दूध पीने के बाद शिशु को उल्टी होने के कारण और बचाव

बच्चों के जन्म के पश्चात उन्हें सबसे पहले आहार मां के दूध के रूप में दिया जाता है। जब तक बच्चे 6 महीने के नहीं हो जाते तब तक उन्हें किसी भी प्रकार का ठोस आहार नहीं पिलाया जाता। बच्चों को 6 महीने तक मां का दूध ही पिलाना चाहिए। परंतु कई बार आपने देखा होगा कि दूध पीने के बाद शिशु (Bacho me vomiting) को उल्टी होने लगती है। परंतु पेरेंट्स को जानकारी नहीं होती की उल्टी के कारण क्या है। और उसको ठीक कैसे किया जा सकता है। 

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके शिशु की उल्टी के कारण और उनसे बचाव (Bacho ko vomiting se bachav)के उपाय के विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े। 

बच्चे दूध पीने के बाद उल्टी क्यों करते हैं? 

समानता जब बच्चे छोटे होते हैं  (Bacho me vomiting ke reasons)और जन्म के बाद जब उन्हें दूध पिलाने की शुरुआत की जाती हैं। तब कुछ बच्चे पहले दिन से ही दूध को लड़ना शुरू कर देते हैं। कुछ बच्चों को कभी-कभी दूध पीने के पश्चात उल्टी आती है और कुछ बच्चे हमेशा दूध पीने के बाद उल्टी कर देते हैं।

दूध पीने के बाद शिशु को उल्टी होने के कारण और बचाव

 यदि आप दिन में जितनी भी बार बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कर रही हैं। उतनी बार बच्चा दूध को उलट दे रहा है तो यह खतरनाक संकेत हो सकता हैं। बार-बार बच्चे का दूध रखना उसके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता। और यह संकेत देता है कि बच्चों के शरीर में किसी प्रकार की कमी है।

 इसके अलावा यदि हम बात करें कि बचपन में बच्चे दूध पीने के बाद उल्टी क्यों करते हैं तो उसके बारे में डॉक्टर के द्वारा यह बताया गया हैं। की बच्चों के दूध पीने के बाद दूध उसके गले यानी की ओएसोफैगस से होते हुए स्टमक में जाता है। ऐसोफागस और स्टमक को जोड़ने के लिए एक मस्कुलर रिंग उपस्थित होती हैं।

 जब बच्चा दूध पीता है तब यह मस्कुलर रिंग खुल जाती है और दूध उसके अंदर चला जाता है। दूध पीना बंद होने पर यह मस्कुलर रिंग अपने आप बंद हो जाती हैं। परंतु कभी-कभी ऐसा होता है। कि यह मस्कुलर रिंग टाइटली बंद नहीं हो पाती या खुली रह जाती हैं। तो वह दूध वापस लटकर बच्चों की ओएसोफैगस में आ जाता है।

 और इस दूध को बच्चा अपने मुंह के द्वारा उलट देता है इसलिए डॉक्टर के द्वारा हमें यह सलाह दी जाती हैं। कि बच्चों को दूध पिलाने के बाद उसे कंधे पर लेट कर डकार दिलानी आवश्यक होती है। या दूध पिलाने के बाद थोड़ी देर तक बच्चों को बैठा देना चाहिए। इससे बच्चों को किसी भी तरीके का नुकसान नहीं होगा और वह बिल्कुल सुरक्षित रहेगा। 

ब्रेस्टफीडिंग के बाद शिशु के उल्टी करने के कारण

ब्रेस्टफीडिंग के बाद बहुत  (Bacho me vomiting ke karan)सारे बच्चे उल्टी करते हैं। परंतु बच्चों के दूध उलटने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं और किन मुख्य करण की वजह से बच्चा ज्यादा दूध उल्टा है। उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। 

1. दूध की उल्टी करने का कारण पेट पर दबाव पड़ना :

कई बार आपने देखा होगा कि आप बच्चे को दूध पिलाने के बाद लेट आते हैं तो वह तुरंत दूध की उल्टी कर देता हैं। इसका मुख्य कारण वैसे तो सामान्य है परंतु पेट पर दबाव पड़ने के कारण भी बच्चे उल्टी कर देते हैं।

