प्रेगनेंसी में टिटनेस का इंजेक्शन कब और क्यों लगाना चाहिए ?

गर्भावस्था के दौरान शिशु को हष्ट पुष्ट एवं स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर की सलाह पर समय-समय पर वैक्सीनेशन की जरूरत तो पड़ती ही रहती है लेकिन इंडेक्सिंग से समय-समय पर शिशु को भविष्य में बहुत सी समस्याएं से बचाया जा सकता हैl क्योंकि जब बच्चा गर्भ में होता है तो उसे रोगों और संक्रमण रोगों से बचाने के लिए माता को समय पर वैक्सीनेशन करना जरूरी होता है जिस वजह से ही बच्चे को बीमारियों से दूर रखने में सहायता होती हैl

तो आइए आज हम आपको बताने वाले है कि गर्भावस्था के दौरान आपको टिटनेस का इंजेक्शन क्यों लगवाना चाहिए और कब कब लगवाना चाहिएl शायद आप देखने जैसी बीमारी के बारे में तो जानते ही होंगे यदि नहीं जानते हैं तो हम आपको अपने आर्टिकल में विस्तार पूर्वक प्रेगनेंसी के दौरान टिटनेस से जुड़ी वैक्सीनेशन और होने वाली समस्याओं के बारे में आपको बताएंगेl

टिटनेस क्या होता है? प्रेगनेंसी के दौरान इसके क्या प्रभाव होते हैं? What is tetanus and what are the effects of tetanus during pregnancy?

वैसे तो आपके लिए समय-समय पर बहुत सी चोटें लगती रहती होंगी लेकिन जब यह छोटे किसी भी लोहे की वस्तु से लगती है तो अधिकतर डॉक्टर आपको टिटनेस का इंजेक्शन लगवाने की सलाह जरूर देते हैं तो आइए आप जानते हैं कि यह टिटनेस क्या होता हैl

प्रेगनेंसी में टिटनेस का इंजेक्शन कब और क्यों लगाना चाहिए

अगर इसे समझा जाए तो टिटनेस एक प्रकार की गंभीर बीमारी है क्योंकि यह बीमारी क्लॉस्ट्रीडियम नामक बैक्टीरिया से होती हैl यह बैक्टीरिया हमारे वातावरण में चारों ओर मिट्टी ,लार, धूल के कण, खाद्य पदार्थ,पानी और हवा आदि में पाए जाते हैं और जब भी हमारे शरीर ने कहीं पर कट जाता है या कोई चोट लग जाती है जिस वजह से हमारे शरीर का मांसपेशियां खुल जाती हैं वहां से  यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में आसानी से प्रवेश कर जाता हैl

जिस वजह से यह हमारे शरीर को संक्रमित कर देता है जिस कारण हमारा पूरा शरीर मांसपेशियों से दर्द भरा हो जाता है साथ ही साथ हमारे शरीर का ब्लड संतुलन भी बिगड़ जाता है और हमारे मुंह का जबड़ा ठीक से नहीं खुल पाता है जिस वजह से हमें चीजों को खाने पर निकलने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता हैl

लेकिन टिटनेस की समस्या से बचने के लिए भी एक पैकिंग आती है जिसे टिटनेस टॉक्साइट के नाम से जाना जाता हैl जिसे लगाने के बाद कोई भी मनुष्य इस समस्या से सुरक्षित हो जाता है लेकिन इसे प्रेग्नेंसी के दौरान लगवाना जरूरी बताया गया है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला और भ्रूण दोनों के लिए यह अधिक सुरक्षा प्रदान करता हैl

Tetanus talkside vaccine लगवाने के बाद प्रेग्नेंट महिला और घर उसके गर्भ में पल रहे शिशु का टिटनेस के इन्फेक्शन की चपेट में आने से निजात मिल जाती है साथ ही साथ महिला को प्रसव के दौरान भविष्य में titness से होने वाली बीमारी से भी सुरक्षित हो जाती हैl

गर्भावस्था के दौरान किसी भी गर्भवती महिला को टिटनेस का इंजेक्शन क्यों लगवाना चाहिए?

