शिशुओं के लिए कॉर्नफ्लेक्स सही है या नहीं? 

बच्चों को खाने के अलावा स्वादिष्ट चीज खाना बहुत पसंद होता हैं। अधिकतर बच्चे दूध पीना पसंद नहीं करते और ना ही उन्हें खाना खाना पसंद होता है परंतु उन्हें चॉकलेट्स स्नेक्स फ्लेक्स आदि चीज बहुत पसंद आती हैं। यदि आप बच्चों के मन की चीजों को उन्हें खिलाना चाहते हैं तो बच्चे इन्हीं का चुनाव करते हैं। कॉर्नफ्लेक्स भी बच्चे बड़े मन से कहते हैं परंतु यह बच्चों के लिए सही है या नहीं (Bacho ko corn flakes) इसके विषय में पेरेंट्स को जानकारी नहीं होती। 

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके शिष्यों के लिए कॉर्नफ्लेक्स सही है या नहीं(Bacho me corn flakes ki suraksha) इसके विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े। 

शिशु के लिए कॉर्नफ्लेक्स

बच्चों को हमें सॉलिड चीजों (Bacho ko corn flakes) को खिलाने की ज्यादा जल्दी नहीं करनी चाहिए। डॉक्टर के द्वारा भी यह बताया जाता है कि जब तक बच्चा 6 महीने का नहीं हो जाता उसे सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। 6 महीने के बाद आप हल्की-फुल्की सॉलिड चीज बच्चों को खिलाने की शुरुआत कर सकते हैं।

शिशुओं के लिए कॉर्नफ्लेक्स सही है या नहीं 

 परंतु यदि आपका बच्चा 1 साल से काम का है तो उसे कुछ भी कॉर्नफ्लेक्स जैसी चीजों को ना खिलाए। यदि वह 1 साल से बड़ा हो गया है तो आप उसे कॉर्नफ्लेक्स या अन्य ठोस पदार्थ खिलाने का सोच सकते हैं। शिष्यों के लिए कॉर्नफ्लेक्स नुकसानदायक है या अच्छा है। यह जानने से पहले हमें यह जानना जरूरी होगा कि कॉर्नफ्लेक्स होते क्या हैं। कंपलेक्स क्या होते हैं उसके विषय में नीचे जानकारी दी गई है। 

कॉर्नफ्लेक्स या मकई

कॉर्न फ्लेक्स या मकई एक (Corn flakes kya hai? ) प्रकार का भोजन होता है इसको हिंदी में भूंट। कहा जाता है इसमें छोटे-छोटे बीज निकलते हैं। जिनको स्वाद के तौर पर खाया जाता है परंतु यह फायदेमंद और पौष्टिक बहुत होता हैं। इसको खाने से हमारे दांत भी मजबूत होते हैं और शरीर भी बहुत मजबूत रहता है। मकई के बहुत सारे प्रकार होते हैं और हर प्रकार के अलग-अलग फायदे हैं। कई के प्रकारों के विषय में नीचे जानकारी प्रदान करने की कोशिश गई है। 

1.डेट कॉर्न :

डेट कॉर्न मकई का एक प्रकार होता हैं। इसे सबसे ज्यादा अमेरिका में उगाया जाता है अमेरिका में ऐसे पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। परंतु बहुत सारे लोग इसका इस्तेमाल घर पर भोजन के रूप में भी करने लगते हैं। इसमें हार्ड और सॉफ्ट स्टार्च भी पाए जाते हैं जो कॉर्न सूप जाते हैं। वह इंटर हो जाते हैं और उन्हीं को डेट कॉर्न कहा जाने लगता हैं। इसका इस्तेमाल हम पशुओं के लिए भी कर सकते हैं और अपने भोजन के लिए भी कर सकते हैं। 

2.फ्लिंट कॉर्न :