 माता-पिता के ध्यान न देने के कारण दूध के तुरंत बाद या तो बच्चे का पेट दब जाता है या वह पेट के वल लेट जाता है जिससे बच्चों के पेट में जितना भी दूध गया है। वह अपने मुंह के माध्यम से उलट देता है।

 इसलिए हमें विशेष ध्यान रखना चाहिए और बच्चे को हमेशा पीठ के बाल ही लेटने का प्रयास करना चाहिए। जिससे उसके पेट पर बोल ना पड़े और वह सामान्य रहे। 

2. ओवर फीडिंग करने से बच्चा करता है उल्टी :

कई बार बच्चों को ओवरफिट कर देने से भी बच्चा उल्टी करने लगता है जो माताएं पहली बार मां बनी होती हैं। उन्हें इतना ज्यादा अंदाज नहीं होता कि उनके बच्चे कितना दूध पी सकते हैं और बच्चे छोटे होते हैं।

 उन्हें यह अंदाज नहीं होता कि उन्हें कितनी भूख लगी है और उन्हें कितना दूध पीना चाहिए। इसलिए माता बच्चों को दूध पिलाती चली जाती हैं और बच्चा दूध पीता रहता है। जब ओवर फीडिंग हो जाती है तब बच्चा दूध यूटन लगता है।

 इसलिए माता को ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को थोड़ी-थोड़ी  देर के बाद स्तनपान कराना चाहिए। काफी देर तक बच्चों को बहुत सारा दूध नहीं पिलाना चाहिए। यह बच्चे को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। 

3. शिशु के दूध की उल्टी की वजह हवा निगलना :

यदि बच्चे दूध पीने के दौरान हवा निकल जाते हैं। तब भी उन्हें दूध की उल्टी होने का कारण होता है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान हवा निगलने की समस्या ज्यादा नहीं होती परंतु जब बच्चा निप्पल के माध्यम से दूध पीता है। तो यह समस्या ज्यादा होती है।

 कई बार निप्पल का छेद बड़ा होने के कारण उसकी निप्पल से दूध ज्यादा निकलता है और दूध जल्दी-जल्दी पीने के चक्कर में बच्चा हवा भी निकलता रहता है। जिससे बच्चों के पेट में हवा ज्यादा बन जाती हैं। जब हम बच्चे को डकार दिलाते हैं। तब डकार के माध्यम से बच्चों के पेट से दूध भी बाहर आ जाता है। 

4. ब्रेस्टफीडिंग के बाद शिशु की उल्टी का कारण गैस :

बच्चों के दूध को उलटने का कारण बच्चों के पेट में बन रही गैस भी हो सकती है। गैस के कारण भी बच्चे दूध यूटन लगते हैं कई बार माताएं ऐसी चीजों का सेवन कर लेती है। जिससे बच्चों के पेट में गैस बनने लगती है।

 इसलिए माता को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें ऐसी किसी चीज का सेवन नहीं करें। जो बच्चे के पेट में अपच की समस्या या गैस की समस्या का कारण बने जब बच्चे को पेट में गैस बनती रहेगी।  तो उसका पेट ठीक नहीं रहेगा और जब आप उसे दूध पिलाने के बाद हटेंगे तो वह तुरंत ही दूध की उल्टी कर देगा। 

5. शिशु की उल्टी की वजह सर्दी :

शिशु की उल्टी की वजह सर्दी जुकाम भी हो सकता है। बच्चों में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली परेशानी होती है। सर्दी बच्चे बहुत जल्दी-जल्दी सर्दी का शिकार हो जाते हैं। सर्दी होने के कारण बच्चों के शरीर में परिवर्तन होते हैं।

 जिसके कारण शिशु को उल्टी होने की समस्या होने लगती हैं। इसलिए बच्चों को हमेशा सर्दी जुकाम से दूर रखना चाहिए। ज्यादा सर्दी होने पर बच्चे दूध हमेशा उलटे हैं। इसलिए बच्चा यदि ज्यादा दूर है रहा है तो आपको यह समझ जाना चाहिए कि वह सर्दी का शिकार है। 

