गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम और खांसी का इलाज व घरेलू उपाय | Pregnancy Me Khansi Aur Sardi Ka Ilaj

गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बहुत ज्यादा नाजुक हो जाती हैं। गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। गर्भावस्था में गर्भवती महिला को सर्दी जुकाम और खांसी होना आम बात है यह भले ही एक छोटी सी बीमारी हो परंतु यह कब बड़ा रूप ले ले इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। सर्दी जुकाम और खांसी का घरेलू इलाज क्या हो (Pregnancy Me Khansi Aur Sardi Ka gharelu Ilaj)सकता है इसके विषय में हमें जानकारी नहीं होती।

 इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको गर्भावस्था में सर्दी जुकाम और खांसी के इलाज के घरेलू उपायों (Pregnancy Me Khansi Aur Sardi Ke gharelu upay)के विषय में बताएंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम और खांसी के कारण

सर्दी जुकाम ऊपरी श्वसन प्रणाली में होने (Pregnancy Me Khansi Aur Sardi ka reason)वाला एक प्रकार का सामान्य संक्रमण होता है। सामान्यत यह माना जाता है कि सर्दी जुकाम किसी ठंडी चीज को खाने ठंडा गरम के संपर्क में आने के कारण हो जाता है।

गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम और खांसी का इलाज व घरेलू उपाय  Pregnancy Me Khansi Aur Sardi Ka Ilaj

परंतु सर्दी जुकाम के अन्य कारण भी हो सकते हैं सर्दी का एक कारण बैक्टीरिया वायरस के संपर्क में आना भी है । गर्भवती महिला में सर्दी जुकाम के लक्षण समानता तीन माह में नजर आने लगते हैं। गर्भावस्था में सर्दी और जुकाम के कुछ अन्य कारण नीचे पॉइंट्स के माध्यम से स्पष्ट किए गए हैं।

ह्यूमन राइनो वायरस :

इस तरीके के वायरस इंसान की नाक में पाए जाते हैं। यह सर्दी जुकाम और खांसी होने का मुख्य कारण बनते हैं। ऐसे वायरस से संपर्क में बचने के लिए सर्दी जुकाम वाले व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। और मास्क का उपयोग करना चाहिए इस वायरस से संक्रमित होने वाला सर्दी जुकाम काफी भयंकर होता है।

कोरोना वायरस :

कोरोनावायरस पूरे विश्व में प्रचलित एक ऐसा वायरस है। जिसके कारण लाखों लोगों की जान गई यह वाइरस लक्स और शोषण नाली को इस प्रकार प्रभावित करता है कि इंसान को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।

कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया में महामारी का रूप लिया था कोरोनावायरस के अंतर्गत आने वाले 10 वायरस इंसानों को प्रभावित करते हैं। बाकी सारे वायरस जानवरों को प्रभावित करते हैं।

मानव पैरेनफ्लुएंजा वायरस (एचपीवी), एडीनोवायरस और श्वसन संश्लेषण वायरस (आरएसवी) :

इस वायरस से हल्का सर्दी जुकाम खांसी होने की समस्या होती है। जिन लोगों के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम पाई जाती है। वह इस वायरस से काफी हद तक प्रभावित होते हैं। इंफ्लुएंजा वायरस मुख्य रूप से एन1एच1 का प्रकार है, जो स्वाइन फ्लू का कारण बनता है।

गर्भावस्था के दौरान सर्दी-जुकाम के लक्षण

सर्दी जुकाम के क्या-क्या लक्षण होते हैं (Pregnancy Me Khansi Aur Sardi Ke symptom) यह सभी को ज्ञात है। सर्दी जुकाम के लक्षण साफ-साफ दिख जाते हैं और यह तीन-चार दिन तक रहते भी हैं। गर्भवती महिला में सर्दी जुकाम की क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं। इसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।

  • नाक बहना
  • लगातार छीकें आना
  • थकान महसूस होना
  • हल्का बुखार महसूस होना (100 डिग्री फारेनहाइट से कम तापमान)
  • खांसते समय कफ निकलना
  • गले में खराश होना
  • नाक बंद होना
  • सिर दर्द होना

गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम के लिए घरेलू उपचार (Pregnancy Me Sardi Jukam Ka Gharelu Ilaj)

गर्भावस्था के दौरान समानता लोग सर्दी जुकाम (Pregnancy Me Khansi Aur Sardi Ka upchar)के लिए घरेलू चीजों का ही उपयोग करते हैं। घर में ऐसी बहुत सारे सामान पाए जाते हैं जिनसे हम सर्दी जुकाम का एक अच्छा इलाज कर सकते हैं। सर्दी जुकाम के घरेलू उपचारों के विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।

ज्यादा से ज्यादा तरल लें :

सर्दी जुकाम में आपका गला बंद होने की समस्या होती है। इसलिए सर्दी जुकाम में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए। सर्दी जुकाम में गर्भवती महिला को कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए सर्दी जुकाम में महिला को जूस गर्म पानी या चाय का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। तरल पदार्थ में आप फलों का सूप सेराबा भी ले सकते हैं। तरल पदार्थ का सेवन करने से आपके शरीर में पानी एवं पोषक तत्वों की कोई भी कमी नहीं होती है।

पौष्टिक चीजें खाएं :

गर्भावस्था के दौरान शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को हमेशा पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार का सेवन करने से शरीर मजबूत और स्वस्थ बना रहता है।

आराम करें :

गर्भावस्था के दौरान यदि गर्भवती महिला ज्यादा से ज्यादा आराम करती है। दूसरों के संपर्क में कम रहती है तब उसका सर्दी जुकाम जल्दी ठीक हो जाता है। यदि सर्दी जुकाम वाला व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा बेड रेस्ट पर रहेगा तो उसके संक्रमण का खतरा बाकी परिवार वालों के लिए काम होगा। इसलिए सर्दी जुकाम से पेड़ गर्भवती महिला को ज्यादा ज्यादा आराम करना चाहिए और बेड पर रहना चाहिए।

अपने सिर को ऊपर रखें :

 लेटते समय अपने सिर के नीचे तकिया लगाना चाहिए सिर के नीचे तकिया लगाने से सांस लेने में आसानी होती है। और सांस फूलने की समस्या नहीं रहती सांस लेने में राहत मिलती है।

गर्म सिकाई करें :

सर्दी जुकाम के कारण यदि आपकी नाक बंद हो रही है तो गर्म कपड़े से सिकाई करनी चाहिए। सिकाई करने से न खुलने में आसानी होती है और जुकाम में भी आराम होता है।

भांप लें :

जुकाम के कारण नाक बंद होने से सांस लेने में समस्या होती है। इसके लिए जुकाम का सबसे कारगर इलाज बाप है आप गर्म पानी में विक्स मिलकर अपने सिर के ऊपर कपड़ा डालकर उसे गर्म पानी की भाप ले सकते हैं। इससे आपका दुकान बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा और आपको सांस लेने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इससे जुकाम ठीक करने में बहुत मदद मिलती है।

नींबू का रस और शहद :

यदि आपके गले में खराश है तो उसके लिए एक बहुत कारगर उपाय है। कि आप गर्म पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर उसे पानी से अपने गले की सिकाई करें। यह मिक्सर गले की सर्दी को ठीक करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इससे गला ठीक होने में मिलती है गर्म पानी में नींबू और शहद को अवश्य मिलना चाहिए।

सूखी खांसी और सामान्य खांसी के बीच अंतर क्या है?

सूखी खांसी और सामान्य खांसी में यह अंतर होता है की सूखी खांसी में खाते समय आपके मुंह से बलगम नहीं आती। परंतु सामान्य खांसी में खसते समय आपके मुंह से बलगम आ जाता है। सूखी खांसी नाक और मुंह के संक्रमण के कारण होती है परंतु सामान्य खांसी में बलगम सीने के अंदर जम जाता है। और खाते समय मुंह से बाहर आने लगता है। सूखी खांसी में खसते समय यह महसूस होता है की गले में कुछ अटका हुआ है।