फ्लिंट कॉर्न को इंडियन कार्न के नाम से भी जाना जाता है। फ्लिंट कॉर्न का शॉप और साइज बिल्कुल एक ही होता है यह एक ही कलर के होते हैं। और हर जगह एक से दिखाई देते हैं फ्लिंट कॉर्न को इंडिया में अधिक मात्रा में पाया जाता है इसे इसलिए इंडियन कॉर्न कहा जाता है। 

3.पॉपकॉर्न :

पॉपकॉर्न बहुत ही सॉफ्ट होते हैं इसलिए यह भाप की मदद से फूट जाते हैं और अच्छा शॉप ले लेते हैं। पॉपकॉर्न को मार्केट में आसानी से पाया जाता है यह भारतीय लोगों की महत्वपूर्ण पसंद है इसलिए इसको हम आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और इसको अपने बच्चों को खिला सकते हैं भारत में बच्चे पॉपकॉर्न को बहुत ही चाव से कहते हैं। और इसे खाना पसंद करते हैं। यदि आपका बच्चा अन्य चीजों को खाने में नखरे कर रहा है तो आप उसे पॉपकॉर्न लाकर दीजिए। वह बहुत मन से और बड़े चाव से पॉपकॉर्न को खाना पसंद करेगा। 

4.स्वीट कॉर्न :

स्वीट कॉर्न को स्टार्च कॉर्न भी कहा जाता हैं। इसमें अधिक मात्रा में स्टार्च पाया जाता है जिसकी कारण यह मीठा होता है और स्वाद में भी अच्छा लगता है। स्वीट कॉर्न को यदि आप अपने भोज्य पदार्थों में इस्तेमाल करना चाहते हैं तो सिर्फ इसे आधा ही पकाया जाता हैं। जब यह आधा पक्का का होता है तभी आप इसे अपने भोजन में इस्तेमाल कर सकते हैं। स्वीट कॉर्न बहुत स्वादिष्ट भी होता है और पोषक तत्वों से भरपूर भी होता है। आप इसे अच्छी तरीके से अपने भोजन और अपने बच्चों के भजन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। 

5.कॉर्न फ्लोर : 

कॉर्न फ्लोर भी बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। कॉर्न फ्लोर को खाने से बच्चा हष्ट पोस्ट और स्वस्थ बना रहता है कॉर्नफ्लोर पोषक तत्वों से भरपूर होता है। कॉर्न फ्लोर एक तरीके के कॉर्न का आता होता है इसकी आप रोटी बनाकर भी बच्चे को खिला सकते हैं जैसे वह स्वादिष्ट रूप से खाता है। यह रंग में सफेद होता है बहुत नरम होता है और स्टार्च से भरपूर होता है। आप किसी भी तरीके के कॉर्न को बच्चों को खिलाएं यह बच्चे के शरीर में पोषक तत्वों को भारी मात्रा में ट्रांसफर करता है और उसे मजबूत बनाता है। 

क्या शिशु के लिए कॉर्न खिलाना सुरक्षित होता है? 

वैसे तो हमारे बच्चे के लिए (Bacho ko corn flakes ki suraksha) )कॉर्न बिल्कुल सुरक्षित होता हैं। परंतु हमें अपने बच्चों को रोजाना कौन नहीं खिलाना चाहिए। यदि आप रोजाना बच्चों को कौन का सेवन करते हैं तो इसमें पाए जाने वाले ज्यादा मात्रा के पोषक तत्व बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हमें सॉलि़ड फूड के रूप में सीधे कॉर्न का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

 इससे पहले हमें अपने बच्चों को दाल का पानी या हल्की चीजों का सेवन करना चाहिए। जिससे उसका डाइजेस्टिव सिस्टम चीजों को एक्सेप्ट कर ले उसके बाद ही उसको कौन खिलाने की शुरुआत करनी चाहिए। यदि आपके परिवार में किसी को भी कॉर्न से एलर्जी है तो आप अपने बच्चों को कौन ना खिलाए। 