दूध पिलाने के बाद बच्चे की उल्टी रोकने के तरीके

दूध पिलाने के बाद बच्चा उल्टी  (Bacho me vomiting rokne ke tarike)करना शुरू कर देता हैं। इसके विषय में हम कुछ कर तो नहीं सकते परंतु ऐसे छोटे-छोटे उपाय हैं। जिसके माध्यम से हम अपने बच्चों को दूध यूटन से रोक सकते हैं या उसकी दर को कुछ काम कर सकते हैं। जिसकी जानकारी नीचे पॉइंट्स के माध्यम से स्पष्ट की गई है। 

  • ब्रेस्टफीडिंग के बाद हमें अपने बच्चों को डकार अवश्य दिलवानी चाहिए। डकार दिलाने से दूध बच्चों के सीधे पेट में जाता है और उसे पचाने में समस्या नहीं आती। 
  • यदि आप अपने बच्चों को बहुत देर तक स्तनपान कराते हैं और आपका फीडिंग सेशन 10 मिनट का है तो आपके बीच-बीच में अपने बच्चों को डकार दिलाना आवश्यक होता हैं। जिसे जितना दूध बच्चों ने पिया हैं। वह डायरेक्टली उसके पेट में पहुंच जाए यदि 10 मिनट तक आप अपने बच्चों को दूध पिलाते हैं। तो पांच-पांच मिनट के बाद आपको अपने बच्चों को डकार दिलाना आवश्यक है नहीं। तो वह दूध उलट देता है। 
  • कई बार आपके बच्चे के अंदर सेंसिटिविटी पाई जाती हैं। जिसके लिए सिर्फ डकार लेना बच्चे के लिए पर्याप्त नहीं होता। यदि बच्चे ने एक दो बार डकार ली ली है। तब भी उसे हमें थपथपाते रहना चाहिए।देर तक आने से दूध अच्छी तरीके से बच्चों के पेट में पहुंच जाता है और किसी प्रकार का डर दूध उलटने का हमारे मन में नहीं रहता। 
  • माता को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कि बच्चों को एक साथ बहुत ज्यादा दूध नहीं पिलाना चाहिए।बच्चों को हमेशा थोड़ा-थोड़ा करके ही स्तनपान कराना चाहिए। 
  • हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब भी आप अपने बच्चों को दूध पिलाई तो आपका बच्चा ज्यादा भूख ना हो क्योंकि ज्यादा भूख बच्चा ज्यादा तेजी में दूध पीता है। जो उसके लिए नुकसानदायक हो सकता है। 
  • बच्चों को स्तनपान कराने के तुरंत बाद उसे सुलाना नहीं चाहिए। सुलाने के स्थान पर हमें उसे अपने कंधे पर लेकर तब तक आते रहना चाहिए या फिर उसे पिलो लगाकर 45 डिग्री के एंगल पर बैठना चाहिए। जिससे उसको पिलाया गया दूध आराम से उसके पेट तक पहुंच जाए। 
  • दूध पिलाने के बाद बच्चे को हमेशा पीठ केवल लेते आना चाहिए। यदि आप बच्चे को पेट केवल लेटा देंगे तो उसके पेट पर दबाव पड़ेगा। और वह सारा दूध अपने मुंह से बाहर निकाल देगा। 
  • कई बार हमने देखा है कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे सो जाते हैं। बच्चा अगर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सो भी जाता है तो हमें उसके उठने से पहले उसे अच्छी तरीके से डकार दिलवानी चाहिए।
  • जिससे उसके पेट में उपस्थित हवा उसके मुंह के माध्यम से बाहर चली जाए। 
  • कई बार ज्ञान की कमी के कारण माताएं अपने बच्चों को आधे आधे घंटे तक दूध पिलाती रहती हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इससे बच्चा ओवर फीडिंग कर लेता हैं। इसके स्थान पर हमें बच्चों को 7 से 10 मिनट तक दूध पिलाना चाहिए।
  • यदि बच्चा बहुत ज्यादा भूख है तो हम अपने बच्चों को 12 मिनट तक दूध पिला सकते हैं। लेकिन इससे ज्यादा दूध पिलाना बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता हैं। वह ओवर फीडिंग करता हैं। जिसके कारण सारा दूध उसके मुंह से बाहर निकल जाता है। 

ब्रेस्टफीडिंग के बाद शिशु की उल्टी बंद करने के टिप्स

ब्रेस्टफीडिंग के बाद बच्चों  (Bacho me vomiting rokne ke tips)की उल्टियां के यहां हम कैसे बंद कर सकते हैं।उसके विषय में नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं। 