जैसा कि हमने आपको आपने आर्टिकल में बताया है की गर्भावस्था के दौरान एक महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिस वजह से इस अवस्था में समय-समय पर छोटी बड़ी समस्याएं पर अपने लगती हैं जिन से निजात पाने के लिए वैक्सीनेशन करवाना आवश्यक हो जाता है लेकिन यदि महिला को इस दौरान कोई भी चोट लग जाए या कट लग जाए तो उसे टिटनेस का इंफेक्शन हो सकता है जिसका असर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी हो सकता हैl

इसीलिए कोई भी डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान ऐसी दुर्भाग्यवश घटना के बाद टेटनेस टॉक्सोइड का इंजेक्शन लगवाने के लिए बोल देते हैं और यह जरूरी भी होता है क्योंकि इससे आप और आपका बच्चा दोनों पूर्ण रूप से इस समस्या से सुरक्षित हो जाते हैंl

हम आपको WHO (World Health Organisation) की एक सर्वे के अनुसार विश्व में लगभग प्रतिवर्ष 200000 से भी अधिक नवजात शिशु की टिटनेस की वजह से मृत्यु हो जाती हैl इस प्रकार की दुर्भाग्यवश घटना से दूरी बनाने के लिए गर्भावस्था के दौरान ही होने वाले इन्फेक्शन से बचने के लिए टिटनेस टॉक्साइड का इंजेक्शन डॉक्टर के द्वारा लगाने की सलाह दी जाती हैl

प्रेगनेंसी में टिटनेस का इंजेक्शन कितनी बार और किस किस माह में लगवाना चाहिए?

हमारे देश में टिटनेस के टीकाकरण के लिए एक भारतीय टीकाकरण अनुसूची तैयार की गई है जिसके अनुसार पंजाब कोई महिला पहली बार गर्भवती होती है तो उसे टेटनेस टॉक्सोइड की दो वैक्सीन लगाने की सलाह दी जाती है इस वैक्सीन की पहली डोज प्रेगनेंसी का पता चलते ही जल्द से जल्द गर्भवती महिला को लगवा लेनी चाहिए और पहली डोज लगवाने की लगभग 4 सप्ताह के बाद इसकी दूसरी डोज भी लगवा लेनी चाहिएl

और यदि कोई भी महिला 3 साल बाद दूसरी बार गर्भवती होती है तो उसे प्रेगनेंसी के दौरान पहले ही दो बार टीटी का टीका लग चुका होता है तो इस स्थिति में डॉक्टर उसे सिर्फ एक ही डोज लगवाने की सलाह देते हैं और इस दोष को बूस्टर डोज कहा जाता है इससे उस महिला को 3 डोजसे लग जाती हैं जिस कारण उसे टिटनेस की संक्रमण का खतरा समाप्त हो जाता हैl

कुछ डॉक्टरों की सर्वे के अनुसार यह पता चला है कि टिटनेस के इंजेक्शन की दूसरी डोज को डिलीवरी होने से लगभग 4 हफ्ते पहले दी जानी चाहिएl डब्ल्यूएचओ ने टिटनेस के टीके लगवाने के संबंध में एक एडवाइजरी जारी की थी जिसके अनुसार टीटी का इंजेक्शन गर्भवती महिला को दूसरी दूसरा गाने के 6 महीने बाद ही तीसरी डोज लगवा देनी चाहिए जिसके बाद उस महिला को 5 साल तक टिटनेस का टीका नहीं लगवाना होगा और वह 5 साल के लिए इस संक्रमण से रहत हो जाएगीl

प्रेगनेंसी के दौरान टीटी का इंजेक्शन लगवाने के बाद कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?

यदि आपने टिटनेस का इंजेक्शन लगवाया है तो आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है वैसे तो डॉक्टर आपको इस संबंध में सलाह देते ही हैं लेकिन फिर भी आपको स्वयं ही इन बातों का ध्यान रखना होगा जो कि निम्न प्रकार है-

  • सर्वप्रथम गर्भवती महिला को टिटनेस के इंजेक्शन लगवाने के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिएl
  • जिसके बाद वह स्वयं ही समय-समय पर टिटनेस वैक्सीनेशन के लिए तैयार रहेंl
  • Tetanus vaccination के समय वैक्सीन की सीसी को अच्छे से हिला कर इंजेक्शन में भरना चाहिएl
  • Titness वैक्सीनेशन की सीसी को ठंडे स्थान पर रख ले जाइए लेकिन उसे बर्फ में जमाना नहीं चाहिएl
  • भारतीय टीकाकरण सूची के अनुसार दी गई सलाह पर ही डॉक्टर के पास दूसरी डोज को लगवाने के लिए पहुंच जाना चाहिएl
  • वैक्सीनेशन वाले स्थान पर आपको बार-बार नहीं छूना चाहिए और ना ही खुजलाना चाहिए और ना ही उस स्थान को आप को गर्म कपड़े से सिकाई करनी चाहिएl
  • टीटी का इंजेक्शन लगवाने के बाद यदि आपको किसी भी प्रकार की समस्या हो रही है तो तुरंत ही आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिएl

यदि गर्भावस्था के दौरान टीटी का इंजेक्शन नहीं लगाते हैं तो कौन सा खतरा हो सकता है?

