शिशु के लिए ग्राइप वाटर के फायदे और नुकसान

अक्सर जब शिशु बीमार होता है और काफी देर तक रोने के बाद वह चुप नहीं होता तो उसे ग्राइप वाटर पिलाने का प्रयास किया जाता है। जिससे उसकी परेशानी दूर हो सके और वह पूरी तरीके से स्वस्थ हो सके परंतु ग्राइप वाटर के क्या-क्या फायदे हैं (Gripe water kya hai?)और यह बच्चे के पिलाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित है या नहीं। उसके विषय में अक्सर पेरेंट्स को जानकारी नहीं होती ग्राइप वाटर की पूरी जानकारी प्राप्त करना जरूरी हैं। तभी उसे बच्चों को सेवन कराया जा सकता है। 

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको शिशु के लिए ग्राइप वाटर के फायदे और नुकसान (Gripe water ke faydey aur nuksaan)के विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े। 

ग्राइप वाटर क्या होता है? 

पुराने समय में अक्सर बच्चों (Gripe water kya hai?)की परेशानी या किसी भी वयस्क की परेशानी को दूर करने के लिए ग्राइप वाटर का इस्तेमाल किया जाता हैं। ग्राइप वाटर पेट में कब्ज गैस एसिडिटी की समस्याओं में इस्तेमाल किया जाता था। 

शिशु के लिए ग्राइप वाटर के फायदे और नुकसान

इससे पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती थी इसका निर्माण सोडियम बाइकार्बोनेट, सौंफ, इलायची, अदरक, कैमोमाइल, मुलेठी, लॉन्ग आदि तरीके की जड़ी बूटियां से मिलकर बनाया जाता है। यह एक प्रकार का आयुर्वेदिक प्रिपरेशन है 1800 के दशक में ज्यादातर बच्चों को यही पिलाया जाता था और यह सरदार भी हैं।

 यह बच्चों के पेट दर्द की समस्या को बहुत जल्दी ठीक कर देता है जब शिशु ज्यादा रोते हैं तो उन्हें ड्राइव वाटर पर लाया जाता है। यह पेट की समस्या हिचकी की समस्या और दर्द की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। 

क्या नवजात शिशु को ग्राइप वाटर देना सुरक्षित है? 

पिछले जमाने से ही ग्राइप वाटर का (Gripe water ki suraksha)इस्तेमाल बच्चों के पेट की समस्याओं को ठीक करने में किया जा रहा है। परंतु यह बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं। इसके विषय में बहुत सारी भ्रांतियां हैं कई लोगों का मानना है।

 कि बच्चों के पेट में यदि किसी प्रकार की दिक्कत है तो ग्रिप वाटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। परंतु बहुत लोग ऐसा मानते हैं कि ग्राइप वाटर में अल्कोहल मिलाया जाता है जो बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता परंतु वर्तमान में जो ग्राइप वाटर मार्केट में इस्तेमाल और बेचे जा रहे हैं।

 उनमें सिर्फ सोडियम बाइकार्बोनेट और जड़ी बूटियां उपलब्ध होती हैं जो बच्चे के लिए बिलकुल सेफ होती हैं। और बच्चे की पेट की समस्या को ठीक करने में भी मदद करती है। 

समानता डॉक्टर के द्वारा यह बताया जाता है कि बच्चों को ज्यादा मात्रा में सोडियम बाइकार्बोनेट खिलाना बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। परंतु यदि बच्चे के पेट में गैस की समस्या है तो सोडियम बाइकार्बोनेट को इस्तेमाल किया जा सकता है।

 यह पेट की गैस को निकालने में मदद करता है। यदि ड्राई वाटर में अल्कोहल या सुक्रोज उपलब्ध नहीं है तो यह बच्चे के लिए बिलकुल सेफ होता है और उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। 

ग्राइप वाटर में पाए जाने वाले इनग्रेडिएंट

ग्राइप वाटर को बनाने के दो तरीके होते (Gripe water me ingredients)हैं। यदि आप पुराने समय में चले जाएं तो वाटर को बनाते समय उसमें अल्कोहल या सुक्रोज का इस्तेमाल जरूरी किया जाता था। 

