यदि हम दर्द निवारक दवाइयां नहीं खाते हैं तो हमें बहुत ज्यादा झेलना पड़ता है इसलिए इन दवाइयां को खाना जरूरी होता हैं। इससे बहुत आराम मिलता है और हमें ज्यादा दर्द महसूस नहीं होता। 

3.सर्जरी : रीड की हड्डी के फ्रैक्चर को ठीक करने का सबसे लास्ट ऑप्शन सर्जरी होता हैं। यदि आपको दवाइयां लेने से बेल्ट पहनने से आराम करने से या कोई भी घरेलू उपचार करने से आराम नहीं मिल रहा है तो आपको सर्जरी करने की आवश्यकता होती हैं। ऐसा जरूरी नहीं होता की सर्जरी के बाद आपका फ्रैक्चर पूरी तरीके से ठीक हो जाता हैं। परंतु बहुत लोगों में ऐसा देखा गया है की सर्जरी के बाद रीड की फ्रैक्चर की समस्या ठीक हो जाती हैं।

 रीड की सर्जरी बहुत कॉम्प्लिकेटेड होती है इसलिए हमें दवाइयां के माध्यम से रेड के फ्रैक्चर को ठीक करने का उपाय करना चाहिए। सर्जरी वित्तीय रूप से काफी एक्सपेंसिव हो सकती है यदि डॉक्टर के द्वारा सर्जरी को रिकमेंट किया गया है तो हमें ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए और तुरंत ही सर्जरी करवाने के लिए आगे आना चाहिए। यदि हमने इस पर ध्यान नहीं दिया और उसकी सही तरीके से मेडिसिंस का इस्तेमाल नहीं किया तो हमें अपनी पूरी जिंदगी इस परेशानी से जूझना पड़ सकता है। 

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ) 

Q. रीड में कुल कितनी हड्डियां पाई जाती हैं? 

एक व्यक्ति की रेड 33 हड्डियों से मिलकर बनी होती है। 

Q. रीड की हड्डी किस चीज को प्रोटेक्ट करने के लिए बनी होती है? 

रीड की हड्डी स्पाइनल कॉर्ड को प्रोटेक्ट करती है स्पाइनल कॉर्ड हमारे दिमाग से हमारे शरीर को जोड़ने का काम करता है। 

Q. फ्रैक्चर होने पर हमें क्या करना चाहिए? 

फ्रैक्चर होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। और डॉक्टर द्वारा बताइए की एक्सरसाइज और दवाइयां का इस्तेमाल करना चाहिए। 

Q. फ्रैक्चर होने से हम कैसे बचा सकते हैं? 

कैल्शियम और विटामिन का आहार लेकर एक्सीडेंट से बचाव करके और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करके फ्रैक्चर से बचाया जा सकता है। 

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको रीड की हड्डी में फ्रैक्चर के लक्षण और ठीक करने के (Back bone me fracture)उपाय के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप कमेंट करके कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की हुई जानकारी बिल्कुल ठोस और सटीक है ।अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें । हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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