गर्भावस्था में सूखी खांसी के कारण

गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी के कई कारण (Pregnancy Me Khansi ka reason) हो सकते हैं। उनमें से कुछ कारण नीचे स्पष्ट किए गए हैं।

एलर्जी :

गर्भवती महिला को यदि किसी खान की चीज से एलर्जी होती है और वह उसे चीज का सेवन कर लेती है। तो उसे तुरंत एलर्जी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसलिए गर्भवती महिला को कभी भी एलर्जिक चीज नहीं खानी चाहिए।

अस्थमा :

जिन महिलाओं को अस्थमा की समस्या होती है उन्हें भी खांसी की समस्या हो सकती है। क्योंकि अस्थमा फेफड़ों को अफेक्ट करता है जिसके कारण खासी भी हो जाती है।

ब्रोंकोस्पाज्म :

जिन महिलाओं को पहले से ब्रोंकाइटिस की समस्या होती है। उन्हें खासी की समस्या होने की संभावना अधिक होती है। ब्रोंकाइटिस किसी कीड़े के काट लेने के कारण फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है।

गर्भावस्था में राइनाइटिस :

राइनाइटिस एक ऐसी समस्या है जो सिर्फ गर्भवती महिलाओं को होती है। गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन ज्यादा सिगरेट होता है। जिसके कारण नाक की झिल्ली सूज जाती है। नाक की झिल्ली सोने के कारण महिला को सांस लेने में कुछ तकलीफ होने लगती है और उसे खांसी हो जाती है। इसलिए गर्भवती महिला को खांसी होने की समस्या ज्यादा देखी जाती है।

गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी के लिए घरेलू उपचार

गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी के (Pregnancy Me Khansi Aur Sardi Ke gharelu upchaar)क्या-क्या इलाज हो सकते हैं उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।

पर्याप्त नींद :

एक अच्छी नींद कई बीमारियों का इलाज हो सकती है। सूखी खांसी से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा नींद लेने की आवश्यकता है। वह जितना ज्यादा आराम करेंगे उतना ही सर्दी जुकाम जल्दी ठीक हो पाएगा।

अदरक :

अदरक एक बहुत अच्छा घरेलू उपचार है। अदरक खाने से बहुत सारी बीमारियां बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं। इसलिए अदरक को आप सर्दी जुकाम में इस्तेमाल कर सकते हैं। अदरक खाने के साथ-साथ उसके दो-तीन टुकड़ों को आप रोजाना खाकर अपनी सर्दी को ठीक कर सकते हैं।

नींबू :

नींबू पर थोड़ा-सा काली मिर्च का पाउडर डालकर चाटने से आपको सूखी खांसी से राहत मिल सकती है।

तुलसी और शहद :

तुलसी एक मेडिकेशन के लिए डॉक्टर के द्वारा प्रमाणित बहुत अच्छा उपाय है तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर रोजाना खाना चाहिए। इससे सूखी खांसी में बहुत आराम मिलता है।

प्याज और शहद :

प्याज के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए इससे सूखी खांसी में बहुत आराम मिलता है। शहर एक मेडिकेशन के लिए उपयोग किए जाने वाला बहुत अच्छा घरेलू उपचार है।

संतरे का जूस :

संतरे का जूस भी सूखी खांसी का उपचार के लिए बहुत फायदेमंद है। संतरे के जूस का उपयोग करने से सूखी खांसी बहुत जल्दी ठीक हो जाती है।

गर्भावस्था के दौरान सर्दी-जुकाम और खांसी के लिए दवाएं (Pregnancy Me Khasi Medicine)

गर्भावस्था के दौरान सर्दी जुकाम और खांसी के लिए डॉक्टर ज्यादा दवाइयां नहीं देता है। घरेलू उपचार के माध्यम से ही सर्दी जुकाम ठीक करना चाहिए। गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भवती महिला को किसी भी सिरप या दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे गर्भवती महिला का गर्भपात होने का खतरा रहता है इसके अलावा कौन-कौन सी दवाइयां सर्दी जुकाम में आप उपयोग कर सकते हैं। उसके विषय में नीचे जानकारी दी गई है।