पुराने समय में यही बच्चों को पिलाया जाता था और इससे बच्चों को फायदा भी होता था। परंतु नए युग के आते-आते 1942 में पेरेंट्स की शिकायत के बाद ग्रिप वॉटर में अल्कोहल को मिलना बंद कर दिया गया। क्योंकि एक महीने से कम उम्र के बच्चों को यदि अल्कोहल का सेवन कराया जाता था। तो यह बच्चे के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता था। 

वर्तमान में जो ग्राइप वाटर बनाया जाता है वह प्राकृतिक और जड़ी बूटियां से निर्मित होता हैं। इसमें सौंफ, लौंग, इलाइची, अदरक, मुलेठी, सोडियम बाइकार्बोनेट, दालचीनी, एलोवेरा लंबो ,पोटेशियम शोरबाटे आदि चीजों से मिलकर बना होता है। 

ग्राइप वाटर में हम पोटैशियम सॉर्बेट का इस्तेमाल करते हैं। पोटेशियम सातम संरक्षक के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। यह ग्राइप वाटर को संरक्षित रखने में मदद करता है और इसे जल्दी खराब नहीं होने देता। यदि हम पोटेशियम सर वेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

 तो 6 महीने में ही पोटैशियम सॉर्बेट में बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं और यह खराब होने लगता है। इसको सुरक्षित रखने के लिए इसे फ्रीज में रखने की आवश्यकता होती हैं। इसमें पूरी तरीके से नेचुरल तत्व उपलब्ध होते हैं जिसके कारण इसे शाकाहारी लोग भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

 ग्रिप वाटर के फायदे

ग्राइप वाटर के क्या-क्या फायदे होते हैं (Gripe water ke fayde)और बच्चे को देने से बच्चे को क्या-क्या फायदा मिल सकता हैं। उसके विषय में नीचे पॉइंट्स के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई है। 

1. ग्राइप वाटर के फायदे पेट दर्द में :

ग्राइप वाटर शिशु के पेट दर्द के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं। यदि शिशु को गैस की समस्या है और वह बार-बार बहुत रो रहा है तो आप उसे ग्राइप वाटर का सेवन कर सकते हैं। इसमें सोडियम बाइकार्बोनेट पाया जाता हैं। जो बच्चे की गैस की समस्या को खत्म करने में मदद करता है और बच्चे के पेट दर्द को भी काम करता हैं। यह पूरी तरीके से हेल्दी होता है और इसमें सभी नेचुरल तत्व ही मिले जाते हैं। 

2. डकार दिलाने का अच्छा उपाय :

अक्सर छोटे बच्चों को दूध पिलाने के बाद उन्हें डकार दिलाने की आवश्यकता होती हैं। ऐसा माना जाता है कि जब तक बच्चों को डकार नहीं आती तब तक उसका दूध पचता नहीं हैं। बच्चे को डकार दिलाने के लिए आप ग्राइप वाटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ग्रिप बच्चों को अच्छी तरीके से डकार दिलाने में मदद करता है। 

3. ग्रिप वाटर हिचकी दूर करने में मददगार :

ग्राइप वाटर बच्चों की हिचकी को दूर करने में मददगार होता हैं। अक्सर आपने देखा होगा कि दूध पीने के बाद बच्चे को हिचकी आने लगती हैं। ऐसा माना जाता है कि जब बच्चे को हिचकी आती है तो उसके पाचन में समस्या हो सकती हैं। उसकी हिचकी को बंद करने के लिए और उसके पाचन को ठीक करने के लिए आप बच्चे को थोड़ा सा ग्राइप वाटर पिला सकते हैं। यह बच्चे के लिए ही निर्मित होता है और बच्चे को बहुत फायदा देता है। 

4. एसिड रिफ्लक्स में फायदेमंद ग्राइप वाटर :

यदि आपके बच्चे को एसिड रिफ्लक्स की समस्या हैं। यानी कि आपका बच्चा बार-बार थूक रहा हैं। तो आपके बच्चे के पेट को शांत करने के लिए थोड़ा सा ग्राइप वाटर अवश्य पिलाना चाहिए। 

ग्राइप वाटर के नुकसान

शिशुओं के लिए ग्राइप वाटर बिल्कुल (Gripe water ke nuksan)सुरक्षित होता हैं। परंतु इसके एलर्जिक रिएक्शंस पर ध्यान देना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। कुछ बच्चों में इसके एलर्जी रिएक्शंस भी देखने को मिल सकते हैं। अपने बच्चों को ग्राइप वाटर देने के बाद आप उनके निम्न लक्षण देख सकते हैं।

