शिशु को स्पंज स्नान कैसे कराये? | Baby ko sponge bath?

शिशु बहुत ही कॉल कोमल होता है। उसे जन्म के पश्चात ही बहुत ज्यादा केयर की आवश्यकता होती है शिशु नाभि के द्वारा अपनी मां से अटैच होता है। और उसके जन्म होने के पश्चात नाभि को मन से अलग करने के लिए उसे काट दिया जाता है। उसे समय के पश्चात शिशु की नाभि खुद ही सूखकर गिरने लगती है परंतु ऐसा (Sponge bath Kya hai?) अगर नहीं होता तो डॉक्टर के द्वारा उसे स्पंज स्नान करने की सलाह दी जाती हैं ।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इस विषय में जानकारी देंगे। कि शिशु को स्पंज स्नान कैसे (Sponge bath kaise karaye) कारण यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

स्पंज स्नान क्या है? 

डॉक्टर के द्वारा नवजात (Sponge bath Kya hai?)बच्चों को स्पंज स्नान करने की सलाह दी जाती है। स्पंज स्नान के द्वारा बच्चों की नाभि अच्छी और जल्दी ठीक हो जाती है और बच्चे जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। वैसे तो बिना स्पंज स्नान के ही बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हो जाते हैं।

शिशु को स्पंज स्नान कैसे कराये Baby ko sponge bath

 परंतु कुछ बच्चों में यह बेकार उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण उन्हें स्पेनिश स्नान करना आवश्यक होता है। स्पंज स्नान में बच्चा बिल्कुल बिकता भी नहीं है। और उसे नहलाने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या भी नहीं होती है।

शिशु को स्पंज स्नान करने से पहले कुछ जरूरी बातें? 

शिशु को स्पंज स्नान करने से (Sponge bath se pehle jankari)पहले कुछ जरूरी बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। इसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।

1.शिशु को स्पंज स्नान करने से पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए। पूरी तैयारी में पहले से ही एक बड़ा सा पानी को सुख लेने वाला तोलिया रखना चाहिए। इसके अलावा आज सुगंधित स्पंज या शरीर को पहुंचने के लिए भी एक तौलिया रखना चाहिए।

 शरीर को साफ करने के लिए एक छोटा कपड़ा गीली रुई के टुकड़े साफ कपड़े ,बिना खुशबू वाला क्लींजर बच्चों के लिए यह बेहतर होता हैं। कि आप साबुन से बनी चीजों का इस्तेमाल न करें या खुशबूदार चीजों का इस्तेमाल न करें। इसमें केमिकल्स का उपयोग किया जाता है और यह बच्चे की स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

2.यह बिल्कुल सही उपाय होता है कि आप अपने बच्चों को नहाने के बाद साफ करने के लिए अलग-अलग तालिया का इस्तेमाल करें। शिशु के पैर और तलवों को पूछने के लिए अलग टौरिया का इस्तेमाल करें शिशु के हाथ और बाजू और पेट को पहुंचने के लिए अलग-अलग इस्तेमाल करें।

 शिशु के जननांगों को पहुंचने के लिए नरम हुई का इस्तेमाल करें या फिर अलग तोले का इस्तेमाल करें। शिशु के चेहरे और बालों को पहुंचने के लिए अलग प्रकार के टोल का इस्तेमाल करें या फिर हल्की हुई का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

 इस प्रकार अलग-अलग तोले का इस्तेमाल करने से शरीर में किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन पूरे शरीर में होने से बचता है।

3.बच्चों को स्पंज स्नान करने के लिए सबसे पहले आप उचित स्थान का चयन करें। उचित स्थान का चयन करने के लिए कुछ मा अपनी जमीन के फर्स पर ही मैट विचकर बच्चों को स्पंज स्नान करने की सलाह देते हैं।

 बल्कि कुछ लोग इसको बाथरूम में करते हैं परंतु कुछ माय अपने बच्चों को स्पंज स्नान करने के लिए अपने बेड को ही उचित मानती हैं। और वहीं पर बच्चों को स्पंज स्नान करती हैं।

4.शिशु को स्पंज स्नान करने से पहले यह बात सुनिश्चित करनी चाहिए की कमर गर्म हो किसी भी प्रकार की एसी कूलर या पंखे की हवा बच्चों को ना लगे। आप अपने खिड़की और दरवाजों को भी बंद कर देंगे।

 जिससे कि बच्चों को ठंडी हवा सीधे संपर्क में ना आए और बच्चा बीमार होने से बच जाए।

5.बच्चों को नहलाने से पहले यह बात सुनिश्चित कर लेनी चाहिए कि जिस पानी से आप बच्चे को नहला रहे हैं वह अपनी हल्का गर्म होना चाहिए। बच्चों को हमेशा 100 डिग्री फारेनहाइट तक के गर्म पानी से नहलाना चाहिए चाहे गर्मी हो या ठंड हो बच्चे को ज्यादा ठंडा पानी से कभी भी नहीं लेना ना चाहिए।

