बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण व लक्षण (Bacho Me Calcium Ki Kami) 

बच्चों के जन्म के पश्चात उनके शरीर में विभिन्न तरीके के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति के लिए बहुत सारे आहार बच्चों को खिलाए जाते हैं। इसके अलावा बहुत सारे बाहरी चीजों का उपयोग भी किया जाता है। बच्चों के अंदर अक्सर कैल्शियम की कमी हो जाती है। क्योंकि उनकी हड्डियों का विकास तेजी से होता है बच्चों मैं कैल्शियम की कमी के क्या कारण है या लक्षण है (Bacho me calcium ki kami ke reason) उसके विषय में अक्सर हमें जानकारी नहीं होती। 

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण व लक्षण (Bacho me calcium ki kami ke symptom)  के विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े। 

बच्चों के लिए कैल्शियम क्यों आवश्यक है?

बच्चों के लिए कैल्शियम बहुत (Bacho me calcium ki need) महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मांसपेशियों को ठीक से कार्य करने में मदद करता है। इसके अलावा यह हड्डियों के विकास में सबसे महत्वपूर्ण योगदान निभाता है। 

बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण व लक्षण (Bacho Me Calcium Ki Kami) 

कैल्शियम की मदद से ही हड्डियां मजबूत होती हैं यह हड्डियों के द्रव्यमान को बढ़ाने में भी मदद करता है। बच्चों के विकास के क्रम में पहले साल में उसके बॉडी मास्क इंक्रीज होता है और उसका वजन बढ़ता है। 

इसलिए बच्चे का वजन तोलने के बाद यदि उसका बॉडी मास सही है तो इस बात को सुनिश्चित होना चाहिए कि बच्चों के शरीर में कैल्शियम के पर्याप्त मात्रा में पूर्ति है। 

शिशुओं में कैल्शियम की कमी का क्या कारण है? | Bacho Me Calcium Ki Kami Ka Karan

बहुत सारे बच्चे शारीरिक रूप (Bacho me calcium ki kami ke reason) से कैल्शियम की कमी से जूझते हैं जिसके कारण बच्चे कमजोर हो जाते हैं और कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। शिशुओं की में कैल्शियम की कमी के क्या-क्या कारण हो सकते हैं उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। 

  • अगर बच्चे के जन्म के दौरान उसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। तब भी बच्चों के अंदर कैल्शियम की कमी होती है। 
  • अगर बच्चे की मां को मधुमेह की समस्या होती है तब भी बच्चे को कैल्शियम की कमी का सामना करना पड़ता है। 
  • बच्चों को 1 साल तक मां का ही दूध देना चाहिए यदि एक साल से कम उम्र के बच्चे को गाय का दूध दिया जाता है तो उसे हाइपोकेल्शियम की समस्या हो सकती है। 
  • इसलिए भी बच्चों के अंदर कैल्शियम की कमी का सामना करना पड़ता है। इसीलिए यह सलाह दी जाती है कि 1 साल से काम के बच्चे को गाय का दूध नहीं देना चाहिए। 
  • अगर बच्चे के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है। तब भी उसे कैल्शियम कम होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। 
  • यदि माता-पिता अपने बच्चों के खान-पान में ध्यान नहीं रखते या उसे पोषक तत्वों से युक्त चीज नहीं खिलते हैं। तब भी बच्चों के अंदर कैल्शियम की कमी हो जाती है और उसकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। 

किन नवजात शिशुओं को हाइपोकेल्शियम की समस्या का सामना करना पड़ता है? 

हाइपोकेल्शियम की समस्या (Bacho me hypoglycemia ki kami) उन बच्चों को ज्यादा होती है जिनका जन्म समय से पहले होता है। इसके अलावा जिन बच्चों का जन्म के समय सामान्य से वजन कम होता है। 

वह भी हाइपोगेशियम की समस्या का शिकार हो जाते हैं जिन शिष्यों के घर में बेकार हो उन्हें भी हाइपर कैल्शियम की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा यदि माता को मधुमेह की समस्या हो तब भी हाइपोग कैल्शियम की समस्या हो जाती है। 

बहुत सारे बच्चों में आनुवांशिक रूप से ही कमियां हो जाती हैं। जिसके कारण उनकी बॉडी स्टंटेड होती है और उन्हें रिकेट्स जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है इसके कारण भी बच्चे को हाइपोग्लाइसीम की समस्या हो जाती है। 

शिशुओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण | Bacho Me Calcium Ki Kami Ke Lakshan

कई बार बच्चों के शरीर में कमी के (Bacho me calcium ki kami ke symptom) कारण समझ नहीं आते और हमें पता नहीं चलता कि आखिर बच्चों को क्या समस्या है। कैल्शियम की कमी के लक्षण नीचे स्पष्ट किए गए हैं।

 जिनको देखकर आप यह पता लगा सकते हैं कि आपका बच्चा कैल्शियम की कमी से परेशान हो रहा है और आप उसका तुरंत इलाज कर सकते हैं। 

  • बच्चे का चिड़चिड़ा हो जाना।
  • उसकी मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
  • बच्चे की हृदय गति धीमी पड़ सकती है।
  • बच्चे को बुखार के साथ-साथ झटके लग सकते हैं।
  • बच्चे का रक्तचाप धीमा पड़ सकता है।
  • कैल्शियम की कमी से उसके दांत निकलने में देरी हो सकती है।
  • कैल्शियम की कमी होने पर बच्चे को रात के समय सोते हुए सिर पर तेज पसीना आ सकता है।

शिशुओं में हाइपोकैल्सीमिया का निदान कैसे किया जाता है?

शिशुओं के हाइपरकैल्सीमिया का निदान उसके चेक कब के बाद किया जा सकता है। यदि बच्चे को हाइपरकैल्सीमिया पाई जाती है तो डॉक्टर चेकअप के द्वारा और अच्छी दवाइयां के द्वारा अच्छे डॉक्टर के परामर्श के द्वारा बच्चों का अच्छे से इलाज करते हैं। 

और हाइपरकैल्सीमिया का निदान अच्छी प्रकार से कर सकते हैं। हाइपर कैल्शियम कोई ऐसी बीमारी नहीं है।  जिसका इलाज सही से नहीं किया जा सकता इसको समय रहते बिल्कुल ठीक किया जा सकता है। 

बच्चों में कैल्शियम की कमी का इलाज

बच्चों की डाइट में सुधार लाकर (Bacho me calcium ki kami ka ilaj) कैल्शियम की कमी का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा कैल्शियम की कमी को कैसे ठीक किया जाता है उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है

  • यदि बच्चे के शरीर में कैल्शियम की कमी पाई जाती है तो आप बच्चे को सुबह की चढ़ती धूप में बैठ सकते हैं। धूप की मदद से बच्चों के अंदर विटामिन डी की पूर्ति होती है।और कैल्शियम की कमी भी पूरी होती है इसलिए सुबह की धूप में बच्चों को अवश्य दिखाना चाहिए। यदि आप यह जानना चाहते हैं की कितनी देर तक बच्चों को धूप में बैठना चाहिए तो इसके लिए आप डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं। 
  • यदि आप अपने बच्चों को गाय का दूध दे रहे हैं तो आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। गाय के दूध में फास्फोरस की मात्रा ज्यादा होती है। जिससे बच्चों को हाइपरकैल्सीमिया की समस्या हो जाती है। गाय के दूध की जगह पर आप बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क दे सकते हैं। यह बच्चे के लिए सही उपाय होता है। 
  • यदि आपके बच्चे को जन्म के समय से ही हाइपरकैल्सीमिया की समस्या है। तो डॉक्टर आपके बच्चे को नर्सरी में रखकर ही हाइपरकैल्सीमिया का इलाज शुरू कर सकते हैं। 
  • बच्चों की ग्रोथ की समय बच्चों को समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाते रहना चाहिए। चेकअप के दौरान बच्चों के शरीर में किन चीजों की कमी है। 
  • उसके विषय में हमें जानकारी मिलती रहती है और हम समय पर उसका उपचार भी कर सकते हैं इसलिए डॉक्टर का परामर्श लेना बहुत आवश्यक है। 

बच्चे के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ | Baccho Me Calcium Ki Kami Ko Kaise Pura Kare

बच्चों की उम्र बढ़ती हुई होती है इसलिए उसको जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करना आवश्यक होता है। यदि उसके शरीर में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं तो उसका शरीर सही प्रकार से विकास करता है। 