  • गीली आंखें 
  • होठों पर सूजन 
  • एलर्जी 
  • उल्टी 
  • खुजली 
  • सांस लेने में बदलाव 
  • स्तनपान और दूध की आपूर्ति में बाधा

यदि आपके ऊपर दिए गए सिम्टम्स में से बच्चों के अंदर कोई सा भी सिंपटम दिखाई देता हैं। तो आप अपने बच्चों को तुरंत ग्राइप वाटर देना बंद कर सकते हैं। 

ग्राइप वाटर को उपयोग कैसे किया जाता है? 

बच्चों को पानी देने से पहले हमें (Gripe water ka upyog)डॉक्टर से अवश्य संपर्क कर लेना चाहिए। यदि डॉक्टर ने पूरे चेकअप के बाद हमें यह बताया है कि बच्चों को यह वाटर देना सही हैं। तब हम अपने बच्चों को यह वाटर पिला सकते हैं।

 परंतु वाटर देने से पहले हमें इसके दिशा और निर्देशों को सही तरीके से पढ़ लेना चाहिए। कितने समय और कितनी मात्रा में बच्चों को यह वाटर देना हैं। उसके आधार पर ही हमें बच्चों को वाटर पिलाना चाहिए। बच्चों को हम वाटर खाने के बाद पिला सकते हैं परंतु उसकी मात्रा सही हो हम बच्चे को यह वाटर ड्रॉपर या चम्मच के माध्यम से पिला सकते हैं। 

ग्रिप बॉर्डर का इस्तेमाल आमतौर पर दिन में एक बार किया जाता है ज्यादा यह बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए। आप ग्राइप वाटर को सदा दिया करें इसे ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क में मिलाकर नहीं देना चाहिए। इसका स्वाद मीठा होता है इसलिए इससे बच्चे बहुत पसंद करते हैं। 

बच्चों को ग्राइप वाटर कब देना चाहिए? 

बच्चों को ग्राइप वाटर जब बच्चा 6 (Gripe water ki shuruat)महीने का हो जाए तब देना चाहिए। डॉक्टर का ऐसा मानना है परंतु ग्राइप वाटर बनाने वाली कंपनी यह रिकमेंड करती है कि आप दो सप्ताह के बच्चे को ग्राइप वाटर पिलाकर उसके फायदे बच्चों को दे सकते हैं।

 डॉक्टर के द्वारा यह बताया गया है कि एक महीने से कम उम्र के बच्चे को ग्राइप वाटर नहीं देना चाहिए। क्योंकि इसमें केमिकल्स भी मिले जाते हैं जो बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए एक महीने से कम उम्र के बच्चे को ग्राइप वाटर हमें नहीं पिलना चाहिए।

जब बच्चे को पेट फूलना पेट में दर्द होने अपच होने की समस्या तब राहत देने के लिए आप बच्चे को ड्राई वाटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। परंतु बच्चों को खाली पेट ग्राइप वाटर नहीं देना चाहिए यह बच्चे के लिए नुकसान दे सकता है। 

क्या ग्राइप वाटर के अलावा कोई विकल्प है? 

कई बच्चों के लिए माता-पिता ग्राइप (Gripe water ke vikalp)वॉटर सेफ नहीं मानते इसलिए वह उन्हें ग्राइप वाटर पिलाना पसंद नहीं करते और चाहते हैं। कि ड्राइव बॉर्डर के अलावा कोई और विकल्प हो ग्राइप वाटर के अलावा अन्य विकल्प नीचे पॉइंट्स के माध्यम से स्पष्ट किए गए हैं। 