 इससे बच्चों को नुकसान हो सकता है पानी को गर्म करने के पश्चात आप अपनी को छूकर अपने हाथों से या अपनी कोहनी से यह बात सुनिश्चित करने की पानी ज्यादा गम ना हो ना ही ज्यादा ठंडा हो।

 इस प्रकार यदि आप बच्चे को नहीं लेंगे तो उसके शरीर के सारे जर्म्स साफ हो जाएंगे और बच्चा बिल्कुल साफ सुथरा रहेगा।

6.शिशु को नहलाने से पहले आप जिस भी स्थान पर शिशु को नहला रहे हैं। वहां पर एक तौलिया बचाने उसके नीचे एक मिनट बढ़ा लें जिससे पानी रुक रहे और पानी जल्दी ना रहे। यदि आप बाथरूम में बच्चों को नहला रहे हैं तो तलिए के नीचे अच्छी मेट बसा ले जो पानी को रोकने में सहायक हो।

 तो लिए का इस्तेमाल पहले से इसलिए करना चाहिए क्योंकि यदि बच्चे को ठंड लगेगी तो आप तुरंत ही उसे पूछ लेंगे। बच्चों के सारे कपड़े निकाल देने चाहिए बस उसका नापी उसे पहना देना चाहिए।

 यदि आपको महसूस हो रहा हो कि बच्चों को ठंड लग रही है तो आप बच्चे को सूती बनियान पहन कर भी छोड़ सकते हैं।

7.आप जिस भी कपड़े या स्पंज से बच्चों के शरीर को पहुंच रहे हैं इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि एक कपड़े से या एक स्पंज से एक ही अंग को साफ करना चाहिए। सबसे पहले उसे कपड़े को हल्के गुनगुने पानी में डूबना चाहिए।

 और उसे निचोड़ने के बाद बच्चों के एक अंग को अच्छी तरीके से साफ करना चाहिए। एक अंग को साफ करने के बाद उसे अच्छी तरीके से सुखना ही स्पंज बात का सही प्रारूप होता है।

8.यदि आपने अपने बच्चों के हाथ और पर को साफ कर दिया है तो आप आप अपने बच्चों की नैतिक को खोल सकते हैं। यदि बच्चे ने नैपी में मल त्याग किया है तो आप अपने बच्चों के जनन अंगों को बिना खुशबू वाले वाइब्स या नैपकिन से आराम से साफ कर सकते हैं।

 बड़ों की तुलना में बच्चों के माल में अधिक मात्रा में वर्षा उत्पादित होती है इसलिए यह भी हो सकता है कि बच्चे कमल पानी से साफ ना हो। इसलिए आप बच्चों के जननांग को साफ करने के लिए क्लींजर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

9.बच्चों के हाथ पैरों को साफ करने के बाद बच्चे की छाती को साफ करना चाहिए। यदि आपने अपने बच्चों को बनियान पहन रखी है तो बनियान को पहले ही उतार दें। इसके बाद बच्चे की छाती को अच्छी तरीके से साफ करें और उसके बाद उसकी नाभि को भी ठीक से साफ करें।

 यह बात सुनिश्चित कर लेनी चाहिए कि बच्चे की छाती को हल्के हाथों से साफ करना चाहिए। छाती को साफ करने के बाद बच्चे को करवट लेकर लेट दें।

 जिससे आप उसकी पीठ को भी अच्छे से साफ कर सके। इसके पश्चात शिशु को अच्छे प्रकार से तौलिया में लपेटकर लेट दें और फिर उसके चेहरे को साफ करने की शुरुआत करें।

10.बच्चों के चेहरे को साफ करने के लिए सबसे पहले एक हुई का टुकड़ा ले उसे हुई के टुकड़े को हल्के गुनगुने पानी में डुबोकर उसे निचोड़कर बच्चों की आंखों को साफ करें। बच्चे की आंखों को साफ करने के लिए हुई को आंखों से कान की तरफ ले जाए जिस भी जगह को एक बार साफ कर दें।

 तो दोबारा इस हुई का इस्तेमाल न करें जिससे बच्चे की आंखों की गंदगी दोबारा उसकी आंखों में ना लग जाएे । ऐसे ही हल्के हाथों से पूरे चेहरे को धीरे-धीरे साफ करना चाहिए।

11.नई हुई को लेकर बच्चों की गर्दन के सिलवटों को उसके चेहरे को गाल को माथे को अच्छी तरीके से साफ करें पसीने के कारण या दूध के जमने के कारण बच्चों की यह स्थान बहुत जल्दी गंदे हो जाते हैं। इसलिए इन स्थानों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।

12.यदि आप अपने शिशु के शेर के बालों को साफ करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अपने शिशु को एक बाजू से पकड़ना होगा। और एक बाजू से उसके सर को संभालना होगा।इसके लिए आप उसे तब के ऊपर ले जाएं और उसके बाद उसके सिर पर अच्छी तरीके से शैंपू लगाई शैंपू को पानी से साफ करें।

 एक सप्ताह या दो हफ्ते के बच्चे को ज्यादातर एक या दो बार सर को धोने की आवश्यकता होती हैं। परंतु यदि आप बच्चे की मालिश कर रहे हैं। तो आप अपने बच्चों को कई बार भी सर को साफ कर सकते हैं यह भी बहुत जरूरी होता है।