और उसके शरीर के किसी भी हिस्से में कोई कमी नहीं रहती बच्चों को आहार ऐसा देना चाहिए। जिससे उसके शरीर की पूर्ति ठीक प्रकार से हो पाए परंतु बच्चों को कैल्शियम युक्त क्या-क्या पदार्थ देने चाहिए। उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। 

डेयरी उत्पाद :

डेयरी उत्पाद बच्चों के विकास के लिए एक बहुत बेहतर विकल्प होते हैं। दूध के उत्पादन में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए आप इसका इस्तेमाल बच्चों की कैल्शियम की पूर्ति के लिए कर सकते हैं। 

1.संतरा : सेंटर में भारी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। इसलिए बच्चों की कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए उसे संतरा जरुर खिलाना चाहिए। 

2.हरी सब्जियां : हरी सब्जियां वह चीज है जिसके माध्यम से बच्चों के शरीर में सारे तत्वों की पूर्ति होती है। हरी सब्जियों में सारे गुण पाए जाते हैं। यदि आप अपने बच्चों को लगातार हरी सब्जियां खिलाते हैं। 

तो कभी भी उसके शरीर में पोषक तत्व की कमी नहीं होती अपने बच्चों के शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए और उसकी हड्डियों को मजबूत करने के लिए उसे हरी सब्जियों का सेवन लगातार करते रहना चाहिए। 

3.सोयाबीन और बादाम : सोयाबीन और बादाम दोनों में ही पोषक तत्व जैसे की कैल्शियम भारी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए बच्चों को आप सोयाबीन और बादाम का सेवन कर सकते हैं। 

4.अनाज : गेहूं राजी ज्वार बाजरा में भी कैल्शियम भारी मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम की पूर्ति के लिए आप बच्चे को अनाज का सेवन जरूर कराये। 

5.अंडे : अंडा पौष्टिक तत्वों का खजाना होता है इसमें कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए आप अंडे का सेवन बच्चों की कैल्शियम की पूर्ति के लिए कर सकते हैं। 

6.दाल : दाल में भारी मात्रा में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करते हैं। इसलिए इसकी पूर्ति के लिए डाल अवश्य खानी चाहिए। 

7.हरी मटर : हरी मटर का इस्तेमाल भी बच्चों के अंदर कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है। 

इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाए जाते हैं जो हड्डियों को भी मजबूत करता है। 

क्या बच्चे को कैल्शियम सप्लीमेंट की आवश्यकता है? 

आपके बच्चे को कैल्शियम की सप्लीमेंट की आवश्यकता है या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके बच्चे के शरीर में कैल्शियम की कितनी आवश्यकता है। नेचुरल चीजों का इस्तेमाल बहुत महत्वपूर्ण होता है। 

नेचुरल चीजों से अपने शरीर के कर्मियों को पूरा करना चाहिए सप्लीमेंट एक आर्टिफिशियल चीज होती है जो बच्चे के शरीर को नुकसान भी बचा सकती है। इसलिए सप्लीमेंट का इस्तेमाल कम से काम करना चाहिए। 

कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिनके शरीर में कैल्शियम की भारी मात्रा में कमी हो जाती है उन्हें कैल्शियम के सप्लीमेंट लेना आवश्यक हो जाता है। परंतु कुछ बच्चों के अंदर खान-पान में बदलाव करके भी कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है। डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद आप इस विषय में सही प्रकार से विचार कर सकते हैं। 

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ) 

Q. कैल्शियम की मदद से क्या होता है? 

कैल्शियम बच्चों की हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। 

Q. विटामिन डी और कैल्सियम का क्या संबंध होता है? 

यदि शरीर में विटामिन डी उपस्थित नहीं होता तो शरीर कैल्शियम को अब्जॉर्ब नहीं कर पता है। इसलिए शरीर में विटामिन डी की उपस्थिति आवश्यक है। 

Q. कैल्शियम किन चीजों से प्राप्त होता है? 

कैल्शियम सोयाबीन संतरा दूध अंडे मांस अनाज आदि चीजों से प्राप्त होता है। 

Q. सुबह की धूप में कौन सा विटामिन पाया जाता है? 

सुबह की धूप में विटामिन डी पाया जाता है जो शरीर के लिए महत्वपूर्ण होता है। 

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण व लक्षण (Bacho Me Calcium Ki Kami) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। 

यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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