  • बच्चे जब एक बार उल्टी कर देते हैं तो उन्हें दोबारा दूध नहीं पिलाना चाहिए। ज्यादातर मामलों में जो अतिरिक्त दूध होता है वही बच्चों के पेट से बाहर निकलता है। 
  • दूध पिलाने के बाद हमें अपने बच्चों को सीधा रखना चाहिए। उसे लेते आना नहीं चाहिए कम से कम 30 मिनट तक उसे बैठ कर रखना चाहिए। 
  • स्तनपान करने वाली महिलाओं को अपने आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जो बच्चे के पेट के लिए लाभदायक हो । 
  • यदि आपका बच्चा उल्टी करता है तो हमें घरेलू उपचार बच्चों के ऊपर नहीं अपनाना चाहिए। उसकी नाभि के लिए यदि आपने कोई लेप तैयार किया हैं।
  • तो उसका उपचार कर सकते हैं लेकिन अंदरुनी रूप से हमें कोई घरेलू उपचार नहीं अपनाना चाहिए। 
  • स्तनपान कराने के तुरंत बाद उसे एक्टिविटीज में अनुभव नहीं करना चाहिए। उसे शांति से हमें बैठा  रखना चाहिए। 
  • बच्चों के लिए स्तनपान के अलावा कोई अच्छा विकल्प नहीं होता। यदि बच्चा ज्यादा उल्टी कर रहा है तब भी हमें फॉर्मूला मिल्क नहीं पिलाना चाहिए। मां के दूध से बेहतर कोई और दूध नहीं होता। 

दूध की उल्टी होने पर डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? 

यदि आपका बच्चा लगातार दूध की उल्टी कर रहा है और अपने घरेलू नुक्से अपना लिए हैं उसके बाद भी उसकी हालत ठीक नहीं लग रही है तो आप उसको डॉक्टर को दिखा सकते हैं डॉक्टर को दिखाने की स्थिति कब होती है उसके विषय में नीचे पॉइंट के माध्यम से आपको जानकारी दी गई है। 

  1. बच्चों को अगर हर काले पीले रंग की उल्टी हो रही है या उल्टी करने के दौरान खून आ रहा है। तो आप उसे डॉक्टर को दिखाएं। 
  2. यदि बच्चे को बुखार है उसे लगातार खांसी आ रही है या दूध पीने के दौरान वह टॉयलेट करता हैं। तो हमें डॉक्टर को दिखाना चाहिए। 
  3. यदि बच्चा लगातार  दूध की उल्टी कर रहा है और उसका वजन नहीं बढ़ रहा है। 
  4. उल्टी करने के बाद यदि बच्चा स्वस्थ और आईएनएक्टिव दिख रहा हैं। और किसी भी एक्टिविटी में इंटरेस्ट नहीं दिख रहा तो उसे अवश्य डॉक्टर को दिखाएं। 
  5. जब बच्चे बड़े हो जाते हैं उनके दूध की उल्टियां काम हो जाती हैं। यदि एक वर्ष के बाद भी बच्चा लगातार उल्टियां कर रहा है तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। 

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ) 

Q. बच्चे समानता दूध की उल्टी क्यों करते हैं? 

जब बच्चे ओवर फीड कर लेते हैं। या बच्चों के गले में पाई जाने वाली मस्कुलर रिंग्स बंद नहीं होती तब वह उल्टी करते हैं। 

Q. बच्चों को स्तनपान कराने का समय कितना होता है? 

हम अपने बच्चों को 7 से 10 मिनट तक ही स्तनपान कारण यही बच्चों के लिए सेफ रहता है। 

Q. समानता बच्चे कितने वर्ष तक दूध की उल्टी करते हैं? 

जब बच्चे 8 महीने के हो जाते हैं तब तक वह दूध की उल्टी करते रहते हैं। 

Q. बच्चों के लिए सबसे बेहतर दूध कौन सा होता है? 

बच्चों के लिए मां का दूध सबसे बेहतर होता है। 

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको दूध पीने के बाद शिशु को उल्टी होने के कारण और बचाव  (Bacho me vomiting) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप कमेंट करके कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की हुई जानकारी बिल्कुल ठोस और सटीक है ।अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें । हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

Leave a Comment