  • एसिटामिनोफेन, यह दवाई सर्दी के कारण होने वाले बुखार में दी जा सकती है (8)।
  • सूडोफेड्रीन (9)।
  • लोरैटैडाइन।
  • मेंथोल या नॉन मेंथोल वाला कफ सिरप।

नोट : गर्भावस्था के दौरान किसी भी दवाई का प्रयोग अपने मन से नहीं करना चाहिए डॉक्टर की सलाह पर ही किसी मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए। गर्भवती महिला के लिए यह बिल्कुल सेफ तरीका है।

प्रेगनेंसी में सर्दी-जुकाम और खांसी से बचाव

प्रेगनेंसी में सर्दी और खांसी हो जाने के कारण एवं प्रेग्नेंट महिला का इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण उसे बीमारियां जल्दी घर लेती हैं। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपना खास ख्याल रखना होता है जिससे मैं बीमारी से दूर रह सके। प्रेगनेंसी के दौरान सर्दी खांसी से बचाव के कुछ तरीके नीचे स्पष्ट किए गए हैं।

साफ-सफाई बनाए रखें :

सर्दी जुकाम के लिए हवा में उड़ने वाले वायरस जिम्मेदार होते हैं। यह एक दूसरे को सर्दी खांसी में इनफैक्ट करते हैं। हवा से होने वाला एक खतरनाक वायरस जो सर्दी खांसी के लिए जिम्मेदार होता है। उसे राइनो वायरस कहा जाता है राइनो वायरस से बचाव के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि साफ सफाई आसपास रहती है तो सर्दी जुकाम जल्दी इंपैक्ट नहीं कर पाता।

फ्लू वैक्सीनेशन :

गर्भवती महिला को सर्दी जुकाम से बचने के लिए लगातार टीका लगवाना चाहिए। लगातार टीका लगवाने से वह बहुत सारी बीमारियों से बच सकती है। इन्फ्लूएंजा का टीका अब गर्भवती महिला को लगातार 6 महीने पर लगता है। लगातार वैक्सीनेशन करवाना गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित होता है।

हैंड सैनिटाइजर :

खाना खाने से पहले हम खाना खाने के बाद हैंड सेनीटाइजर का उपयोग करना चाहिए। हैंड सेनीटाइजर से हाथ में चिपके बैक्टीरिया और वायरस बिल्कुल खत्म हो जाते हैं। इसलिए किसी भी चीज को पीने या खाने से पहले हैंड सेनीटाइजर का उपयोग जरूर करें।

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

ज्यादातर लोग सर्दी जुकाम को हल्का-फुल्का (pregnancy me doctor se sampark) मानकर उसकी दवाई डॉक्टर से नहीं लेते हैं। परंतु हमें ज्यादा दिनों तक इंतजार नहीं करना चाहिए। यदि आपको महसूस हो रहा है कि आपका सर्दी जुकाम बढ़ गया है आपकी भूख कम हो गई है। या आपके साथ लेने में तकलीफ हो रही है। तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए सर्दी खांसी का बड़ा रूप ले ले इसके विषय में हमें जानकारी नहीं होती।

सर्दी जुकाम में अपने शरीर का तापमान चेक करते रहना चाहिए। यदि शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। खाते समय आपके सीने में यदि दर्द हो रहा है या आपको रंगीन कब आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी क्या गर्भ में पल रहे बच्चे को प्रभावित करता है?

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को होने वाली सूखी खांसी गर्भ में पल रहे बच्चे को प्रभावित नहीं करते।

Q. क्या गर्भावस्था के दौरान सामान्य दवाइयां लेना सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवाई का उपयोग नहीं करना चाहिए।

Q. गर्भवती महिला को सर्दी जुकाम में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

जब गर्भवती महिला को खाते समय सीने में तकलीफ हो या उसका बुखार 100 डिग्री से अधिक हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Q. सूखी खांसी में किन-किन चीजों का उपयोग कर सकते हैं?

सूखी खांसी में हम अदरक तुलसी काली मिर्च जैसी चीजों का उपयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम और खांसी का इलाज व घरेलू उपाय (Pregnancy Me Khansi Aur Sardi Ka Ilaj) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है।यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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