क्योंकि ऐसा हो सकता है कि आपके बच्चे को भी कॉर्न से एलर्जी के संकेत देखने को मिल सकते हैं। ऐसे बहुत सारे बच्चे हैं जो एक्जिमा से ग्रसित होते हैं। ऐसे बच्चों को हमें डॉक्टर के परामर्श के बाद ही कॉर्न का सेवन करना चाहिए।इससे पहले हमें बच्चों को कौन नहीं खिलते चाहिए। ऐसी ही कुछ सावधानियां बच्चों को कॉर्न खिलाने से पहले बरतनी चाहिए। तभी वह सुरक्षित रहेगा और स्वस्थ बना रहेगा। 

शिशु में पाचन संबंधी समस्याएं

बहुत सारे लोगों को कॉर्न बहुत (Bacho me digestive problems) पसंद होता है और बड़े चाव से उसको वह खाना पसंद करते हैं। वयस्क लोगों के लिए इसे पहचान आसान काम होता है। वह आसानी से से बचा पाते हैं परंतु वयस्कों के मुकाबले छोटे बच्चों का पाचन तंत्र कमजोर होता है उन्हें हल्की चीज ही खाने को देनी चाहिए।

 जिससे वह आसानी से उसे बचा पाए आईसी हैवी चीज हमें बच्चों को नहीं खिलानी चाहिए। जिससे उनके पाचन तंत्र में गड़बड़ी हो और उनका पेट खराब हो मकई भी इसी प्रकार का भोजन होता हैं। मकई में भारी मात्रा में स्टार्च पाया जाता है।

 स्टार्च को ब्रेक करने के लिए और उसे ग्लूकोज में कन्वर्ट करने के लिए हमारे शरीर में एमीलेस एंजाइम की जरूरत होती है जो बच्चे 1 साल से बड़े होते हैं। उनके शरीर में एमीलेस भरपूर मात्रा में प्रजेंट होता हैं। और वह आराम से स्टार्च को ग्लूकोस में कन्वर्ट कर देते हैं। परंतु जिन बच्चों की उम्र 1 साल से कम होती है।

 उन बच्चों के शरीर में एमीलेस कम मात्रा में होता है जिसके कारण वह स्टार्च को डाइजेस्ट नहीं कर पाते। बच्चों के शरीर में एमीलेस सही मात्रा में बनने के लिए एक से दो साल का समय लगता हैं। यदि उसके शरीर में स्टार्च अब्जॉर्ब नहीं होगा।  तो यह बच्चे के आत को नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए हमें ऐसा कोई भी सॉलि़ड फूड बच्चों को नहीं देना चाहिए जो उसके शारीरिक अंगों को नुकसान पहुंचा। 

पोषक तत्व का नुकसान

यदि आप अपने एक से डेढ़ (Bacho me nutrients का nuksan) साल से छोटे बच्चों को मकई का सेवन कर रहे हैं। और आपको ऐसा लग रहा है कि उसके शरीर में पोषक तत्वों की भरपूर तरीके से पूर्ति हो रही है तो यह गलत है। ऐसे पोषक तत्व जिसे हम बाहरी रूप से अपने बच्चों को खिला रहे हैं।

 परंतु अंदरुनी रूप से शरीर उन पोषक तत्वों को अब्जॉर्ब नहीं कर पा रहा है तो यह बच्चे के लिए नुकसान हो सकता है इसलिए बच्चों को हमेशा हमें ऐसी चीजों का चुनाव करना चाहिए। जिसे वह अच्छे से डाइजेस्ट कर पाए और अपने शारीरिक विकास में इस्तेमाल कर पाए मकई भी कुछ इसी प्रकार का भोजन होता हैं। मकई में पाए जाने वाले स्टार्च को बच्चे ना तो सही से अपनी बॉडी अब्जॉर्बिग कैपेसिटी में कन्वर्ट कर पाते हैं और ना ही उन्हें ऑब्जर्व कर पाते हैं। इसलिए हमें अपने बच्चों के आहार में चीजों को ऐड करना चाहिए। 