  • जब बच्चे के पेट में गैस आदि की समस्या हो तो हलके हाथों से बच्चों के पेट की मालिश करनी चाहिए।
  • ऐसा करने से बच्चे को गैस की समस्या ठीक होने में मदद मिलती हैं। और माता और बच्चे के बीच में लगाओ भी गहरा होता है। 
  • जब बच्चे को गैस की समस्या हो तो आप उसे साइकलिंग एक्सरसाइ भी कर सकते हैं। एक्सरसाइज करने से बच्चों के पेट में गैस या अपच की समस्या को कम करने में मदद मिलती है। 
  • इसके अलावा आप अपने बच्चों को गर्म कंबल में लेता है और उसे आगे पीछे हिलाते रहे ऐसा करने से उसकी बॉडी का मूवमेंट होगा। और उसके पेट के अंदर के इनर पार्ट्स भी मूव होंगे जिससे उसे बेचैनी में शांति मिलेगी। 
  • यदि आपका बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा है तो आप उसे गाय का दूध भी पिला सकते हैं। गाय का दूध बहुत बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होता है और यह हल्का होता हैं। यह जल्दी से बच जाता है और बच्चे को अपन जैसी या गैस जैसी समस्याएं नहीं होने देता। 
  • परंतु इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कुछ बच्चों को गाय के दूध से एलर्जी हो सकती हैं। इसलिए गाय का दूध बच्चों को देना है या नहीं। इसके विषय में हमें डॉक्टर से अवश्य संपर्क कर लेना चाहिए। 
  • बच्चों को खाना खिलाते समय उसे हमेशा सीधा लेते आना चाहिए। उसे पेट के बाल नहीं लेटना चाहिए इससे गैस कम बनती हैं। इसके अलावा यदि आप बच्चे को स्तनपान कर रहे हैं तो उसके आहार में अन्य चीजों को कम कर देना चाहिए।इससे बच्चे का पेट खाली रहता है और उसे अपाचे गैस की समस्या बनने में भी कमी आती है। 
  • यदि आपको अपने बच्चों की बोतल में कुछ कामिल नजर आती है तो आप अपने बच्चों के दूध की बोतल भी बदल सकते हैं। बच्चों के लिए ऐसी दूध की बोतल का चुनाव करना चाहिए। जो की डिस्पोजेबल हो और जिसमें बच्चों के अपाचे या बच्चों के पेट में हवा पहुंचने की समस्या भी कम करें। इसलिए हमें एक अच्छी दूध की बोतल बच्चों के लिए खरीदनी चाहिए। 

ग्राइप वाटर देते समय ध्यान देने योग्य बातें

ग्राइप वाटर को देने का एक पर्याप्त तरीका होता है यदि या बच्चे को ग्राइप वाटर दे रहे हैं। तो आप इन बातों को ध्यान दे सकते हैं। 

  • जब बच्चा 1 महीने का हो जाए तब उसे ग्राइप वाटर पिलाना चाहिए। 
  • बच्चों को ग्राइप वाटर दिन की वजह रात के समय में देना चाहिए। यह बच्चे को अच्छी नींद लाने में मदद करता है। 
  • ग्रिप वाटर को किसी भी चीज के साथ मिक्स करके नहीं देना चाहिए। उसे ओरिजिनल रूप में देना चाहिए। ओरिजिनल ग्रेप बॉर्डर बच्चों को ज्यादा फायदा पहुंचता है। 
  • बच्चों को कभी भी खाली पेट यह वाटर नहीं पिलाना चाहिए। इसमें सोडियम बाइकार्बोनेट होता है जो खाली पेट बच्चों के स्टमक बाल को नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। 

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ) 

Q. ग्राइप वाटर कब दिया जाता है? 

जब बच्चे को गैस अपच या एसिडिटी की समस्या होती है तब उसे ग्रिप वाटर पिलाया जाता है। 

Q. ग्राइप वाटर में क्या-क्या चीज उपस्थित होती हैं? 

इसमें लौंग इलाइची अदरक मुलेठी सोडियम बाइकार्बोनेट सोडियम सेरेट पाया जाता है। 

Q. किस उम्र से बच्चे को ग्राइप वाटर दिया जा सकता है? 

जब बच्चे एक महीने से ज्यादा उम्र के हो जाते हैं तब उन्हें यह वाटर पिलाया जा सकता है। 

Q. ग्राइप वाटर के अलावा बच्चों को क्या चीज दी जा सकती हैं? 

बच्चों को गर्म दूध पेट में मालिश पानी आदि चीजों से भी पेट की गैस की समस्या को ठीक किया जा सकता है। 

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको शिशु के लिए ग्राइप वाटर के फायदे और नुकसान के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप कमेंट करके कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की हुई जानकारी बिल्कुल ठोस और सटीक है ।अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें । हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

Leave a Comment