13.बच्चों के सिर के मुलायम स्थान को बहुत सतर्कता से छूना चाहिए। शुरुआत के दिनों में बच्चों के सिर के कुछ स्थान बहुत ही मुलायम होते हैं जिनको बहुत सात के तक उनको रेगुलेट करना बहुत आवश्यक होता हैं।

कुछ माय अपने बच्चों के सिर के फॉलिकल्स को ओपन करने के लिए काम किया कंगी का इस्तेमाल करती हैं। जिस तेजी से बच्चों के बालों की ग्रोथ हो और उनके सिर पर पपड़ी ना जमे।

 परंतु इस बात का कोई प्रमाद नही होता की बच्चों के बालों को कंघि करने से उनके बाल जल्दी निकलते है। इसलिए बच्चों के कर के नारियल भागों को बहुत शालीनता के साथ रेगुलेट करने की आवश्यकता होती है।

14.स्पंज स्नान करवाने के पश्चात शिशु के शरीर को बड़ी ही सलीनता एवं सौम्यता से पूछना चाहिए। शिशु के शरीर के उन स्थानों को ज्यादा सलीनता से पूछना चाहिए। जहां पर आपको महसूस होता है की सिलवाते पड़ी हुई है और बच्चे के शरीर में गंदगी जमा हो सकती है।

 इसके अलावा यदि आपको अपने शिशु की त्वचा शुष्क दिखाई देती है तो आप उसके लिए किसी भी प्रकार की मॉइश्चराइजर या टेलकम पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसे आपके शिशु की त्वचा पूरी तरीके से हल हो सकती है।

15.यदि आप अपने शिशु को तेल कम पाउडर लगा रहे हैं। तो सीधी तरीके से शिशु के शरीर पर तेल कम पाउडर को ना छड़ के इसके स्थान पर आप अपने हाथ में टेलकम पाउडर लेकर उसे सीधी तरीके से थपथपा दें। इससे टेलकम पाउडर बच्चों की नाक में नहीं जाएगा।

16.आराम से शिशु को कपड़े पहना है और उसे महिलाएं बहुत से बच्चे मालिश के बाद और स्नान करने के बाद दूध पीते हैं। और एक अच्छी नींद लेते हैं जिसे वह महत्वपूर्ण माना जाता है।

बच्चों के शरीर में मालिश के फायदे

बच्चों के शरीर में मालिश के क्या-क्या (Baby me malis ke benefits) फायदे हो सकते हैं। उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।

  • बच्चों की मालिश करने से बच्चों के शरीर के अंग तेजी से विकसित होते हैं। शरीर की एक्सरसाइज होती है और शरीर फुर्तीला रहता है।
  • रोजाना बच्चों की शरीर की मालिश करने से शरीर स्वस्थ दुरुस्त रहता है। और उसमें फ्लावर महसूस नहीं होती ताकत में वृद्धि होती है।
  • बच्चों के शरीर की लगातार मालिश करने से बच्चों के शरीर के खून का दौरान तेजी से दौड़ता है। और बच्चा अंदर से बिल्कुल स्वस्थ रहता है।
  • यदि रोजाना बच्चों के शरीर की मालिश नहीं की जाती तो बच्चा आलसी हो जाता है। उसके शरीर में तेजी नहीं रहती इसलिए उसके शरीर की रोजाना मालिश करनी चाहिए इससे बच्चा हष्ट पुष्ट रहता है।
  • लगातार मालिश करने से बच्चों के शरीर के सभी अंगों की एक्सरसाइज होती है। एक्सरसाइज होने से बच्चों को आलस महसूस नहीं होता। वह फुर्तीला बनता है।
  • उसके शरीर में ताकत आती है और उसके शरीर के सभी अंग मजबूत होते हैं। बच्चों को अच्छी भूख लगती है और वह पूरी तरीके से स्वस्थ महसूस करता है।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ) 

Q. बच्चों को स्पंज बात क्यों देनी चाहिए?

डॉक्टर के द्वारा रिकमेंड करने के बाद ही बच्चे को स्पंज बाद देनी चाहिए। इससे बच्चों की नाभि को ठीक होने में मदद मिलती है।

Q. स्पंज बाद में क्या किया जाता है? 

स्पंज बाद में बच्चों के शरीर को ठीक प्रकार से गीले कपड़े से पोछ जाता है। और जिस पानी में कपड़े को दिखाया जाता है उसे अच्छी तरीके से गर्म किया जाता है।

Q. बच्चों के शरीर को रोजाना साफ करना क्यों आवश्यक है? 

बच्चों के शरीर को रोजाना साफ करना इसलिए आवश्यक है। जैसे कि किसी भी प्रकार के जन्म उसके शरीर पर ना आए।

Q. क्या बच्चे के शरीर की मालिश रोजाना करनी चाहिए?

बच्चों की शरीर की मालिश बहुत जरूरी होती है और उसे माता-पिता को रोजाना करना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं चाहिए।

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको शिशु को स्पंज स्नान कैसे कराये?(Sponge bath kaise karaye) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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