उच्च मात्रा में शुगर होने से नुकसान

वैसे तो साबुत अनाज बहुत (Bacho me sugar ke nuksan) गुदकारी होते हैं। इसमें ऐसे बहुत सारे पोषक तत्व हैं जो बच्चे के लिए बहुत अच्छे होते हैं और यह बहुत देर तक बच्चे का पेट भरने में भी मदद करते हैं। लेकिन आप अपने बच्चों को यदि मकई खिला रहे हैं। तो इसमें भारी मात्रा में शुगर पाया जाता है।

 शुगर के रूप में इसमें फ्रुक्टोज स्टार्क चीनी आदि तरीके के शुगर पाए जाते हैं जिसकी जरूरत बच्चों के शरीर में बहुत कम मात्रा में होती है और यह अधिक मात्रा में शरीर में एंट्री कर जाते हैं। जिसके कारण बच्चों के शरीर का इन्सुलिन लेवल बिगड़ने लगता है। इसलिए हमारी आपको सलाह है कि आप कभी कबार अपने बच्चों को मुंह का स्वाद अच्छा करने के लिए मकई को दूध में मिलाकर दे सकते हैं। परंतु रोजाना आप बच्चों के आहार में मकई ऐड ना करें इससे बच्चों को नुकसान होगा। 

मकई के अलावा बच्चों को क्या खिलाए? 

मकई के अलावा हम अपने (Corn flakes ke options) बच्चों को और क्या खिला सकते हैं और बहुत सारे ऑप्शंस हैं। इसके विषय में नीचे बताया गया है। 

  • शुरुआत में हमें अपने बच्चों के लिए दाल का पानी पिलाना चाहिए। दाल का पानी जल्दी डाइजेस्ट होता है और यह गुडकारी भी बहुत होता है। 
  • मकई के अलावा आप अपने बच्चों को से की खिचड़ी खिला सकते हैं। 
  • मकई के अलावा आप अपने बच्चों को मसल हुए आलू खिला सकते हैं। जैसे आराम अच्छी तरीके से उबालकर बच्चों को खिलाया सजा सकता हैं। इसके अलावा आप चावल का पानी अपने बच्चों को पिलाई यह भी बहुत गुडकरी होता है और बच्चे को पोषक तत्व देता है। 
  • केले को मसलकर या केले की खीर बनाकर भी बच्चे को खिलाया जा सकता है। जो बहुत महत्वपूर्ण है। 
  • शुभ बच्चों को बहुत पसंद होता है और सूप में पोषक तत्व भी बहुत होते हैं। आप अपने बच्चों को सब्जियों का सूप पिला सकते हैं। इसके अलावा फलों की इस स्मूदी भी बहुत स्वादिष्ट होती है फलों की इस स्मूथ आप बच्चे को बनाकर खिला सकते हैं

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ) 

Q. बच्चों को मकई हमें कितने समय के बाद खिलानी चाहिए? 

जब बच्चा 1 साल का हो जाए उसके बाद हम उसे मकई खिला सकते हैं। 

Q. मकई में ज्यादा मात्रा में क्या पाया जाता है? 

मकई में ज्यादा मात्रा में स्टार्च पाया जाता है। जिसे ग्लूकोज में बदलने के लिए एमीलेस की आवश्यकता होती है। 

Q. क्या मकई को रोजाना हमें अपने बच्चों को खिलाना चाहिए? 

मकई को रोजाना बच्चों को नहीं खिलाना चाहिए इसमें ज्यादा शुगर होती हैं। जिसके कारण यह बच्चे को नुकसान पहुंचाते हैं। 

Q. मकई के कितने प्रकार होते हैं? 

मकई के टोटल चार प्रकार होते हैं और यह अलग-अलग जगह पर पाए जाते हैं। 

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको शिशुओं के लिए कॉर्नफ्लेक्स सही है या नहीं?(Bacho ko corn flakes ki suraksha) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है ।यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप कमेंट करके कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की हुई जानकारी बिल्कुल ठोस और सटीक है ।अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें । हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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