वैसे तो इस संबंध में हम आपको संपूर्ण जानकारी देते चले आ रहे हैं लेकिन यदि प्रेग्नेंसी के समय आप और आपका बच्चा टिटनेस जैसे इंफेक्शन से बचना चाहते हैं तो आपको इस इंजेक्शन को लगवा लेना चाहिए इससे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है और साथ ही यह आपको संक्रमण से भी बचाव करता है लेकिन फिर भी वैक्सीनेशन के बाद कुछ गर्भवती महिलाओं में आम लक्षण नजर आने लगते हैं हालांकि इस बात का कोई भी असर उनके होने वाले बच्चे पर नहीं दिखाई देता यह लक्षण सिर्फ गर्भवती महिलाओं पर ही दिखाई देते हैं जो कि निम्न प्रकार है-

  • जैसे इस इंजेक्शन को लगवाने के बाद गर्भवती महिलाओं में शारीरिक दर्द हो सकता हैl
  • गर्भवती महिलाओं को इस इंजेक्शन के लगवाने के कुछ ही समय बाद बहुत ही थकान महसूस होने लगती हैl
  • वैक्सीनेशन करवाने के कुछ समय बाद ही गर्भवती महिलाओं में बुखार जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं लेकिन यह आम बात है इससे कोई भी डरने की जरूरत नहीं हैl
  • इतने का इंजेक्शन लगवाने के बाद कुछ महिलाओं में एरिथेमा अर्थात लाल दाने, सूजन और दर्द आदि की समस्या हो सकती हैl
  • प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली सभी समस्याओं के बारे में हम आपको जानकारी देते रहते हैं लेकिन अपनी इस आर्टिकल में आज हमने आपको प्रेगनेंसी के दौरान कितने से होने वाले छोटे बड़े समस्याओं से दूर रहने के लिए टिटनेस वैक्सीनेशन जरूरी होता है जिससे समय पर जाकर आपको अपने डॉक्टर से सलाह के बाद लगवा लेना चाहिए जिससे आपका और आपका बच्चा संपूर्ण रुप से सुरक्षित रह पाएl

प्रेगनेंसी के दौरान टिटनेस टीका लगवाने से संबंधित प्रश्न उत्तर FAQs

प्रेगनेंसी के दौरान टिटनेस का टीका क्यों जरूरी होता है?

Ans: टिटनेस  एक भयंकर बीमारी है डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में लगभग 200000 नवजात शिशु की मृत्यु titness वजह से हो जाती है इसीलिए कोई भी गर्भवती महिला को अपने आप को और अपने नवजात शिशु को संक्रमण से बचाने हेतु टिटनेस का इंजेक्शन भारतीय टीकाकरण अनुसूची के अनुसार समय पर अवश्य ही लगवा लेना चाहिएl

प्रेगनेंसी के दौरान टिटनेस का टीका कब कब कब करवाना चाहिए?

Ans: कोई भी है जब पहली बार गर्भवती होती है तो उसे डॉक्टर दो डोज लगवाने की सलाह देते हैंl इसमें पहली डोज उसे प्रेगनेंसी का पता करते ही लगवा लेनी चाहिए और जिसके 4 सप्ताह बाद ही उसे दूसरी डोज भी लगवा लेनी चाहिएl

टिटनेस के इंजेक्शन लगवाने के बाद कौन सी समस्या हो सकती है?

जब आप डेट निस का इंजेक्शन लगाते हैं तब गर्भवती महिला को वैक्सीनेशन से होने वाली कुछ समस्याएं हो सकती हैं लेकिन इससे उसके नवजात शिशु पर कोई भी असर नहीं पड़ता है महिला को बुखार आना, थकान होना, कमजोरी महसूस होना, शरीर पर लाल दाने होना, शारीरिक दर्द होना आदि जैसी मामूली समस्याओं का सामना करना पड़ता हैl

इंफेक्शन कब होता है?

जब कोई भी व्यक्ति कटी फट जाता है तो उसके शरीर में घाव हो जाता है जिस वजह से क्लॉस्ट्रीडियम नामक बैक्टीरिया उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है जिसके बाद उस व्यक्ति के शरीर की मांसपेशियों में दर्द,ब्लड प्रेशर असंतुलन, मुंह का जबड़ा नहीं खुल पाता है जिस वजह से व्यक्ति कुछ भी खा और निकल नहीं पाता हैl

निष्कर्ष

तो आज हमने आपको अपनी इस आर्टिकल में प्रेगनेंसी में आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए,आपको प्रेग्नेंसी के समय टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना चाहिए चाहिए अन्यथा आपको किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे है,हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारी  किसी महिला के गर्भावस्था जीवन में होने वाली समस्याएं सहायता करती हो, तो आप हमारे इस आर्टिकल को जरूरतमंद लोगों के साथ जरूर शेयर करें और साथ ही साथ सुधार हेतु आप अपना फीडबैक जरूर दें धन्यवाद!

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